Chapter 3 वाह रे! हमदर्द
Textbook Questions and Answers
कृति
सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए:
प्रश्न 1.
संजाल पूर्ण कीजिए:
उत्तर:
प्रश्न 2.
अंतर स्पष्ट कीजिए:
प्राइवेट अस्पताल – सार्वजनिक अस्पताल
१. …………………….. – १. ……………………..
प्राइवेट वार्ड – जनरल वार्ड
१. …………………….. – १. ……………………..
उत्तर:
प्राइवेट अस्पताल | सार्वजनिक अस्पताल |
प्राइवेट अस्पताल में अच्छी सुविधाएँ होती हैं। | सार्वजनिक अस्पताल में कई बार सुविधाओं का अभाव होता है। |
प्राइवेट वॉर्ड | जनरल वॉर्ड |
मिलने का कोई निश्चित समय नहीं होता। | मिलने का निश्चित समय होता है। |
प्रश्न 3.
आकृति में लिखिए:
उत्तर:
प्रश्न 4.
कारण लिखिए
a. लेखक को अधिक गुस्सा अपनी पत्नी पर आया ……………………..
b. लेखक कहते हैं कि मेरी दूसरी टाँग उस जगह तोड़ना जहाँ कोई परिचित न हो ……………………..
उत्तर:
a. आगंतुक को रोते देखकर लेखक की पत्नी ने उसे कोई रिश्तेदार या करीबी मित्र समझकर टैक्सीवाले को किराये के पैसे दे दिए थे।
b. उस जगह लेखक के परिचित होंगे तो लेखक से समय-असमय मिलने आकर तंग करेंगे।
प्रश्न 5.
शब्दसमूह के लिए एक शब्द लिखिए:
a. वह स्थान जहाँ अनेक प्रकार के पशु-पक्षी रखे जाते हैं – ……………………..
b. जहाँ मुफ्त में भोजन मिलता है – ……………………..
उत्तर:
(i) चिड़ियाघर
(ii) लंगर (भंडारा)।
प्रश्न 6.
शब्द बनाइए:
उत्तर:
प्रश्न 7.
अभिव्यक्ति- मरीज से मिलने जाते समय कौन-कौन-सी सावधानियां बरतनी चाहिए, लिखिए।
उत्तर:
प्राय: सभी को कभी-न-कभी मरीजों से मिलने अस्पताल में जाना पड़ता है। मरीज से मिलने जाते समय कुछ सावधानियाँ बरतना अत्यंत आवश्यक है। मरीज से मिलने जाते समय हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि हमारी वजह से उसे कोई कष्ट न पहुँचे। बच्चे चुलबुले होते हैं। इसलिए मरीज के पास बच्चों को नहीं लेकर जाना चाहिए। बीमारी में दवा और पथ्य के साथ मरीज को आराम व अच्छी नींद आवश्यक है।
अत: मरीज के पास ज्यादा देर तक बैठना, जोर-जोर से बोलना, मरीज की बीमारी के बारे में नकारात्मक बातें करना आदि उचित नहीं है। जहाँ तक हो सके, मरीज का उत्साह बढ़ाना चाहिए। अस्पताल में डॉक्टर मरीज को उसकी आवश्यकता के अनुसार दवाएँ देते हैं। इसलिए मरीज से देसी नुस्खे आजमाने की बातें नहीं करनी चाहिए और न ही डॉक्टर की दवा के बारे में रोगी के मन में किसी तरह का भ्रम पैदा करना चाहिए।
भाषा बिंदु
प्रश्न 1.
निम्नलिखित वाक्यों में आए हुए संज्ञा शब्दों को रेखांकित करके उनके भेद लिखिए:
1. सोनाबाई अपने चार बच्चों के साथ आई। ……………………..
2. गाय बहुत दूध देती है। ……………………..
3. मैं रोज ईश्वर से प्रार्थना करता हैं। ……………………..
4. सैनिकों की टुकड़ी आगे बढ़ी। ……………………..
5. सोना-चाँदी और भी महँगे होते जा रहे हैं। ……………………..
6. गोवा देख मैं तरंगायित हो उठा। ……………………..
