Chapter 5 ईमानदारी की प्रतिमूर्ति
Textbook Questions and Answers
कृति
कृतिपत्रिका के प्रश्न 1 (अ) तथा 1 (आ) के लिए
सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए:
प्रश्न 1.
संजाल पूर्ण कीजिए:
उत्तर:
प्रश्न 2.
परिणाम लिखिए:
a. सुबह साढ़े पाँच-पौने छह बजे दरवाजा खटखटाने का –
२. साठ पैसे प्रति किलोमीटर के हिसाब से पैसे जमा करवाने का-
उत्तर:
a. सुबह साढ़े पाँच-पौने छह बजे दरवाजा खटखटाने का – नींद टूटना और बड़ी तेज आवाज में बोलना।
b. साठ पैसे प्रति किलोमीटर के हिसाब से पैसे जमा करवाने का – पिता की यह बात सुनकर दोनों भाई वहाँ रुक नहीं सके। कमरे में जाकर देर तक फूट-फूटकर रोते रहे।
प्रश्न 3.
पाठ में प्रयुक्त गहनों के नाम:
प्रश्न 4.
वर्ण पहेली से विलोम शब्दों की जोड़ियाँ ढूँढकर लिखिए:
उत्तर:
(i) दुख x सुख
(ii) बुरा x भला
(iii) प्रसन्न x अप्रसन्न
(iv) सदुपयोग x दुरुपयोग।
प्रश्न 5.
पर जो असल गहना है वह तो है’ इस वाक्य से अभिप्रेत भाव लिखिए।
उत्तर:
स्त्री के सोने-चाँदी, हीरे-मोती के गहने उसके शरीर के बाह्य शृंगारिक गहने होते हैं। ये गहने स्थायी नहीं होते। स्त्री का असली गहना तो उसका पति होता है, जो जीवन भर उसका साथ निभाता है।
प्रश्न 6.
कुरते के प्रसंग से शास्त्री जी के इन गुणों (स्वभाव) का पता चलता है: १. _____________ १. _____________
प्रश्न 7.
पाठ में प्रयुक्त परिमाणों की सूची तैयार कीजिए:
a. _____________ b. _____________
उत्तर:
a. ग्राम, किलोमीटर, पैसे। साढ़े (पाँच), पौने (छह)।
b. पल, मिनट, बजे, सप्ताह, महीना।
प्रश्न 8.
‘पर’ शब्द के दो अर्थ लिखकर उनका स्वतंत्र वाक्य में प्रयोग कीजिए। १. _____________ १. _____________
उत्तर:
a. पर-अर्थ: पक्षी का पंख, डैना।
वाक्य: गिद्ध के पर बहुत बड़े और भारी होते हैं।
b. पर-अर्थ: लेकिन, परंतु।
वाक्य: सरकार ने किसानों के कर्ज माफ करने की घोषणा कर दी, पर उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
(अभिव्यक्ति)
प्रश्न.
‘सादा जीवन, उच्च विचार’ विषय पर अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
संसार में दो प्रकार के मनुष्य होते हैं। एक वे, जो भौतिक सुखों को ही अपने जीवन का उद्देश्य मानते हैं। इनके लिए किसी भी तरह धन-दौलत तथा सुख-सुविधा की वस्तुएँ प्राप्त करना अनुचित नहीं होता। दूसरे प्रकार के मनुष्य हर स्थिति में अपने आप को संतुष्ट रखते हैं। ये अपने सीमित साधनों से अपना और अपने परिवार का निर्वाह करते हैं और प्रसन्न रहते हैं।
इनका रहन-सहन साधारण ढंग का होता है। विलासितापूर्ण वस्तुएँ इन्हें प्रभावित नहीं कर पातीं। वे केवल जीवनावश्यक वस्तुओं से अपना गुजारा कर लेते हैं, पर ईमानदारी, सच्चरित्रता, सच्चाई, सरलता तथा दूसरों के प्रति सहानुभूति रखना वे अपने जीवन का आदर्श मानते हैं। हमारे देश के संतों, महात्माओं तथा महापुरुषों का जीवन इसी तरह का रहा है। इन महापुरुषों को जनता आज भी याद करती है और उनका गुणगान करती है। सादा जीवन उच्च विचार को हर युग में हमारे यहाँ मान्यता मिली है और इन्हें अपने जीवन का मूलमंत्र मानकर ही मनुष्य सुखी रह सकता है।
भाषा बिंदु
प्रश्न 1.
