Chapter 5 चार हाथ चाँदना (पठनार्थ)

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Chapter 5 चार हाथ चाँदना (पठनार्थ)

Textbook Questions and Answers

स्वाध्याय :

सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए :

1. विधानों के सामने सही अथवा गलत लिखिए :

प्रश्न 1.
विधानों के सामने सही अथवा गलत लिखिए :

  1. शोभा सिंह ने ‘सत्यम्, शिवम्, सुंदरम्’ का क्रम बदला है। [ ]
  2. प्रश्नकर्ता के अनुसार हमारी धरती का यथार्थ बहुत भयानक नहीं है। [ ]
  3. कलाकार की शक्ति उसके चिंतन में है। [ ]
  4. शोभा सिंह कलाकार का कर्म एक छोटी-सी जलती हुई मोमबत्ती नहीं समझते । [ ]

उत्तर:

  1. सत्य
  2. असत्य
  3. सत्य
  4. असत्य

2. कृति पूर्ण कीजिए।

प्रश्न 1.
कृति पूर्ण कीजिए।


उत्तर:

3. उचित जोड़ियाँ मिलाइए।

प्रश्न 1.
उचित जोड़ियाँ मिलाइए।

‘अ’

‘ब’

1. चित्रकार

(क) अमृता प्रीतम

2. लेखिका

(ख) शोभा सिंह

3. जीनियस

(ग) कलाकार

4. ईश्वर

(घ) माँ

उत्तर:

‘अ’

‘ब’

1. चित्रकार

(ख) शोभा सिंह

2. लेखिका

(क) अमृता प्रीतम

3. जीनियस

(घ) माँ

4. ईश्वर

(ग) कलाकार

4. उचित विकल्प चुनकर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए।

प्रश्न 1.
उचित विकल्प चुनकर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए।

  1. सुंदरता के लिए ………………….. सबसे पहली अवस्था है। (नजर, दृष्टि, नजरिया)
  2. हमारी धरती का ……………… बहुत भयानक है। (सत्य, यथार्थ, वास्तव)
  3. कलाकार की शक्ति उसके …………….. में है। (चिंतन, मनन, साधना)
  4. मैं रचनात्मक ……………. के संबंध में कह रहा हूँ। (युक्ति, कृति, शक्ति)

उत्तर:

  1. नजरिया
  2. यथार्थ
  3. चिंतन
  4. शक्ति

5. पाठ में प्रयुक्त ऐसे शब्द ढूँढकर लिखिए जिनका वचन परिवर्तन नहीं होता।
जैसे : वृक्ष – वक्ष

प्रश्न 1.
पाठ में प्रयुक्त ऐसे शब्द ढूँढकर लिखिए जिनका वचन परिवर्तन नहीं होता।
जैसे : वृक्ष – वक्ष
उत्तर:

कलाकार

रंग

चित्रकार

घर

दीमक

गुलाब

फूल

दर्शक

अभिव्यक्ति :

प्रश्न 1.
‘कला जीवन को आनंदित करने का साधन है।’ विषय पर अपना मत स्पष्ट कीजिए।
उत्तरः

कला के माध्यम से मनुष्य अपने भावों की अभिव्यक्ति करता है। कला जीवन की अनुकृति है। कला जीवन को आनंदित करने का साधन है। कला में ऐसी शक्ति होती है जो कलाकार को संकीर्ण सीमाओं से उठाकर सफलता की मंजिल पर बिठा देता है। कला के कारण मानव मन में संवेदनाएँ एवं अभिरूचि निर्माण होती है। कला जीवन को सत्यम्, शिवम् और सुंदरम् से समन्वित करती है। कला उस क्षितिज की भाँति है जिसका कोई छोर नहीं है।

रसात्मकता कला का प्राण होता है। व्यक्ति को जो कला अच्छी लगती है, उसमें वह मग्न हो जाता है। अपनी मनपसंद कला के साथ एकाकार होने से उसका मन हर्ष से भर जाता है। मनपसंद कला उसके जीवन को प्रभावित करती है और उसे आनंद की अनुभूति दिलाती है। जो व्यक्ति अपने जीवन से निराश एवं उदास हो जाता है, वह यदि कला के सान्निध्य चला जाए तो उसके मन से उदासी की भावना सदा के लिए खत्म हो जाती है और वह चिर-आनंद का अनुभव करने लगता है।