7. युवकों का दल बचाव कार्य में लगा था। ……………………..
8. आपने विदेश में भ्रमण तो कर लिया है। ……………………..
9. इस कहानी में भारतीय समाज का चित्रण मिलता है। ……………………..
10. सागर का जल खारा होता है। ……………………..
उत्तर:
1. सोनाबाई – व्यक्तिवाचक बच्चों – जातिवाचक।
2. गाय – जातिवाचक दूध – द्रव्यवाचक।
3. ईश्वर – जातिवाचक प्रार्थना- भाववाचक।
4. सैनिकों – जातिवाचक टुकड़ी – समूहवाचक।
5. सोना-चाँदी – द्रव्यवाचक।
6. गोवा – व्यक्तिवाचक।
7. युवकों – जातिवाचक दल – समूहवाचक। कार्य – भाववाचकी
8. विदेश – जातिवाचक भ्रमण – भाववाचका
9. कहानी – जातिवाचक समाज- समूहवाचक। चित्रण- भाववाचक।
10. सागर – जातिवाचक जल – द्रव्यवाचक।
प्रश्न 2.
पाठ में प्रयुक्त किन्हीं पाँच संज्ञाओं को ढूँढकर उनका वाक्यों में प्रयोग कीजिए।
उत्तर:
- साइकिल – मुझे साइकिल चलाना नहीं आता।
- जोश – कई लोग जोश में होश खो बैठते हैं।
- रेत – आन्या को सागर तट पर रेत का घर बनाना बहुत पसंद है।
- आत्मा – प्रत्येक आत्मा परमात्मा का अंश होती है।
- बंदर – बंदर और बच्चे एक जैसे शरारती होते हैं।
प्रश्न 3.
निम्नलिखित वाक्यों के रिक्त स्थानों में उचित सर्वनामों का प्रयोग कीजिए:
1. …………………….. सार्वजनिक अस्पताल के प्राइवेट वार्ड में हैं।
2. …………………….. बाजार जाओ।
3. …………………….. कारखाने में एक ही विभाग में काम करते थे।
4. इसे लेकर …………………….. क्या करोगे?
5. हृदय …………………….. है; …………………….. उदार हो।
6. लोग …………………….. कमरा स्वच्छ कर रहे हैं।
7. …………………….. रिसॉर्ट हमने पहले से बुक कर लिया है।
8. इसके बाद …………………….. लोग दिन भर पणजी देखते रहे।
9. …………………….. इसके पहले उसे मना करता।
10. काम करने के लिए कहा है …………………….. करो।
उत्तर:
1. वे सार्वजनिक अस्पताल के प्राइवेट वार्ड में हैं।
2. तुम बाजार जाओ।
3. हम कारखाने में एक ही विभाग में काम करते थे।
4. इसे लेकर तुम क्या करोगे।
5. हृदय वही है; तुम उदार हो।
6. लोग स्वयं कमरा साफ कर रहे हैं।
7. मैं रिसॉर्ट हमने पहले से बुक कर लिया है।
8. इसके बाद हम लोग दिन भर पणजी देखते रहे।
9. मैं इसके पहले उसे मना करता।
10. काम करने के लिए कहा है वही करो।
प्रश्न 4.
पाठ में प्रयुक्त सर्वनाम ढूँढ़कर उनका स्वतंत्र वाक्यों में प्रयोग कीजिए।
उत्तर:
-
मैंने
वाक्य: मैंने रेत का घर बनाया। -
तुझे
वाक्य: शिक्षिका ने तुझे बुलाया है, मनन। -
वे
वाक्य: वे मेरे चाचा हैं। -
कोई
वाक्य: बाहर कोई है। -
आप
वाक्य: कल आप कहाँ थे? -
मुझसे
वाक्य: माँ ने गुस्से में कहा, मुझसे बात मत करो। -
उन्होंने
वाक्य: उन्होंने मुझे घर तक पहुँचाया। -
मुझे।
वाक्य: मुझे नींद आ रही है।
उपयोजित लेखन
प्रश्न.
