Chapter 2 दो लघुकथाएँ
Textbook Questions and Answers
सूचना के अनुसार कृतियाँ करो :
संजाल पूर्ण करो:
Answer:
उत्तर लिखो:
Question 1.
Answer:
Question 2.
Answer:
विधानों के सामने चौखट में सही (✓) अथवा गलत (✗) चिह्न लगाओ:
Question 1.
जिह्वा ने अविवेक पूर्ण उत्तर दिया।
Answer:
(✗) गलत
Question 2.
दाँत घमंडी थे।
Answer:
(✓) सही
Question 3.
सभी अपराधियों को नियमानुसार सजा नहीं हुई।
Answer:
(✗) गलत
Question 4.
ठेकेदार पुराना था।
Answer:
(✗) गलत
Question 5.
उच्च अधिकारी ईमानदार थे।
Answer:
(✓) सही
उचित जोड़ियाँ मिलाओ:
Answer:
स्वयं अध्ययन
किसी ग्रामीण और शहरी व्यक्ति की दिनचर्या की तुलनात्मक जानकारी प्राप्त करके आपस में चर्चा करो।
भाषाबिंदु
निम्नलिखित शब्दों के आधार पर मुहावरे लिखकर उनका अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए।
(नाक, दाँत, गला, मुँह)
(१) नाकः
Answer:
- नाक रगड़ना – गिड़गिड़ाना : अपनी इस अकड़ के कारण तुम्हें सभी के सामने एक दिन अपनी नाक रगड़नी पड़ेगी।
- नाक में दम करना – बहुत परेशान करना : इन बच्चों ने सभी के नाक में दम कर दिया है।
- नाक – भौं सिकुड़ना – घृणा करना : अच्छा हो या बुरा… उसकी तो आदत ही है, नाक – भौं सिकोड़ने की।
(२) दाँतः
Answer:
- दाँत खट्टे करना – हरा देना : युदध में भारतीय सेना ने दुश्मनों के दाँत खट्टे कर दिए हैं।
- दाँत पीसना – गुस्सा होना : तुम अपनी यह दाँत पीसने की आदत छोड़ दो।
- दाँतों तले उँगली दबाना – आश्चर्य चकित होना : जादूगर का खेल देखकर सभी ने दाँतों तले उँगलियाँ दबा लीं।
(३) गला:
Answer:
- गला फाड़ना – जोर से चिल्लाना : वह गला फाड़कर अपनी दवा का विज्ञापन कर रहा था।
- गला काटना – हानि पहुँचाना : इस तरह का दुर्व्यवहार कर तुम दूसरों का गला काट रहे हो। यह उचित नहीं है।
- गले का हार होना – बहुत प्रिय होना : हर बेटा अपनी माँ के गले का हार होता है।
(४) मुँह:
Answer:
- अपना-सा मुँह लेकर रह जाना – अपमानित होने के बाद हताश होना : परीक्षा में फेल हो जाने पर वह अपना-सा मुँह लेकर रह गया।
- मुँह बनाना – चेहरे पर अप्रसन्नता का भाव प्रकट करना : पिता जी ने मनचाही वस्तु नहीं लाई। इसलिए राहुल ने तुरंत अपना मुँह बना लिया।
- मुँह बंद कर देना – चुप कर देना : पिता जी ने गुस्से में घर आकर सभी का मुँह बंद कर दिया था।
उपयोजित लेखन
‘जल के अपव्यय की रोकथाम’ संबंधी चित्रकला प्रदर्शनी का आकर्षक विज्ञापन तैयार कीजिए।
Answer:
पठनीय
‘श्रमप्रतिष्ठा का महत्त्व’ इस विषय पर निबंध लिखिए।
Answer:
श्रम यानी ‘मेहनत करना।’ श्रम ही जीवन है। श्रम ही संपत्ति है। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को श्रम करना चाहिए। श्रम की पूजा करनी चाहिए; तब जाकर श्रमिक को समाज में प्रतिष्ठा प्राप्त होगी। श्रम के बिना व्यक्ति सफल नहीं हो सकता। श्रम करने से ही कार्य सिद्ध होता है। परिश्रम मानवीय गुण है। श्रम करने से व्यक्ति का मन प्रसन्न रहता है। श्रम करने वाले व्यक्ति को समाज में सम्मान मिलता है। मजदूर दिनभर पुल या सड़क बनाने का काम करता है। वह सूरज की कड़ी धूप व बारिश में भी काम करता है। तब जाकर सड़क, पुल का निर्माण होता है।
किसान खेती करता है। वह दिन-रात मेहनत करता है। इसलिए सभी को खाने के लिए अनाज उपलब्ध होता है। ताजमहल का निर्माण करने में कारीगरों को कई वर्ष लगे। तब जाकर उनकी मेहनत रंग लाई व भव्य वास्तु – शिल्पकला का निर्माण किया। देश को आजादी दिलाने के लिए कई वीरों ने दिन-रात संघर्ष किया। आज विज्ञान के क्षेत्र में जो चतुर्दिक प्रगति हुई है। इसके पीछे कई वैज्ञानिकों का अथक श्रम है। यह सब उनके श्रम का ही फल है कि हम आजाद भारत में विज्ञान का सुख भोग रहे हैं। अत: स्पष्ट है कि श्रम मनुष्य जाति व राष्ट्र की उन्नति के लिए नितांत आवश्यक है।
Additional Important Questions and Answers
प्रश्न १ (क) निम्नलिखित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।
कृति क (१) आकलन कृति
समझकर लिखिए।
Answer:
कारण लिखिए।
Question 1.