भाषाबिंदु :

प्रश्न 1.
वर्तनी के नियमों के अनुसार शुद्ध शब्द छाँटकर लिखिए। |

  1. मुश्कील/मुशकील/मुश्किल/मुष्कील = …………….
  2. परसिद्ध/प्रसिद्ध/प्रसीध्द/प्रसिध्ध =…………….
  3. मिट्टी/मिट्यी/मिट्टी/मीट्ठी = …………….
  4. रूतूएँ/ऋतुएँ/ऋतूए/ऋतू = …………….

उत्तर:

  1. मुश्किल
  2. प्रसिद्ध
  3. मिट्टी
  4. ऋतुएँ

उपयोजित लेखन :

प्रश्न 1.
‘पुस्तक मेल में दो घंटे’ विषय पर अस्सी से सौ शब्दों में निबंध लिखिए।
उत्तरः

पुस्तक मेल में दो घंटे पुस्तकों का हमारे जीवन में महत्त्वपूर्ण स्थान होता है। वे एक मित्र के समान हमारी सहायक एवं मार्गदर्शक होती हैं। वे अपना ज्ञानरूपी अमृत कोष सदा हम पर न्योछावर करती रहती हैं। अतः पुस्तकों का वाचन सभी को करना चाहिए। पुस्तकों का भी अपना एक मेला होता है। पुस्तक मेले में तरह-तरह की पुस्तकें होती हैं। वहाँ पर लेखक एवं कवि आते हैं और स्वयं अपनी पुस्तकों के बारे में पाठकों को परिचित कराते हैं। मैं भी सरस्वती भवन द्वारा आयोजित पुस्तक मेले में गया था।

मेरे साथ मेरे मित्र भी थे। जैसे ही हमने पुस्तक मेले में प्रवेश किया वैसे ही पुस्तक मेले के प्रवेशद्वार पर एक व्यक्ति पुस्तक का मुखौटा पहनकर पुस्तकों के महत्त्व से हमें परिचित कराने लगा हमें बहुत ही अच्छा लगा। जैसे ही हम भीतर गए वैसे ही हमने चारों ओर नजर डाली।

तब हमने देखा कि चारों ओर पुस्तक खरीदने के लिए लोगों की भीड़ एकत्रित हुई है। कई दुकानों पर लोगों का तांता लगा हुआ था। भारतीय भाषाओं के सर्वश्रेष्ठ ग्रंथ एवं महापुरूषों की जीवनी सर्वत्र विक्री हेतु उपलब्ध थी। अंग्रेजी किताबें भी थीं। हिंदी साहित्य की पुस्तकों के बारे में क्या कहना? प्रत्येक दुकान में पंत जी, निराला जी, बच्चन जी, गुप्त जी, सुभद्रा जी, महादेवी जी, अज्ञेय जी, मन्नू भंडारी जी, भारती जी आदि पुस्तक रूप में विराजमान थे।

इन श्रेष्ठ साहित्यकारों के अनुपम ग्रंथ देखकर मैं आनंदविभोर हो गया। इतने में मेरे एक मित्र ने तपाक से कहा, “अरे देखो, हिंदी साहित्य के श्रेष्ठ वर्तमान साहित्यकार श्री. राम जी तिवारी बच्चों के साथ वार्तालाप कर रहे हैं।”

हम तुरंत उस स्थान पर पहुंच गए जहाँ पर श्री तिवारी जी बच्चों से तन्मयता और सहदयता से बात कर रहे थे। उनके विचार सुनकर हम सब गद्गद हो गए। उन्होंने ‘कितावें करती हैं बातें…’ इस कविता को हमारे सामने अभिव्यक्त करके पुस्तकों के वाचन हेतु जो संस्कार किया, उसका वर्णन करना मेरे लिए कठिन है।