निम्नलिखित मुद्दों के आधार पर किसी समारोह का वृत्तांत लेखन कीजिए:
- स्थान
- तिथि और समय
- प्रमुख अतिथि
- समारोह
- अतिथि संदेश
- समापन
उत्तर:
गांधी जयंती पर गांधी जी का स्मरण
अकोला, 3 अक्तूबर। अकोला के सरदार पटेल विद्यालय में कल 2 अक्तूबर को गांधी जयंती समारोह का आयोजन किया गया। विद्यालय में समारोह सुबह 10 बजे आयोजित किया जाना था। विद्यालय के विद्यार्थी 9 बजे से ही अपने-अपने स्थान पर बैठ गए थे।
विद्यालय के सभी अध्यापक मंच पर खादी का कुर्ता-पाजामा और खादी टोपी पहनकर विराजमान थे। प्रमुख अतिथि के रूप में शहर के वयोवृद्ध गांधीवादी जनार्दन पाटील उपस्थित थे। मंच पर गांधी जी की तस्वीर सुशोभित हो रही थी।
समारोह की शुरुआत ‘वंदे मातरम्’ गीत से हुई। विद्यालय के प्रधानाचार्य राम रतन जोशी ने उपस्थित लोगों का परिचय दिया और देश के लिए गांधी जी के योगदान की चर्चा की।
प्रमुख अतिथि जनार्दन पाटील ने गांधी जी के जीवन की कई घटनाओं के बारे में बताया। उन्होंने गांधी जी के हमेशा सत्य बोलने के आग्रह के बारे में बताया और कहा कि हमें सत्य के मार्ग पर चलना चाहिए। अपने लाभ के लिए कभी झूठ का सहारा नहीं लेना चाहिए।
विद्यालय के उपमुख्याध्यापक सुधीर देशपांडे ने प्रमुख अतिथि के प्रति आभार व्यक्त किया।
राष्ट्रगान के साथ समारोह का समापन हुआ।
कृतिपत्रिका के प्रश्न 1 (अ) तथा 1(आ) के लिए
गद्यांश क्र.1
प्रश्न.
निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:
कृति 1: (आकलन)
प्रश्न 1.
प्रवाह तालिका पूर्ण कीजिए:
उत्तर:
प्रश्न 2.
आकृति पूर्ण कीजिए:
उत्तर:
प्रश्न 3.
संजाल पूर्ण कीजिए:
उत्तर:
कृति 2: (आकलन)
प्रश्न 1.
संजाल पूर्ण कीजिए:
उत्तर:
प्रश्न 2.
आकृति पूर्ण कीजिए:
उत्तर:
प्रश्न 3.
जोड़ियाँ मिलाइए:
‘अ’ | ‘आ’ |
(i) ऐक्सिडेंट | खुला निमंत्रण |
(ii) टाँग | दुर्घटना |
(iii) प्राइवेट वार्ड | रेत की थैली |
(iv) सार्वजनिक अस्पताल में भरती होना | फ्रैक्चर |
उत्तर:
‘अ’ | ‘आ’ |
(i) ऐक्सिडेंट | फ्रैक्चर |
(ii) टाँग | रेत की थैली |
(iii) प्राइवेट वॉर्ड | खुला निमंत्रण |
(iv) सार्वजनिक अस्पताल में भरती होना | दुर्घटना |
कृति 3: (शब्द संपंदा)
प्रश्न 1.
सूचना के अनुसार लिखिए:
उत्तर:
प्रश्न 2.
गद्यांश में प्रयुक्त उर्दू शब्द ढूँढकर लिखिए।
(i) ………………….
(ii) ………………….
(iii) ………………….
(iv) ………………….
उत्तर:
(i) जवाब
(ii) फिक्र
(ii) तकलीफ
(iv) मरीज।
प्रश्न 3.
गद्यांश में प्रयुक्त शब्द-युग्म ढूँढकर लिखिए।
(i) ………………….
(ii) ………………….
(ii) ………………….
(iv) ………………….
उत्तर:
(ii) मिलने-जुलने
(iii) सही-सलामत
(iv) परिचित-अपरिचित।
प्रश्न 4.
