Chapter 10 रात का चौकीदार (पूरक पठन)
Chapter 10 रात का चौकीदार (पूरक पठन)
Textbook Questions and Answers
श्रवणीय
प्रश्न 1.
हिंदी तथा मराठी भाषा में लिखी हुई किसी एक लापुकथा का आकलन करते हुए सुनिए और सुनाइए।
पठनीय
प्रश्न 1.
“परिपाठ’ में सप्ताह भर के समाचारपत्रों के मुख्य मुद्दों का चयन करके वाचन कीजिए।
आसपास
प्रश्न 1.
किसी परिचित सुरक्ष से वार्तालाप कीजिए
संभाषणीय
प्रश्न 1.
‘ट्रैफिक पुलिस’ से बातचीत करके उनकी दिनचर्या संबंधी जानकारी लीजिए।
उत्तर:
मैं: नमस्ते, पुलिस अंकल! आप कैसे हैं?
ट्रैफिक पुलिस: मैं ठीक हूँ और इस वक्त मैं अपना काम कर रहा हूँ।
मैं: आप लगातार आठ घंटों तक सड़क पर खड़े रहते हैं। इसे आप कैसा महसूस करते हैं?
ट्रैफिक पुलिस: मुझे अपना काम करने में बड़ा आनंद मिलता है। चाहे हाड़ कँपाती ठंड हो, झ माझम बरसती वर्षा हो या उमस भरी गरमी हो, हर हाल में मुझे अपना काम करना पड़ता है और सड़क यातायात पर नियंत्रण रखना पड़ता है।
मैं: अक्सर बरसात के दिनों में सड़कों पर आवागमन संभव नहीं हो पाता है। जल का जमाव होता है। ऐसे में, लोगों को बहुत कठिनाई का सामना करना पड़ता है। इस बारे में आपकी क्या राय है?
ट्रैफिक पुलिस: मनुष्य सड़कों का लंबे समय से उपयोग करता रहा है। पुरानी सड़कें अच्छी नहीं होती थीं। आधुनिक काल की सड़कें अच्छी होती हैं और हमारी सरकार इस दिशा में कार्य कर रही है। नए-नए पुलों का निर्माण हो रहा है। पक्की सड़कें बनाई जा रही हैं। आनेवाले समय में लोगों को कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ेगा।
मैं: क्या आप मुझे सड़क यातायात के नियमों से परिचित करा सकते हैं?
ट्रैफिक पुलिस: क्यों नहीं? यह तो मेरा कर्तव्य है। सड़क यातायात सुचारु रूप से हो, इसके लिए कानून बनाए गए हैं। अपने देश में सड़क की बाईं ओर चलने का नियम है। सड़कों पर भारी वाहनों को एक निर्धारित गति सीमा तक ही चलाया जाता है। चौराहों पर संकेतक बत्तियाँ लगाई जाती हैं ताकि सड़क जाम तथा दुर्घटना जैसी स्थितियों का कम से कम सामना करना पड़े। जहाँ टैफिक लाईटें नहीं होती है, वहाँ हम हाथ के इशारे से यात्रियों को रुकने या जाने का संकेत करते हैं।
मैं: आपके द्वारा दी गई जानकारी के लिए मैं आपका शुक्रिया अदा करता हूँ।
लेखनीय
प्रश्न 1.