पुस्तक मेले में घूमते-घूमते हमें कई ऐसी किताबों के बारे में पता चला, जिनके नाम भी हमने पहले कभी सुने नहीं थे। पुस्तक मेले में भ्रमण करते समय दो घंटे कब खत्म हुए, इसका पता भी नहीं चला। मनचाही पुस्तकें खरीद कर एवं प्राप्त ज्ञान को मस्तिष्क में संग्रहित कर हम खुशी-खुशी घर की ओर लौट पड़े।

(अ) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति अ (1) : आकलन कृति

प्रश्न 1.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:

प्रश्न 2.
निम्नलिखित विधान सत्य है या असत्य लिखिए। –
i. श्री शोभा सिंह प्रसिद्ध साहित्यकार हैं।
उत्तर:

i. असत्य

प्रश्न 3.
समझकर लिखिए।
उत्तर:

प्रश्न 4.
उचित विकल्प चुनकर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए।
i. सुंदरता की …………………………. अवस्था सत्य है। (पहली, दूसरी, तीसरी)
उत्तर:

i. पहली

कृति अ (2) : शब्द संपदा

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची शब्द लिखिए।

  1. रूहानी
  2. तकनीकी
  3. अवस्था
  4. गहराई

उत्तर:

  1. आत्मिक
  2. प्रविधिक
  3. हालत
  4. गहनता

प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों के वचन बदलिए।
i. कल्पना
ii. लकीर
उत्तर:

i. कल्पनाएँ
ii. लकीरें

प्रश्न 3.
निम्नलिखित शब्द के अनेकार्थी शब्द लिखिए।
i. अवस्था
ii. कल्पना
उत्तर:

i. हालत, देहादि की कालकृत स्थिति जैसे बचपन, जवानी, बुढ़ापा, उम्र, स्थिति
ii. नई बात, सोचना, मन की उपज

प्रश्न 4.
निम्नलिखित तत्सम शब्द का तद्भव रूप लिखिए।
i. सत्य
उत्तर:

i. सच

प्रश्न 5.
गद्यांश में प्रयुक्त अन्य भाषाओं के शब्द ढूँडकर लिखिए।
उत्तर:

i. रूहानी
ii. कैनवस

कृति अ (3) : स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘रंगों का जीवन में बड़ा महत्व है।’ इस विषय पर अपने विचार लिखिए।
उत्तर:

रंगों का व्यक्ति के जीवन में महत्त्वपूर्ण स्थान होता है। रंग चेतन जीव पर गहराई तक असर डालते हैं। रंग व्यक्ति को सिर्फ खुशी ही नहीं देते बल्कि उसके शारीरिक एवं मानसिक विकारों को भी दूर भगाते हैं। रंग व्यक्ति के जीवन में दोहरी भूमिका निभाते हैं। उदाहरण के तौर पर रंग हमें उत्तेजित करते हैं और हमें शांत भी करते हैं। इसलिए जीवन में रंगों का ज्योतिषीय महत्त्व है। रंगों के बिना व्यक्ति का जीवन नीरस होता है।

इंद्रधनुष के सात रंगों को रंगों का रचयिता माना जाता है। हरा रंग संपन्नता का प्रतीक माना जाता है। श्वेत रंग शांति का प्रतीक माना जाता है। पीला रंग प्रकाश का प्रतीक माना जाता है, तो गुलाबी रंग कोमलता व सुंदरता का प्रतीक माना जाता है। नीला रंग एकता व ठंडक का प्रतीक माना जाता है। रंग हमारे विचारों को प्रभावित करते हैं। इसलिए हमारे जीवन में रंगों का विशेष महत्त्व है।

(आ) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति आ (1) : आकलन कृति

प्रश्न 1.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:

i.
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 5 चार हाथ चाँदना 6

ii.

प्रश्न 2.
प्रस्तुत गद्यांश को पढ़कर ऐसे दो प्रश्न तैयार कीजिए कि जिनके उत्तर निम्न शब्द हों –
i. परछत्ती
ii. तस्वीरें
उत्तर:

i. आँगन में क्या बनी हुई थी?
ii. बचपन में शोभा सिंह जी घर की दीवारें सजाने के लिए क्या बनाने लगे?