गद्यांश में प्रयुक्त उपसर्गयुक्त शब्द ढूँढ़कर उनके मूल शब्द और उपसर्ग अलग करके लिखिए।
(i) ………………….
(ii) ………………….
(iii) ………………….
उत्तर:
(i) अपरिचित = अ + परिचित।
(ii) दुर्घटना = दुर् + घटना।
(iii) हमदर्दी = हम + दर्दी।
कृति 4: (स्वमत अभिव्यक्ति)
प्रश्न.
सार्वजनिक अस्पतालों में मरीजों को होने वाली परेशानियों के विषय में अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
देश में अनगिनत निजी अस्पताल हैं, परंतु देश की आधी से अधिक गरीब जनता सार्वजनिक अस्पतालों पर ही निर्भर है। इन अस्पतालों की हालत बहुत दयनीय है। इन अस्पतालों की एक्स-रे आदि मशीनों का कोई ठिकाना नहीं होता। गरीबों को वहाँ इलाज के स्थान पर तकलीफ ही मिलती है। सार्वजनिक अस्पतालों में समय पर डॉक्टर नहीं मिलते। डॉक्टर यदि मिल भी जाता है, तो दवाइयाँ नहीं मिलती।
इसलिए मरीजों को महँगे दामों पर बाहर से दवाएँ खरीदने को बाध्य होना पड़ता है। इसके अलावा डॉक्टर के साथ-साथ अस्पताल के कर्मचारियों का व्यवहार भी रोगियों के प्रति बहुत खराब होता है। ऐसे में इन अस्पतालों में मरीज का ढंग से इलाज नहीं हो पाता। इसलिए लोग इन अस्पतालों में जाने से कतराते हैं।
गद्यांश क्र.2
प्रश्न.
निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:
कृति 1: (आकलन)
प्रश्न 1.
वाक्य पूर्ण कीजिए:
(i) इनकी हमदर्दी में यह बात खास छिपी रहती है ………………………..।
(ii) उस दिन सोनाबाई अपने चार बच्चों के साथ आई तो ………………………..।
उत्तर:
(1) इनकी हमदर्दी में यह बात खास छिपी रहती है कि देख बेटा, वक्त सब पर आता है।
(ii) उस दिन सोनाबाई अपने चार बच्चों के साथ आई तो मुझे लगा कि आज फिर कोई दुर्घटना होगी।
प्रश्न 2.
आकृति पूर्ण कीजिए:
उत्तर:
कृति 2: (आकलन)
प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए:
(i) दर्द के मारे एक तो मरीज को वैसे ही यह नहीं आती – [ ]
(ii) कुछ लोग सिर्फ यह निभाने आते हैं – [ ]
(iii) इन लोगों को मरीज से यह नहीं होती – [ ]
(iv) कब मेरी टाँग टूटे, कब वे अपना यह चुकाएँ – [ ]
उत्तर:
(i) दर्द के मारे एक तो मरीज को वैसे ही यह नहीं आती [नींद]
(ii) कुछ लोग सिर्फ यह निभाने आते हैं – [औपचारिकता]
(iii) इन लोगों को मरीज से यह नहीं होती – [हमदर्दी]
(iv) कब मेरी टाँग टूटे, कब वे अपना यह चुकाएँ – [एहसान]
प्रश्न 2.
विधानों के सामने सत्य /असत्य लिखिए:
(i) मैंने तय किया कि आज मैं आँख ही नहीं खोलूँगा।
(ii) ऑफिस के बड़े साहब आए।
(iii) उन्होंने मेरी टाँग के टूटे हिस्से को जोर से दबाया।
(iv) कहिए, अब सिरदर्द कैसा है?
उत्तर:
(i) सत्य
(ii) असत्य
(iii) सत्य
(iv) असत्य।
प्रश्न 3.