अपने परिसर के चौकीदार द्वारा अच्छा कार्य करने लेखनीय हेतु अभिनंदन करने वाला पत्र लिखिए।
उत्तर:
राम चौधरी,
कीर्ति कॉलोनी,
गुलमोहर, दादर,
मुंबई (प.) – 400 019
दिनांक – 4 मार्च, 2018
श्रीमान बहादुर सिंह जी,
सादर प्रणाम।
मैं राम चौधरी कीर्ति कॉलोनी का निवासी हूँ। पत्र पढ़ते हुए आपको अचरज जरूर हो रहा होगा क्योंकि जिस कॉलोनी की आप रखवाली करते हैं, उसी कॉलोनी का एक चौदह वर्षीय बालक पत्र के माध्यम से आप से बात कर रहा है।
मेरे पत्र लिखने का कारण बहुत ही सरल है। पिछले सप्ताह रात के समय रखवाली करते हुए आपने जो बहादुरी दिखाई वह सचमुच काबिले तारीफ है। इसके लिए आपकी जितनी भी प्रशंसा की जाए वह कम है। आपने अपनी जान पर खेलकर दो चोरों को छठी का दूध याद दिलाया, यह सचमुच ही बहादुरी का कार्य है। आपकी बहादुरी व वीरता का सम्मान करते हुए मैं इस पत्र के माध्यम से आपका अभिनंदन करता हूँ। मुझे इस बात की बेहद खुशी है कि आप जैसे बहादुर व्यक्ति हमारी कॉलोनी के रक्षक हैं। आपके कारण ही हम सभी कॉलोनी के लोग रात में चैन की नींद सो सकते हैं।
अत: एक बार फिर मैं आपका अभिनंदन करता हूँ। धन्यवाद!
आपका विनीत,
राम चौधरी।
मौलिक सृजन
प्रश्न 1.
‘पुलिस समाज के रक्षक’ इस बारे में अपना मत लिखिए।
उत्तर:
जिस प्रकार सैनिक विदेशी शत्रुओं से देश की रक्षा करते हैं, उसी प्रकार राष्ट्र-विरोधी तत्त्वों से पुलिस हमारी रक्षा करती है। प्रत्येक राष्ट्र के अपने कानून होते हैं। देश के नागरिक उन कानूनों का पालन करते हैं। परंतु कुछ लोग देश के कानून की अवहेलना कर राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में लिप्त रहते हैं, पुलिस विभिन्न अपराधों में उनका चालान कर न्यायालय में प्रस्तुत करती है। पुलिस की अनेक श्रेणियाँ होती हैं। हमारे देश में केंद्रिय रिजर्व पुलिस, यातायात पुलिस, सामान्य पुलिस, सशस्त्र पुलिस और गुप्तचर पुलिस आदि अनेक प्रकार की पुलिस हैं। प्रत्येक राज्य में अपनी अलग-अलग पुलिस हैं।
पुलिस अपराधियों की खोजबीन में हमेशा तत्पर रहती है। पुलिस का कार्य बड़ा कठिन है। राजनेताओं की विभिन्न रैलियों के दौरान सुरक्षा और यातायात की व्यवस्था बनाए रखना, जुलूसों को शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न करना, हड़ताल, धरनों और बंद के दौरान असामाजिक तत्त्वों से राष्ट्र की सम्पत्ति की रक्षा करना, राजनेताओं की व्यक्तिगत सुरक्षा करना, चोर, डकैतों और लुटेरों से आम नागरिक की रक्षा करना पुलिस का दायित्व है।
पुलिस कर्मचारी चौबीस घंटे खतरों से जूझते हैं। चोर-डकैतों से मुठभेड़ के दौरान घायल हो जाते हैं। भीड़ के द्वारा पथराव की स्थिति में चोट खाते हैं। सर्दी, गर्मी, बरसात में ड्यूटी देनी पड़ती है। विभिन्न प्रकार के अपराधियों को पकड़ना और न्यायालय में प्रस्तुत करना पुलिस का कार्य है। व्यक्तिगत झगड़ों में हस्तक्षेप कर समझौता कराना, चोरी हुए माल को बरामद कराना भी पुलिस के अधिकार क्षेत्र में आता है। इस प्रकार पुलिस अपने विविधतापूर्ण कार्यों से समाज की रक्षा करने का कार्य करती हैं।
पाठ के आँगन में…
1. कृतियाँ पूर्ण कीजिए।
(क) संजाल:
प्रश्न 1.
संजाल:
उत्तरः
(ख) लिखिए:
प्रश्न 1.