कृति आ (3) : शब्द संपदा

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के विलोम शब्द लिखिए।
i. जन्म × ……………
ii. निचली × ……………
उत्तर:

i. मरण
ii. ऊपरी

प्रश्न 2.
निम्नलिखित अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखिए।

  1. घास-फूस का बना छप्पर –
  2. कागज़, चमड़े आदि से मड़ी हुई दफ़्ती या पुस्तक की प्रति –
  3. लकड़ी और किताबों को खानेवाला कीट –

उत्तर:

  1. परछत्ती
  2. जिल्द
  3. दीमक

प्रश्न 3.
नीचे लिखे शब्दों में से उपसर्ग छाँटिए और संबंधित उपसर्ग से दो अन्य शब्द बनाइए।
i. परछत्ती
उत्तर:

i. परछत्ती : उपसर्ग : पर अन्य शब्द : परदादा, परदादी

प्रश्न 4.
गद्यांश में से शब्द-युग्म ढूँढकर लिखिए।
उत्तर:

i. धो-पोंछकर
ii. इर्द-गिर्द

(इ) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति इ (1) : आकलन कृति

प्रश्न 1.
ऐसे प्रश्न तैयार कीजिए जिनके उत्तर निम्न शब्द हों
i. रचनात्मक
ii. चाँदना
उत्तर:

i. गद्यांश में किस शक्ति की बात हो रही है?
ii. जलती हुई मोमबत्ती धरती को क्या दे सकती है?

प्रश्न 2.
निम्नलिखित विधान सत्य है या असत्य लिखिए।
i. औरत सब कुछ छोड़कर एक नई और ऊपरी धरती पर चली जाती है।
ii. दो-दो, चार-चार हाथ चाँदना पूरी संस्कृति को प्रभावित कर सकता है।
उत्तर:

i. सत्य
ii. असत्य

कृति इ (2) : शब्द संपदा

प्रश्न 1.
गद्यांश में से शब्द-युग्म ढूँढकर लिखिए।
उत्तर:

  1. माँ-बाप
  2. भाई-बहन
  3. दो-दो, चार-चार
  4. ईद-गिर्द

प्रश्न 2.
वचन बदलिए।
i. शक्ति
ii. मोमबत्ती
उत्तर:

i. शक्तियाँ
ii. मोमबत्तियाँ

प्रश्न 3.
‘कलाकार’ इस शब्द में निहित प्रत्यय को पहचानकर संबंधित उपसर्ग लगाकर अन्य दो शब्द तैयार कीजिए।
उत्तरः

कलाकारः प्रत्यय : कार नए शब्द : शिल्पकार, चित्रकार

प्रश्न 4.
अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखिए।

  1. किसी लक्ष्य को पाने के लिए किया गया अभ्यास –
  2. रचना से संबंधित –
  3. सभ्य होने का भाव –

उत्तर :

  1. साधना
  2. रचनात्मक
  3. सभ्यता

कृति इ (3) : स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘कला अभिव्यक्ति का माध्यम है।’ विषय पर अपने विचार लिखिए।
उत्तरः

मन के अंत:करण की सुंदर प्रस्तुति कला होती है। कला में मानसिक व शारीरिक कौशलों का प्रयोग होता है। कला का अर्थ है – रचना करना। चित्रकला, संगीत, काव्य, नृत्य, स्थापत्यकला, रंगमंच आदि कला के विविध रूप हैं। कला के द्वारा मनुष्य अपने भावों की अभिव्यक्ति करता है। कला मानव, प्राणियों में अमृत भर देती हैं। फिर वह कला संगीत कला हो या चित्रकला। वह अभिव्यक्ति का कुशल साधन बनकर मनुष्य के हृदय पर सकारात्मक प्रभाव निर्माण करती है। कला के द्वारा मनुष्य अपनी संवेदनाएं व अभिरुचि को दिशा देने की अद्भुत क्षमता रखता है। कला मानवीय मन को सम्मोहित करती है।

कला की अभिव्यक्ति जितनी कुशल होती है। उतनी वह मानव मन पर अपनी छाप छोड़ने में सक्षम होती है। ताजमहल देखने के लिए प्रतिवर्ष लाखों लोग आते हैं। लोग चार मिनार की सैर करते हैं। ये सारी कला ही तो हैं जो अपने अभिव्यक्ति के सशक्त पहिए पर खड़ी हैं। अत: कहा जाता है : अभिव्यक्ति की कुशल शक्ति कला होती है। वह अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम होती है।