आकृति पूर्ण कीजिए:
उत्तर:
कृति 3: (शब्द संपदा)
प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों का वचन बदलकर लिखिए:
(i) बेटा
(ii) टाँग
(iii) दुर्घटनाएँ
(iv) हिस्सा।
उत्तर:
(i) बेटा – बेटे
(ii) नींद – स्त्रीलिंग
(iii) दुर्घटनाएँ – दुर्घटना
(iv) वक्त – पुल्लिग।
प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों के लिंग पहचानकर लिखिए:
(i) दिन
(ii) नींद
(ii) फुरसत
(iv) वक्त।
उत्तर:
(i) दिन – पुल्लिग
(ii) आँख = नयन
(iii) फुरसत – स्त्रीलिंग
(iv) वक्त = समय।
प्रश्न 3.
निम्नलिखित शब्दों के समानार्थी शब्द लिखिए:
(i) नींद
(ii) आँख
(iii) दर्द
(iv) वक्त।
उत्तर:
(i) नींद = निद्रा
(iii) दर्द = पीड़ा
(ii) टाँग – टाँगें
(iv) हिस्सा – हिस्से।
गद्यांश क्र. 3
प्रश्न.
निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:
कृति 1: (आकलन)
प्रश्न 1.
कारण लिखिए:
(i) आगंतुक ने जब लेखक से आँख मिलाई तो एकदम चुप हो गया …………………………
उत्तर:
(i) आगंतुक किसी अन्य मरीज से मिलने आया था।
प्रश्न 2.
ऐसे दो प्रश्न बनाइए, जिनके उत्तर: निम्नलिखित हों:
(i) दवा की शीशी
(ii) औपचारिकता।
उत्तर:
(i) सोनाबाई की लड़की ने क्या पटक दी?
(ii) कुछ लोग क्या निभाने की हद कर देते हैं?
कृति 2: (आकलन)
प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए:
उत्तर:
प्रश्न 2.
आकृति पूर्ण कीजिए:
उत्तर:
प्रश्न 3.
गद्यांश में उल्लिखित शरीर के अंगों के नाम:
उत्तर:
कृति 3: (शब्द संपदा)
प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के विरुद्धार्थी शब्द लिखिए:
(i) सिर
(ii) रोना
(iii) गलत
(iv) गुस्सा।
उत्तर:
(i) सिर x पैर
(ii) रोना x हँसना
(iii) गलत x सही
(iv) गुस्सा x प्यार।
प्रश्न 2.
गद्यांश में प्रयुक्त अंग्रेजी शब्द ढूँढकर लिखिए।
(i) …………………………
(ii) …………………………
(iii) …………………………
(iv) …………………………
उत्तर:
(i) टेबल
(ii) डांस
(iii) टैक्सी
(iv) प्रैक्टिस।
कृति 4: (स्वमत अभिव्यक्ति)
प्रश्न.
‘शकुन-अपशकुन’ के बारे में अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
शकुन-अपशकुन समाज में प्रचलित एक अवधारणा है। इसमें यह माना जाता है कि कुछ विशेष प्रकार की परिघटनाएँ हमारे भविष्य का संकेत देती हैं। अनुकूल भविष्यवाणी करने वाले संकेतों को शुभ शकुन और प्रतिकूल भविष्यवाणी करने वाले संकेतों को अपशकुन कहा जाता है। हमारे देश में ही नहीं, अपितु संसार भर में लोग शकुन-अपशकुन पर विश्वास करते हैं। भारतीय संस्कृति में शकुन-अपशकुन का वर्णन वेदों, पुराणों और धार्मिक ग्रंथों में भी मिलता है।
काली बिल्ली द्वारा रास्ता काट जाना, किसी कार्य को आरंभ करते समय किसी का छींक देना, घर से बाहर जाते हुए व्यक्ति को किसी के द्वारा टोका जाना आदि समाज में बहुप्रचलित अपशकुन हैं। इन अपशकुनों को मानने वालों की संख्या कम नहीं है। इन अपशकुनों के चक्कर में आकर कभी-कभी लोगों को हानि भी उठानी पड़ती है, फिर भी वे इन्हें मानने से नहीं चूकते। ये मान्यताएँ मनुष्य को कमजोर बनाती हैं। वैज्ञानिक दृष्टि से इन शकुन-अपशकुनों को अंधविश्वास ही माना जाता है।
गद्यांश क्र.4
प्रश्न.
निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:
कृति 1: (आकलन)
प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए:
उत्तर:
प्रश्न 2.