चौकीदार द्वारा पैसे न देने वाले घरों की भी रखवाली करने का कारण।
उत्तरः
यदि पैसे न देने वाले के घर चोरी-वोरी की घटना हो जाए तो पुलिस चौकीदार को ही पूछेगी और उस पर झूठा आरोप लग सकता है। ऐसा उसके साथ पहले भी हो चुका था। इसलिए वह पैसे न देने वाले घरों की भी रखवाली करता था।
प्रश्न 2.
चौकीदार की असुरक्षा का कारण –
उत्तरः
गुंडे बदमाशों से चौकीदार की मारपीट हो जाती है। शरीफ दिखनेवाले लोग उस पर रोब जताते हैं। इसलिए चौकीदार स्वयं को असुरक्षित महसूस करता है।
2. नीचे दिए गए अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखिए। इसी प्रकार के अन्य पाँच शब्द बनाकर अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए।
प्रश्न (च)
रातों में सड़क पर लाठी ठोंकते, सीटी बजाकर पहरा देनेवाला
उत्तर:
चौकीदार
प्रश्न (छ)
अपनी जिम्मेदारियाँ तथा कर्तव्य निभाने वाला
उत्तर:
कर्तव्यनिष्ठ
3. घटना के अनुसार वाक्यों का उचित क्रम लगाकर लिखिए:
प्रश्न (त)
ऐसा पहले मेरे साथ हो चुका है साब जी।
उत्तर:
ऐसा पहले मेरे साथ हो चुका है साब जी।
प्रश्न (थ)
जैसी आपकी इच्छा साब जी।
उत्तर:
रात में अकेले घूमते तुम्हें डर नहीं लगता।
प्रश्न (द)
रात में अकेले घूमते तुम्हें डर नहीं लगता।
उत्तर:
जैसी आपकी इच्छा साब जी।
4. ‘लूट-डकैती करने वालों ने चौकीदार से मारपीट की’ यह समाचार पढ़कर मन में आए विचार लिखिए।
प्रश्न 1.
‘लूट-डकैती करने वालों ने चौकीदार से मारपीट की’ यह समाचार पढ़कर मन में आए विचार लिखिए।
उत्तरः
चौकीदार ठंड, वर्षा व गरमी में दिन-रात अपना कर्तव्य निभाकर सबकी सुरक्षा की चिंता करता है। परंतु एक दिन लूट-डकैती करनेवालों ने एक चौकीदार से मारपीट की, यह समाचार पढ़कर मुझे बहुत बुरा लगा। जो निष्कपट भाव से रात के समय सबकी रखवाली करता है, वह स्वयं कितना असुरक्षित और अकेला होता है, इसका अहसास मुझे हुआ। सचमुच, हमारे देश में चौकीदार असुरक्षित होते हैं। उनके पास लाठी और टार्च के अलावा अन्य साधन नहीं होते हैं।
एक लाठी के सहारे वे गुंडे-बदमाश लोगों का सामना नहीं कर सकते हैं। गुंडेबदमाश अपनी टोली के साथ आकर उन्हें मारते-पीटते हैं। अकेले होने के कारण वे उनका सामना नहीं कर पाते हैं। हमारी सरकार को चौकीदारों की सुरक्षा से संबंधित ठोस कानून बनाना चाहिए और उन्हें आवश्यक्तानुसार योग्य शस्त्र इस्तेमाल करने की अनुमति देनी चाहिए।भाषाई कौशल पर आधारित पाठगत कृतियाँ
भाषा बिंदु
प्रश्न 1.
निम्न वाक्यों में से सर्वनाम एवं क्रिया छाँटकर भेदों सहित लिखिए तथा अन्य पाठ्यपुस्तक से खोजकर नए वाक्य बनाइए।
उत्तरः
प्रश्न 2.
निम्न में से संज्ञा तथा विशेषण पहचानकर भेदों सहित लिखिए तथा अन्य पाठ्यपुस्तक से खोजकर नए वाक्य बनाइए।
उत्तरः
Additional Important Questions and Answers
(क) परिच्छेद पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।
कृति (1) आकलन कृति
प्रश्न 1.
सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।
उत्तर:
प्रश्न 2.
किसने, किससे कहा?
1. साब, जी पैसे?
2. अच्छा एक बात बताओ बहादुर, महीने में तुम्हें कितने घरों से पैसे मिल जाते हैं?
उत्तर:
1. चौकीदार ने लेखक से कहा।
2. लेखक ने चौकीदार से कहा।
प्रश्न 3.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
प्रश्न 4.
समझकर लिखिए।
1. चौकीदार की जिम्मेदारी
2. चौकीदार द्वारा पैसे माँगने की तारीख
उत्तरः
1. चौकसी रखना।
2. हर महीने की पहली तारीख को।
कारण लिखिए।
प्रश्न 1.
परिच्छेद में आए हुए अंग्रेजी महीनों के नाम।
उत्तर:
1. दिसंबर
2. जनवरी
प्रश्न 2.
सत्य या असत्य पहचान कर लिखिए।
1. चौकीदार केवल पैसे के लिए ही काम करता है।
2. चौकीदार झूठे आरोपों से डरता है।
उत्तर:
1. असत्य
2. सत्य
प्रश्न 3.
प्रस्तुत गद्यांश को पढ़कर ऐसे प्रश्न बनाइए कि जिनका उत्तर निम्न शब्द हों।
1. तीज
2. चौकीदार
उत्तरः
1. प्रस्तुत गद्यांश में किस त्योहार का नाम आया है?
2. कॉलोनी में रातभर कौन चक्कर लगाता है?
कृति (2) स्वमत अभिव्यक्ति
प्रश्न 1.
‘कर्म ही पूजा है।’ इस विषय पर अपने विचारों को अभिव्यक्त कीजिए।
उत्तर:
कर्म मनुष्य के जीवन का आधार है। कर्म का अर्थ है, हमारे द्वारा किए जाने वाले कार्य। कर्म से ही मनुष्य पहचाना जाता है। कर्म ही उसकी छवि समाज के सम्मुख बनाए रखते हैं। यदि मनुष्य के कर्म बुरे हैं, तो समाज द्वारा उसे नकारा जाता है। अच्छे कर्म उसे आदर व सम्मान का पात्र बनाते हैं। कर्म मनुष्य जीवन को सार्थक करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। कर्मप्रधान मनुष्य मानवता का कल्याण करने में समर्थ होता है। गांधी जी के अच्छे कर्मो के कारण ही भारत आज़ाद हुआ। नेल्सन मंडेला ने अफ्रीका को आज़ाद कराया। इनके कर्म ही तो थे, जो आज भी लोगों द्वारा पूजे जाते हैं।
(ख) परिच्छेद पढ़कर सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।
कृति (1) आकलन
प्रश्न 1.
किसने, किससे कहा लिखिए।
1. बड़े आदमी को डर लगता है तो फिर हम तो बहुत छोटे आदमी हैं।
2. सोते कब हो तुम?
उत्तर:
1. चौकीदार ने लेखक से कहा।
2. लेखक ने चौकीदार से कहा।
प्रश्न 2.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
पाठ्यांश के आधार पर निम्न वाक्य अपने शब्दों में पूर्ण कीजिए।
प्रश्न 1.
चौकीदार तब अपनी नींद पूरी करता है
उत्तरः
चौकीदार तब अपनी नींद पूरी करता है जब रोज सुबह आठ नौ बजे कॉलोनी में चक्कर लगाकर सब कुछ ठीक है इसकी तसल्ली कर लेता है।
प्रश्न 2.
लेखक को ठीक से नींद नहीं आई क्योंकि
उत्तरः
लेखक को ठीक से नींद नहीं आई क्योंकि वह चौकीदार के बारे में रातभर सोच रहा था कि वह सबकी सुरक्षा की चिंता करता है; पर स्वयं कितना असुरक्षित और अकेला है ।
उत्तर लिखिए।
प्रश्न 1.
सबेरे उठकर लेखक ने यह निर्णय लिया
उत्तरः
वह चौकीदार को उसके चौकसी करने का पूरा मेहनताना देगा।
प्रश्न 2.