अधिकारी महोदय ने ठेकेदार को कहीं और जाने के लिए कहा।
Answer:
क्योंकि उसके काम के प्रति वे संतुष्ट नहीं थे।
Question 2.
अधिकारी ने ठेकेदार का काम बंद करवाने की बात की।
Answer:
क्योंकि उसके काम में पर्याप्त सुधार नहीं आया था।
कृति पूर्ण कीजिए।
Answer:
कृति क (२) आकलन कृति
उपर्युक्त गद्यांश से ऐसे दो प्रश्न तैयार कीजिए जिनके उत्तर निम्नलिखित शब्द हों
- ठेकेदार
- अधिकारी
Answer:
- कौन नया था?
- नींव की दीवार पर किसने निगाह डाली?
समझकर लिखिए।
Question 1.
किसने किसको पाठ पढ़ाने का निश्चय किया?
Answer:
नए ठेकेदार ने संबंधित अधिकारी को।
Question 2.
अधिकारी किसलिए गुस्सा होते थे?
Answer:
क्योंकि वे नए ठेकेदार से रिश्वत चाहते थे।
कृति क (३) शब्द संपदा
मानक वर्तनी के अनुसार शब्द शुद्ध लिखिए।
- ईण्ट
- सम्बधित
- बन्द
- परयाप्त
Answer:
- इंट
- संबंधित
- बंद
- पर्याप्त
लिंग बदलिए।
- ठेकेदार
- अधिकार
Answer:
- ठेकेदारनी
- अधिकारिनी
विलोम शब्द लिखिए।
- नया
- गरम
- असंतोष
- व्यक्त
Answer:
- पुराना
- ठंडा
- संतोष
- अव्यक्त
निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची शब्द लिखिए।
- दिन
- गरम
Answer:
- दिवस
- उष्ण
कृति क (४) स्वमत अभिव्यक्ति
Question 1.
क्या रिश्वत देना व रिश्वत लेना दोनों ही कानूनन अपराध हैं? अपने विचार लिखिए।
Answer:
जी हों, रिश्वत देना व लेना दोनों ही कानूनन अपराध हैं। इसके लिए कानून द्वारा सख्त नियम तैयार किए गए हैं। जो व्यक्ति रिश्वत लेता है उसे पकड़ने जाने पर सजा तो होती ही है, साथ ही जो रिश्वत देता है वह भी कानून की नजर में अपराधी होता है। रिश्वत के लेन-देन के कारण देश का विकास नहीं होता है और सर्वसाधारण लोगों को कई कष्ट झेलने पड़ते हैं। रिश्वत के दम पर ही कई अवैधानिक कामों को अंजाम दिया जाता है। इसलिए रिश्वत लेना व रिश्वत देना दोनों ही कानूनन अपराध हैं।
निम्नलिखित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।
कति ख (१) आकलन कृति
किसने, किससे कहा?
Question 1.
कुछ एक भ्रष्ट अधिकारियों के कारण ही पूरा प्रशासन बदनाम होता है।
Answer:
यह वाक्य उच्च अधिकारी ने नए ठेकेदार से कहा।
गलत वाक्य सही करके लिखिए।
Question 1.
अधिकारी महोदय व उच्च अधिकारी का सार्वजनिक समारोह में सम्मान किया गया।
Answer:
ठेकेदार व उच्च अधिकारी का सार्वजनिक समारोह में सम्मान किया गया।
Question 2.