कारण लिखिए:
(i) लेखक ने बड़ी मुश्किल से कवि लपकानंद को विदा किया …………………………
उत्तर:
(i) कवि लपकानंद जब कविता सुनाना शुरू करते, तो रुकने का नाम नहीं लेते थे।
कृति 2: (आकलन)
प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए:
उत्तर:
प्रश्न 2.
ऐसे दो प्रश्न बनाइए, जिनके उत्तर निम्नलिखित शब्द हों:
(i) डायरी
(ii) बड़े बेवफा।
उत्तर:
(i) कवि ने झोले से क्या निकाली?
(ii) हमदर्दी जताने वाले कैसे होते हैं?
प्रश्न 3.
आकृति पूर्ण कीजिए:
उत्तर:
कृति 3: (शब्द संपदा)
प्रश्न 1.
गद्यांश में प्रयुक्त शब्द-युग्म ढूंढकर उनको वाक्यों में प्रयोग कीजिए।
(i) …………………………
(ii) …………………………
उत्तर:
(i) दस-बीस – गोदाम में दस-बीस किलो गेहूँ पड़ा है।
(ii) चार-पाँच – चार-पाँच लड़कों को भेजो, कक्षा का फर्नीचर बाहर निकलवाना है।
कृति 4: (स्वमत अभिव्यक्ति)
प्रश्न.
कवियों की कविता सुनाने की आदत के बारे में अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
कवि दो प्रकार के होते हैं। एक वे, जो सचमुच कवि होते हैं और अपने विचारों को मथकर उन्हें सुंदर और सुरुचिपूर्ण शब्दों के माध्यम से कागज पर उतारते हैं। उनकी कविता सुनकर श्रोता को आनंद के साथ-साथ एक दिशा भी मिलती है। दूसरे प्रकार के कवि वे होते हैं, जो अंत:करण से कवि नहीं होते। वे जबरन कवि बनकर कविता लिखना चाहते हैं। इनकी कविता कविता न होकर शब्दों का बेतरतीब समूह होती है।
जोड़-तोड़कर कविता तैयार करते ही ये श्रोता की तलाश करने लगते हैं और जो भी सामने मिल जाता है, उसे अपनी कविता सुनाए बिना नहीं छोड़ते। इनकी कविता सुनने के लिए कोई आसानी से तैयार नहीं होता। पर विद्वान कवि कभी अपनी कविता सुनाने की कोशिश नहीं करते। उनकी कविता सारगर्मित होती है और वे हर किसी को कविता सुनाते नहीं फिरते।
भाषा अध्ययन (व्याकरण)
प्रश्न.
सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:
1. शब्द भेद:
निम्नलिखित वाक्यों में अधोरेखांकित शब्दों के शब्दभेद पहचानकर लिखिए:
(i) मैं अपनी टाँगों की ओर देखता हूँ।
(ii) मेरे दिमाग में एक नये मुहावरे का जन्म हुआ।
(iii) सोनाबाई के बच्चे खेलने लगे।
उत्तर:
(i) मैं – पुरुषवाचक सर्वनाम।
(ii) नये – गुणवाचक विशेषण।
(iii) सोनाबाई – व्यक्तिवाचक संज्ञा।
2. अव्यय:
निम्नलिखित अव्ययों का अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए:
(i) अकसर
(ii) इर्द-गिर्द
(iii) धीरे-धीरे।
उत्तर:
(i) मैं लपकानंद को देखकर अकसर भाग खड़ा होता हूँ।
(ii) मेरे इर्द-गिर्द अनेक लोग खड़े थे।
(iii) बड़े बाबू धीरे-धीरे मुझे हिलाने लगे।