(ई) गद्यांश पड़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति ई (1) : आकलन कृति

प्रश्न 1.
समझकर लिखिए।

  1. यहाँ पर चित्रित होकर पड़ा है धरती का यथार्थ –
  2. धरती के यथार्थ –
  3. ये लोप होती जा रही हैं –
  4. गद्यांश में इस अंग्रेजी कवि का नाम आया है –
  5. कवि ब्लेक का कथन –

उत्तर:

  1. जगह-जगह पर व सड़कों की पटरियों पर
  2. भयानक गरीबी और अंतहीन दुखों का इतिहास
  3. जिंदगी की खूबसूरती व जिंदगी की अच्छाई
  4. कवि विलियम ब्लेक
  5. सुंदर ईश्वर को एक गुलाब का फूल बनाने में पचास हजार बरस लगे थे।

प्रश्न 2.
गद्यांश के आधार पर वाक्य पूर्ण कीजिए।

  1. शोभा सिंह गुरुओं के चित्र बनाते हैं क्योंकि
  2. कला का तब तक कोई प्रभाव नहीं होता जब तक
  3. चित्रकार जिंदगी की खूबसूरती एवं अच्छाई को चित्रित करना चाहता है क्योंकि

उत्तर:

  1. शोभा सिंह गुरुओं के चित्र बनाते हैं क्योंकि उनके ‘स्वयं’ महान थे।
  2. कला का तब तक कोई प्रभाव नहीं होता जब तक वह कला के लिए होती है।
  3. चित्रकार जिंदगी की खूबसूरती एवं अच्छाई को चित्रित करना चाहता है क्योंकि वह दिनोंदिन लोप होती जा रही है।

कृति ई (3) : शब्द संपदा

प्रश्न 1.
निम्नलिखित वाक्य में विराम चिह्नों का उचित प्रयोग कीजिए।
i. शोभा सिंह ने कहा कलाकार का कर्म भी एक व्यक्तित्व बनना है तभी कला में उसका प्रभाव आ सकता है।
उत्तर:

शोभा सिंह ने कहा, “कलाकार का कर्म भी एक व्यक्तित्व बनना है, तभी कला में उसका प्रभाव आ सकता है।”

प्रश्न 2.
लिंग बदलिए।
i. कलाकार
i. गुरु
उत्तर:

i. कलावती
ii. गुरुआइन

प्रश्न 3.
गद्यांश में से प्रत्यययुक्त शब्द ढूँढ़कर लिखिए।
उत्तर:

i. खूबसूरती : प्रत्यय : ई
ii. अच्छाई : प्रत्यय : ई

प्रश्न 4.
निम्नलिखित शब्दों में उचित प्रत्यय लगाइए।
i. कल्पना
ii. इतिहास
उत्तर:

i. कल्पना + इक = काल्पनिक
ii. इतिहास + इक = ऐतिहासिक

प्रश्न 5.
विलोम शब्द लिखिए।

  1. यर्थाथ × ………………..
  2. खूबसूरत × ………………..
  3. फूल × ………………..
  4. महान × …………………

उत्तर:

  1. कल्पित
  2. बदसूरत
  3. काँटा
  4. साधारण

कृति ई (3) : स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘क्या जिंदगी की खूबसूरती व अच्छाई सचमुच लोप होती जा रही है ?’ विषय पर अपने विचार लिखिए।
उत्तर:

जिंदगी खूबसूरती व अच्छाई का नाम है। जिंदगी में जो कुछ प्राकृतिक है, वह सब ईश्वर निर्मित है। इंसान की जिंदगी में उसके कर्म बहुत ही मायने रखते हैं। वह जो कुछ करता है उसी के आधार पर उसकी जिंदगी भविष्य के रास्ते बनाती है। इंसान का अच्छा कर्म उसे अच्छाई की ओर ले जाता है। इंसान को जो यह अनमोल जीवन मिला है वह बहुत ही खूबसूरत है। इंसान का यह कर्तव्य है कि वह इस सुंदर जीवन को और खूबसूरत बनाए।