ठेकेदार ने उच्च अधिकारी महोदय को रिश्वत दे दी।
Answer:
ठेकेदार ने अधिकारी महोदय को रिश्वत दे दी।
कृति ख (२) आकलन कृति
उत्तर लिखिए।
Question 1.
इसने शिकायत की।
Answer:
नए ठेकेदार ने।
Question 2.
इसके खिलाफ शिकायत की।
Answer:
अधिकारी महोदय के खिलाफ।
Question 3.
शिकायत का नतीजा।
Answer:
अधिकारी महोदय को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ लिया।
Question 4.
इसके पास शिकायत दर्ज हुई।
Answer:
उच्च अधिकारी के पास।
उचित घटनाक्रम लगाकर वाक्य फिर से लिखिए।
Question 1.
उच्च अधिकारी महोदय का आगमन हुआ।
Answer:
अधिकारी महोदय निरीक्षण करने आए।
Question 2.
ठेकेदार और उच्च अधिकारी की ईमानदारी का समाचार चारों तरफ फैल गया।
Answer:
अधिकारी प्रसन्न होकर जाने लगा।
Question 3.
अधिकारी प्रसन्न होकर जाने लगा।
Answer:
उच्च अधिकारी महोदय का आगमन हुआ।
Question 4.
अधिकारी महोदय निरीक्षण करने आए।
Answer:
ठेकेदार और उच्च अधिकारी की ईमानदारी का समाचार चारों तरफ फैल गया।
उचित जोड़ियाँ लगाइए।
Answer:
विलोम शब्द लिखिए।
- बुरा
- उच्च
- एक
- प्रसन्न
Answer:
- अच्छा
- निम्न
- अनेक
- अप्रसन्न
अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखिए।
- ठेका लेने वाला।
- नगर, संस्था आदि के अधिकारों, कर्तव्यों को कार्य रूप देना।
Answer:
- ठेकेदार
- प्रशासन
निम्नलिखित शब्दों के अर्थ गद्यांश के आधार पर लिखिए।
- परिणाम
- सजा
Answer:
- नतीजा
- दंड
निम्नलिखित शब्द से उपसर्ग अलग कीजिए और संबंधित उपसर्ग से अन्य दो शब्द बनाइए।
Question 1.
अधिकारी
Answer:
अधिकारी : उपसर्ग : अधि अन्य दो शब्द : अधिकरण, अधिकार
Question 2.
बदनाम
Answer:
बदनाम : उपसर्ग बद अन्य दो शब्द : बदसूरत, बदमाश
कृति ख (४) स्वमत अभिव्यक्ति
Question 1.
‘बुरे काम का बुरा नतीजा’ कथन के संदर्भ में अपने विचार लिखिए।
Answer:
हिंदी में कहा गया है कि बुरे काम का नतीजा बुरा होता है। यदि हम दूसरों के लिए गड्ढा खोदने का काम करेंगे, तो हम स्वयं ही उसमें जाकर गिरेंगे। आखिर, जैसा करोगे; वैसा भरोगे। गीता में भगवान कृष्ण ने स्वयं बताया है कि मानव को उसके कर्म का फल यही पर रहकर ही भुगतान पड़ता है। जो जैसा करता है; वैसा ही फल पाता है। यदि एक छात्र पूरे वर्ष कुछ भी पढ़ाई न करेगा, तो वह अंतिम परीक्षा में असफल हो जाएगा। अंत में उसे अपने लापरवाही का परिणाम भुगतना ही पड़ेगा। अत: स्पष्ट है कि किसी भी बुरे काम का परिणाम सदैव बुरा ही होता है।
निम्नलिखित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।
कृति ग (१) आकलन कृति
समझकर लिखिए।
- इसलिए दाँत दुस्साहसी हो गए थे।
- ये हो गए थे गर्व में चूर।
Answer:
- पंक्तिबद्ध व एकजुट रहने के कारण
- दाँत
कृति पूर्ण कीजिए।
Question 1.
Answer:
Question 2.
Answer:
Question 3.
Answer:
कृति ग (३) शब्द संपदा
नीचे लिखे शब्दों में उचित प्रत्यय लगाइए।
- जवान
- कृपा
Answer:
- जवान + ई – जवानी
- कृपा + लु – कृपालु
लिंग पहचानिए।
- नम्रता
- दाँत
Answer:
- स्त्रीलिंग
- पुल्लिंग
वचन बदलिए।
- मित्र
- मैं
Answer:
- मित्रगण
- हम
गोश में आए विलोम शब्द की जोड़ी ढूँढकर लिखिए।
- जवान
Answer:
- बद्ध
कृति ग (४) स्वमत अभिव्यक्ति
Question 1.