3. संधि:
कृति पूर्ण कीजिए:।
संधि शब्द | संधि विच्छेद | संधि भेद |
……………….. | नै + इका | ……………….. |
अथवा | ||
दुर्बल | ……………….. | ……………….. |
उत्तर:
संधि शब्द | संधि विच्छेद | संधि भेद |
नायिका | नै + इका | स्वर संधि |
अथवा | ||
दुर्बल | दुः + बल | विसर्ग संधि |
4. सहायक क्रिया:
निम्नलिखित वाक्यों में से सहायक क्रियाएँ पहचानकर उनका मूल रूप लिखिए:
(i) अस्पताल का खयाल आते ही में काँप उठा।
(ii) कोई भी आए मैं चुपचाप पड़ा रहूँगा।
(iii) बच्चे खेलने लगे।
उत्तर:
सहायक क्रिया – मूल रूप
(i) उठा – उठना
(ii) रहूँगा – रहना
(iii) लगे – लगना
5. प्रेरणार्थक क्रिया:
निम्नलिखित क्रियाओं के प्रथम प्रेरणार्थक और द्वितीय ‘ प्रेरणार्थक रूप लिखिए:
क्रिया | प्रथम प्रेरणार्थक रूप | द्वितीय प्रेरणार्थक रूप |
(i) मानना | ||
(ii) लिखना | ||
(ii) जलना |
उत्तर:
क्रिया | प्रथम प्रेरणार्थक रूप | द्वितीय प्रेरणार्थक रूप |
(i) मानना | मनाना | मनवाना |
(ii) लिखना | लिखाना | लिखवाना |
(ii) जलना | जलाना | जलवाना |
6. मुहावरे:
(1) निम्नलिखित कहावत का अर्थ लिखिए और वाक्य में प्रयोग कीजिए:
ढाक के तीन पात।
अर्थ: सदा एक-सी स्थिति।
वाक्य: छगनलाल ने सालभर में कई व्यवसाय बदले, पर हालत आज भी वही है ढाक के तीन पात।
(2) अधोरेखांकित वाक्यांश के लिए उचित मुहावरे का चयन कर वाक्य फिर से लिखिए:
सुमधुर गायन सुनकर श्रोताओं ने गायक की प्रशंसा की। (सराहना करना, बोलबाला होना)
उत्तर:
अर्थ: सराहना करना।
वाक्य: सुमधुर गायन सुनकर श्रोताओं ने गायक की सराहना की।
7. कारक:
निम्नलिखित वाक्यों में प्रयुक्त कारक पहचानकर उनका भेद लिखिए:
(i) मैंने उन्हें जल्दी से चाय पिलाई।
(ii) आप अस्पताल में हैं।
उत्तर:
(i) मैंने – कर्ता कारक
(ii) अस्पताल में – अधिकरण कारक।
8. विरामचिह्न:
निम्नलिखित वाक्यों में यथास्थान उचित विरामचिह्नों का प्रयोग करके वाक्य फिर से लिखिए:
(i) वे मुझे ऐसे देख रहे थे मानो उनकी एक आँख पूछ रही हो कहो कविता कैसी रही और दूसरी आँख पूछ रही हो बोल बेटा अब भी मुझसे भागेगा
(ii) सोनाबाई ने लड़की को घूरा फिर हँसते हुए बोली भैया पेड़े खिलाओ दवा गिरना शुभ होता है
(iii) मैंने कराहते हुए पूछा मैं कहाँ हूँ
उत्तर:
(i) वे मुझे ऐसे देख रहे थे, मानो उनकी एक आँख पूछ रही हो, ‘कहो, कविता कैसी रही?’ और दूसरी आँख पूछ रही हो, बोल, बेटा! अब भी मुझसे भागेगा?’
(ii) सोनाबाई ने लड़की को घूरा, फिर हँसते हुए बोली, “भैया, पेड़े खिलाओ, दवा गिरना शुभ होता है।”
(iii) मैंने कराहते हुए पूछा, “मैं कहाँ हूँ?”