लता दीदी अपनी सुमधुर आवाज के लिए विश्व भर में पहचानी जाती हैं। सचिन क्रिकेट खेल जगत का भगवान बन गया है। अमिताभ बच्चन जी अपनी उत्कृष्ट अदाकारी के लिए देश-विदेश में प्रसिद्ध हैं। अत: मुझे ऐसा बिल्कुल नहीं लगता कि आज जिंदगी की खूबसूरती एवं अच्छाई लोप होती जा रही है। अपनी जिंदगी को खूबसूरत एवं अच्छा रखना प्रत्येक मनुष्य के हाथ में ही है।

(ङ) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति छ (1): आकलन कृति

प्रश्न 1.
उचित विकल्प चुनकर रिक्त स्थानों पूर्ति किजिए।
i. क्या प्रसाद सिर्फ …….. होता है? (बूंदी, लड्डू, पेड़ा)
उत्तर:

i. बूंदी

प्रश्न 3.
समझकर लिखिए।
उत्तर:

कृति उ (3) : शब्द संपदा

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची शब्द लिखिए।

  1. अमौर
  2. प्रसाद
  3. दर्शक

उत्तर:

  1. रईस
  2. अनुग्रह
  3. देखनेवाला

प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्द के लिए अनेकार्थी शब्द लिखिए।
i. प्रसाद
उत्तर:

i. कृपा, भगवान को चढ़ाई गई वस्तु, अनुग्रह

प्रश्न 3.
अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखिए।
i. कला का प्रदर्शन करने वाला –
उत्तरः

कलाकार

प्रश्न 4.
निम्नलिखित शब्दों के श्रुतिसमभिन्नार्थक शब्द लिखिए।
i. दर्शक
ii. अमल
उत्तर:

i. दशक
ii. कमल

कृति ङ (3): स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘कलाकार की शक्ति उसके चिंतन में है।’ विषय पर अपने विचार लिखिए।
उत्तर:

कलाकार वह होता है जो अपनी अद्भुत कला से सभी को मंत्रमुग्ध कर देता है और सभी के हृदय पर छाप छोड़ देता है। फिर वह कलाकार चित्रकार हो या कवि। कलाकार के पास अद्भुत शक्तियाँ होती हैं। नित्य साधना, चिंतन व मनन के जरिए कलाकार को कलात्मक शक्तियों की प्राप्ति होती है। भारत के महान गायक मोहम्मद रफी साहब के स्वरों में जो जादू था, वह उन्हें एक दिन में नहीं प्राप्त हुई। उसके लिए उन्होंने बचपन से रियाज़ करना शुरू कर दिया था।

दिन के दस-दस घंटे तक वे संगीत का अभ्यास करते थे। अपनी कड़ी तपस्या के कारण ही वे महान गायक बने थे। चिंतन के बिना कलाकार की प्रतिभा खिल नहीं सकती। चिंतन-रूपी तपस्या के बाद ही कलाकार की प्रतिभा पर दिव्य फल लगना शुरू होता है। कवि भी कविता लिखने के पहले चिंतन करता है। महर्षि वाल्मीकी की जीवनी से कौन परिचित नहीं है? उन्होंने भी ‘रामायण’ लिखने से पहले कड़ी साधना एवं चिंतन किया था। तब जाकर वे ‘रामायण’ जैसे महाकाव्य की रचना कर सकें। अत: कलाकार के लिए चितन करना बेहद जरूरी होता है।

चार हाथ चाँदना Summary in Hindi

लेखक-परिचय :