‘घमंड मनुष्य के विनाश का कारण बन जाता है।’ कथन के संदर्भ में अपने विचार लिखिए।
Answer:
घमंड ऐसी स्वाभाविक कुवृत्ति है जो मनुष्य का नाश कर डालती है। जिसके हृदय में घमंड होता है; वह जिंदगी में कुछ भी नहीं कर सकता है। घमंड मनुष्य का शव होता है। घमंड करने के कारण व्यक्ति को कई सारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। रावण वेदों का ज्ञाता था फिर भी घमंड करने के कारण उसका विनाश हो गया। दुर्योधन वीर था, फिर भी घमंड करने के कारण उसका विनाश हो गया। घमंड के कारण व्यक्ति अपने अंदर के ज्ञान को भूल जाता है और वह पतन की ओर बढ़ने लगता है। कहा भी गया है कि घमंडी का सिर नीचा होता है।
निम्नलिखित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।
कृति घ (१) आकलन कृति
कारण लिखिए।
Question 1.
सभी दाँतों से थर्राते हैं।
Answer:
दाँतों के कड़े और नुकीलेपन के कारण सभी उनसे धरतेि हैं।
Question 2.
सभी दाँत निरूत्तर हो गए।
Answer:
जीभ ने उन्हें चेतावनी देते हुए कहा कि दंत चिकित्सक एक एक को बाहर कर देगा। यह सुनकर सभी दाँत निरूत्तर हो गए।
उपर्युक्त गद्यांश से ऐसे दो प्रश्न तैयार कीजिए जिनके उत्तर निम्नलिखित शब्द हों
- गहरी
- दंत चिकित्सक
Answer:
- दाँतों की जड़े कैसी हैं?
- दाँतों को बाहर कौन कर देता है?
किसने, किससे कहा?
Question 1.
हम सब मिलकर तुझे घेरे खड़े हैं।
Answer:
यह वाक्य दाँतों ने जीभ से कहा।
Question 2.
मुझमें पूरी दुनिया को प्रभावित करने और झुकाने की क्षमता है।
Answer:
यह वाक्य दाँतों ने जीभ से कहा।
समझकर लिखिए।
Question 1.
गद्यांश में प्रयुक्त एक काव्य पंक्ति लिखिए।
Answer:
किसी को पसंद नहीं सख्ती बयान में तभी तो दी नहीं हड्डी जबान में।
कृति घ (३) शब्द संपदा
Question 1.
निम्नलिखित गद्यांश से उपसर्ग व प्रत्यययुक्त शब्द ढूँढ़कर लिखिए।
Answer:
उपसर्गयुक्त शब्द : निरूत्तर : उपसर्ग : निर
प्रत्यययुक्त शब्द : विवेकपूर्ण : प्रत्यय : पूर्ण शक्तिशाली : प्रत्यय : शाली
विलोम शब्द लिखिए।
- विवेक
- विनम्रता
Answer:
- अविवेक
- कठोरता
वचन बदलिए।
- जड़ें
- हड्डी
Answer:
- जड़
- हड्डियाँ
कृति घ (४) स्वमत अभिव्यक्ति
Question 1.
‘विनम्रता सारे सदगुणों की नींव है’ पर आधारित अपने विचार लिखिए।
Answer:
विनम्रता मनुष्य को मिला प्रकृतिप्रदत्त एक खूबसूरत उपहार है। इसके द्वारा हम स्वयं पर ही नहीं, बल्कि दूसरों पर भी सकारात्मक प्रभाव निर्माण कर सकते हैं। विनम्रता में शांति की स्थापना करने की शक्ति होती है। वह कठोर से कठोर व्यक्ति को मृदु बनाने की क्षमता रखती है। विनम्रता के कारण मनुष्य का व्यक्तित्व ऊँचा उठता है। व्यक्ति विनम्र होकर ही योग्य पात्रता हासिल कर सकता है। विनम्र होकर समग्रता से ग्रहण करना सीखते हैं। विनम्रता के कारण हम दूसरों से जुड़ जाते हैं। जो व्यक्ति अपने जीवन में विनम्र रहता है। उसका समाज में अस्तित्व हमेशा बना रहता है। विनम्रता को स्वीकार करने के कारण ही सिद्धार्थ गौतम ‘बुद्ध’ बन गए। विनम्रता मनुष्य को महान बनाती है। अत: स्पष्ट है कि विनम्रता ही सारे सद्गुणों की नींव है।