9. काल परिवर्तन:
निम्नलिखित वाक्यों का सूचना के अनुसार काल परिवर्तन कीजिए:
(i) एक चेहरा बड़ी तेजी से जवाब देता है। (पूर्ण वर्तमानकाल)
(ii) मेरी आँख खुलते ही सबके चेहरों पर प्रसन्नता की लहर दौड़ जाती है। (सामान्य भूतकाल)
(iii) सोनाबाई फिर आती है। (सामान्य भविष्यकाल)
उत्तर:
(i) एक चेहरे ने बड़ी तेजी से जवाब दिया है।
(ii) मेरी आँख खुलते ही सबके चेहरों पर प्रसन्नता की लहर दौड़ गई।
(iii) सोनाबाई फिर आएगी।
10. वाक्य भेद:
(1) निम्नलिखित वाक्यों का रचना के आधार पर भेद पहचानकर लिखिए:
(i) जब आँख खुली तो मैंने स्वयं को बिस्तर पर पाया।
(ii) मैंने उसे जल्दी से चाय पिलाई और विदा किया।
उत्तर:
(i) मिश्र वाक्य
(ii) संयुक्त वाक्य।
(2) निम्नलिखित वाक्यों का अर्थ के आधार पर दी गई सूचना के अनुसार परिवर्तन कीजिए:
(i) मेरी टाँग टूटना एक दुर्घटना थी। (प्रश्नवाचक)
(ii) आज फिर कोई दुर्घटना होगी। (इच्छावाचक)
उत्तर:
(i) क्या मेरी टाँग टूटना एक दुर्घटना थी?
(ii) आज फिर कोई दुर्घटना न हो।
11. वाक्य शुद्धिकरण:
निम्नलिखित वाक्य शुद्ध करके लिखिए:
(i) अब मैं अपने टाँगों की ओर देखता है।
(ii) सोनाबाई से एक पल लड़की को घूरी।
(iii) गुप्ता जी की कमरा शायद बगल में हैं।
उत्तर:
(i) अब मैं अपनी टाँगों की ओर देखता हूँ।
(ii) सोनाबाई ने एक पल लड़की को घूरा।
(iii) गुप्ता जी का कमरा शायद बगल में है।
उपक्रम/कृति/परियोजना
किसी सार्वजनिक या ग्राम पंचायत की सभा में अंगदान’ के बारे में अपने विचार प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर:
आदरणीय सरपंच महोदय, पंच परमेश्वर तथा अन्य सभी उपस्थित सज्जनो, आज मैं आप सभी के समक्ष अंगदान के विषय में अपने विचार प्रस्तुत करना चाहता हूँ। अंगदान वह प्रक्रिया है, जिसमें किसी व्यक्ति के शरीर का कोई अंग उसकी व उसके परिवार की सहमति से हटाकर किसी अन्य व्यक्ति को दे दिया जाता है। इस प्रक्रिया द्वारा एक व्यक्ति को नया जीवन मिल जाता है।
प्रत्यारोपण के लिए गुर्दे, लिवर, फेफड़े, हृदय, हड्डियाँ, अस्थि मज्जा, त्वचा, अग्न्याशय, कॉर्निया, आँत आदि का दान दिया जाता है। अंगदान की प्रक्रिया को दुनिया भर में प्रोत्साहित किया जाता है। भारत में यह कानूनन वैध है। अंगदान समाज के लिए एक चमत्कार साबित हुआ है। हालाँकि माँग की तुलना में आपूर्ति बहुत कम है।
वाह रे! हमदर्द Summary in Hindi
वाह रे! हमदर्द विषय-प्रवेश :
अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती हुए मरीज को देखने जाने की परंपरा समाज में पुरानी है। इससे मरीज को खुशी होती है और कुछ समय के लिए उसका ध्यान अपने कष्ट से हट जाता है। पर कुछ मिलने वाले ऐसे होते हैं, जो मरीज के लिए परेशानी का कारण बन जाते हैं। प्रस्तुत हास्य-व्यंग्यात्मक निबंध में लेखक ने दुर्घटना के माध्यम से एक ऐसी ही स्थिति का चित्रण किया है। निबंध में जहाँ एक ओर समाज में विद्यमान परोपकार की भावना पर प्रकाश डाला गया है, वहीं दूसरी ओर बड़े ही रोचक ढंग से हमदर्द लोगों की मानसिकता को भी चित्रित किया गया है। कभी-कभी हमदर्दी भी रोगी की मानसिक पीड़ा का कारण बन जाती है।
वाह रे! हमदर्द मुहावरे – अर्थ
- ड़ाना – बाधा डालना।
- काँप उठना – भयभीत होना।