जीवन-परिचय : अमृता प्रीतम जी का जन्म सन 1919 में पंजाब के गुजरांवाला में हुआ। ये पंजाबी एवं हिंदी भाषा की प्रतिभाशाली साहित्यकार थीं। इन्होंने अपनी प्रतिभा से साहित्य के सभी विधाओं जैसे उपन्यास, कविता, कहानी, संस्मरण, आत्मकथा आदि को समृद्ध किया है। इन्हें ज्ञानपीठ, साहित्य अकादमी एवं पद्म विभूषण आदि पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। इन्होंने अपने साहित्य के माध्यम से मानवीय संवेदनाओं को झझकोरने का प्रयास किया है।
प्रमुख कृतियाँ : “पिंजर’, ‘कोरे कागज’, ‘सागर और सीपियाँ’ (उपन्यास), ‘रसीदी टिकट’ (आत्मकथा), ‘कच्चा आँगन’, ‘एक थी सारा’ (संस्मरण), ‘हीरे दी कनी’, ‘इक शहर दी मौत’, ‘तीसरी औरत’ (कहानी संग्रह) आदि हिंदी में अनूदित।

गद्य-परिचय :

साक्षात्कार : दो या दो से अधिक व्यक्तियों के बीच किसी विशेष उद्देश्य से प्रत्यक्ष बातचीत एवं विचारों का आदान-प्रदान साक्षात्कार कहलाता है। इसमें एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति से प्रश्न पूछता है और दूसरा व्यक्ति प्रश्नों के उत्तर देता है।
प्रस्तावना : ‘चार हाथ चाँदना’ इस साक्षात्कार में लेखिका अमृता प्रीतम जी ने पंजाब के प्रसिद्ध चित्रकार श्री शोभा सिंह जी से उनके अनुभव एवं चित्रकला विषय से संबंधित प्रश्न पूछे हैं। श्री शोभा सिंह ने भी उनके प्रश्न के उत्तर विस्तारपूर्वक दिए हैं।

सारांश :

‘चार हाथ चाँदना’ यह साक्षात्कार है। पंजाब की सुप्रसिद्ध साहित्यकार अमृता प्रीतम जी ने चित्रकार श्री शोभा सिंह जी का साक्षात्कार लिया है। अमृता जी ने श्री शोभा सिंह से कलाकार के कर्म की व्याख्या, चित्रकला चुनने का कारण, माँ का महत्त्व, धरती का भयानक यथार्थ व कलाकार की चिंतन शक्ति आदि मुद्दों पर प्रश्न पूछे हैं। श्री शोभा सिंह ने भी सभी प्रश्नों के विस्तार के साथ उत्तर दिए हैं। उनके अनुसार ‘सत्यम्, शिवम्, सुंदरम्’ के क्रम में बदलाव की जरूरत है। वह ‘सुंदरम्, शिवम्, सत्यम्’ इस प्रकार होना चाहिए। शोभा जी को चित्रकारी का शौक बचपन से था। वे जब आठ साल के थे तब उन्होंने खयाली घर की दीवारें सजाने के लिए तस्वीरें बनाई थीं।

वे औरत को माँ के तौर पर महत्त्व देते हैं। वे कहते हैं कि माँ के पास रचनात्मक शक्ति होती है। उसके पास साधना, दैवी शक्ति, कला एवं ज्ञान का भंडार होता है। अत: वह ‘जीनियस’ होता है। उनके अनुसार सच्चे कलाकार का कर्म एक छोटी सी जलती हुई मोमबत्ती की भाँति होता है जो अपने आस-पास की धरती को प्रकाशित करता है। श्री शोभा सिंह धरती के यथार्थ को चित्रों में स्थान नहीं देना चाहते।

वे जिंदगी की खूबसूरती एवं अच्छाई को कागज पर चित्रित करते हैं क्योंकि वह दिनोंदिन लोप होती जा रही है। उनका मानना है कि कलाकार का कर्म एक व्यक्तित्व बनना है, तब कला में उसका प्रभाव आ सकता है। कलाकार की शक्ति उसके चिंतन में होती है और कलाकार दर्शक को एक अच्छी सोच व सूझ दे सकने का कार्य करता है।

शब्दार्थ :

  1. चाँदना – प्रकाश
  2. परछत्ती – घास-फूस का बना छप्पर
  3. रूहानी – आत्मिक
  4. तकनीकी – प्राविधिक
  5. अवस्था – हालत
  6. गहराई – गहनता
  7. दर्शक – देखनेवाला
  8. यर्थाथ – सत्य
  9. अंतहीन – कभी न खत्म होनेवाला

मुहावरे :

भुलावा हो जाना – भ्रम हो जाना।