इसके प्रति लेखक की श्रद्धा बढ़ गई थी
उत्तरः
चौकीदार के प्रति।
सत्य या असत्य पहचानकर लिखिए।
प्रश्न 1.
चौकीदार असुरक्षित एवं अकेला था।
चौकीदार के माँगने पर तुरंत लेखक ने उसे पैसे दे दिए।
उत्तर:
1. सत्य
2. असत्य
पाठ के आँगन से
नीचे दिए गए अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखिए। इसी प्रकार के अन्य पाँच शब्द बनाकर अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए।
प्रश्न 1.
जो ईश्वर में विश्वास रखता हो
उत्तर:
आस्तिक
प्रश्न 2.
जो कभी न मरे
उत्तर:
अमर
प्रश्न 3.
जो पहले कभी न हुआ हो
उत्तर:
अभूतपूर्व
प्रश्न 4.
जिस जमीन में कुछ पैदा न हो
उत्तर:
बंजर
प्रश्न 5.
जिसके हृदय में दया न हो
उत्तर:
निर्दय
Summary in Hindi
लेखक-परिचय:
जीवन-परिचय: सुरेश कुशवाहा ‘तन्मय’ जी आधुनिक युग के लेखक एवं कवि हैं। वर्तमान समस्याएँ एवं घटनाओं को अपने लेखन में प्रमुख स्थान देना इनके लेखन की विशेषता है। इन्होंने अपने लेखन के माध्यम से बाल साहित्य को समृद्ध किया है। विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में इनकी रचनाएँ छपती रहती है। कहानी विधा पर भी इनकी लेखनी ने अधिकार जमाया हुआ है।
प्रमुख कृतियाँ: बाल कविता संग्रह – ‘अक्षरदीप जलाएँ’, कहानी – ‘छोटू का दर्द’, काव्य संग्रह – ‘शेष कुशल है ‘ आदि।
गद्य-परिचय:
लघुकथा: हिंदी में लघुकथा नवीनतम् विधा है। लघुकथा का मतलब है एक छोटी कहानी जिसका विषय पूरी तरह से विकसित हो, पर जो किसी उपन्यास से कम विस्तृत हो। हिंदी के अन्य सभी विधाओं की तुलना में अधिक लघु आकार होने के कारण यह समकालीन पाठकों के ज्यादा करीब है।
प्रस्तावना: ‘रात का चौकीदार’ इस पाठ के माध्यम से लेखक ‘तन्मय’ जी ने चौकीदार के माध्यम से कर्म ही पूजा है तथा कर्तव्यनिष्ठा से बढ़कर दूसरा कोई धर्म नहीं है, इस तथ्य को उजागर किया है।
सारांश:
प्रस्तुत पाठ एक लघुकथा है। इस लघुकथा में वर्षा, ठंड व गरमी में कॉलोनी में चक्कर लगाकर रखवाली करने वाले कर्तव्यनिष्ठ चौकीदार का वर्णन किया गया है। कॉलोनी में सौ-सवा सौ से भी अधिक घर होने के बावजूद चौकीदार को कभी साठ घर से पैसे मिलते हैं या कभी पचास घर से। फिर भी वह सभी के घरों की रखवाली करता है। पूरी ईमानदारी व लगन से काम करना ही उसकी कर्मनिष्ठा है। इस पाठ द्वारा लेखक ने कुछ लोगों की मुफ्तखोरी को दर्शाते हुए जन-जागृति की प्रेरणा प्रदान की है।
शब्दार्थ:
- उमस – उष्णता
- निरीह – उदासीन, बेचारा
- ऊहापोह – उधेड़बुन
- पक्का – निश्चित
- चौकसी – रखवाली
- झिड़कियाँ – डाँट-फटकार
- धौंस – धमकी, रोब
- गुजारा – निर्वाह
मुहावरे:
1. तसल्ली करना – समाधान करना।
2. चैन की साँस लेना – आश्वस्त होना।