निम्नलिखित वाक्यों को व्याकरण नियमों के अनुसार शुद्ध करके फिर से लिखिए: [प्रत्येक वाक्य में कम-से-कम दो अशुद्धियाँ हैं]
1. करामत अली गाय अपनी घर लाई।
2. उसने गाय की पीठ पर डंडे बरसाने नहीं चाहिए थी।
3. करामत अली ने रमजानी पर गाय के देखभाल का जिम्मेदारी सौंपी।
4. आचार्य अपनी शिष्यों को मिलना चाहते थे।
5. घर में तख्ते के रखे जाने का आवाज आता है।
6. लड़के के तरफ मुखातिब होकर रामस्वरूप ने कोई कहना चाहा।
7. सिरचन को कोई लड़का-बाला नहीं थे।
8. लक्ष्मी की एक झूब्बेदार पूँछ था।
9. कन्हैयालाल मिश्र जी बिड़ला के पुस्तक को पढ़ने लगे।
10. डॉ. महादेव साहा ने बाजार से नए पुस्तक को खरीदा।
11. लेखक गोवा को गए उनकी साथ साढू साहब भी थे।
12. टिळक जी ने एक सज्जन के साथ की हुई व्यवहार बराबर थी।
13. रंगीन फूल की माला बहोत सुंदर लग रही थी।
14. बूढ़े लोग लड़के और कुछ स्त्रियाँ कुएँ पर पानी भर रहे थे।
15. लड़का, पिता जी और माँ बाजार को गई।
16. बरसों बाद पंडित जी को मित्र का दर्शन हुआ।
17. गोवा के बीच पर घूमने में बड़ी मजा आई।
18. सामने शेर देखकर यात्री का प्राण मानो मुरझा गया।
19. करामत अली के आँखों में आँसू उतर आई।
20. मैं मेरे देश को प्रेम करता हूँ।
उत्तर:
1. करामत अली गाय अपने घर ले आए।
2. उसे गाय की पीठ पर डंडे नहीं बरसाने चाहिए थे।
3. करामत अली ने रमजानी पर गाय की देखभाल की जिम्मेदारी सौंपी।
4. आचार्य अपने शिष्यों से मिलना चाहते थे।
5. घर में तख्ता रखे जाने की आवाज आती है।
6. लड़के की तरफ मुखातिब होकर रामस्वरूप ने कुछ कहना चाहा।
7. सिरचन को कोई बाल-बच्चा नहीं था।
8. लक्ष्मी की एक झब्बेदार पूँछ थी।
9. कन्हैयालाल मिश्र जी बिड़ला की पुस्तक पढ़ने लगे।
10. डॉ. महादेव साहा ने बाजार से नई पुस्तक खरीदी।
11. लेखक गोवा गए और उनके साथ उनके साढू साहब भी थे।
12. टिळक जी द्वारा एक सज्जन के साथ किया हुआ व्यवहार सही था।
13. रंगीन फूलों की माला बहुत सुंदर लग रही थी।
14. बूढ़े, लड़के और कुछ स्त्रियाँ कुएँ से पानी भर रहे थे।
15. लड़का, पिताजी और माँ बाजार गए।
16. बरसों बाद पंडित जी को मित्र के दर्शन हुए।
17. गोवा के बीच पर घूमने में बड़ा मजा आया।
18. सामने शेर देखकर यात्री के प्राण मानो मुरझा गए।
19. करामत अली की आँखों में आँसू उतर आए।
20. मैं अपने देश को प्यार करता हूँ।
उपयोजित लेखन
निम्नलिखित मुद्दों के आधार पर कहानी लिखिए। उसे उचित शीर्षक दीजिए।
गाँव में लड़कियाँ-सभी पढ़ने में होशियार-गाँव में पानी का अभाव-लड़कियों का घर के कामों में सहायता करना-बहुत दूर से पानी लाना-पढ़ाई के लिए कम समय मिलनालड़कियों का समस्या पर चर्चा करना-समस्या सुलझाने का उपाय खोजना-गाँववालों की सहायता से प्रयोग करना-सफलता पाना-शीर्षक।
उत्तर:
राघोपुर आदिवासियों की आबादीवाला काफी बड़ा गाँव था। यह गाँव कस्बे और शहर से बहुत दूर था। इसलिए इस गाँव में विकास के नाम पर एक सेकेंडरी स्कूल चालू करने के अलावा कुछ भी नहीं किया गया था। गाँव के लड़के-लड़कियाँ इसी स्कूल में पढ़ते थे।
राघोपुर में पीने के पानी का भारी संकट था। इसलिए लोगों को एक किलोमीटर दूर किसनपुर से पानी लाना पड़ता था। किसनपुर के सरपंच ने गाँव वालों के सहयोग से एक बड़े कुएँ का निर्माण करवाया था। उस कुएँ में बहुत पानी था। उस कुएँ से दूर-दूर के गाँवों के लोग पीने का पानी ले जाते थे।
राघोपुर की लड़कियाँ घर के काम-काज में तो मदद करती ही थीं, किसनपुर से पीने का पानी लाने का काम भी उन्हींके जिम्मे होता था। इसलिए लड़कियों की पढ़ाई में इससे बाधा पहुँचती श्री।
एक दिन किसनपुर का सरपंच अपने गाँव के कुएँ की सफाई करवा रहा था। इसलिए राघोपुर की लड़कियों को कुएँ से पानी लेने में काफी देर हो गई। इसलिए लड़कियाँ उस दिन स्कूल नहीं जा सकी। सरपंच को इससे बहुत दुख हुआ।
सरपंच ने लड़कियों को प्रोत्साहित करते हुए कहा, “तुम सब अपने गाँव में कुआँ खोदना शुरू करो। मैं तुम्हारी मदद करूँगा।” यह सुनकर लड़कियों को बहुत खुशी हुई। उन्होंने गाँव में आकर यह बात गाँव के लोगों को बताई। लड़कियों ने उसी दिन से कुआँ खोदने की शुरुआत कर दी। वे पढ़ाई और काम-धाम से बचा समय कुआँ खोदने में लगाने लगीं। उनकी देखादेखी गाँव वाले भी इस काम जुटने लगे।
एक दिन कुआँ खुदकर तैयार हो गया और उसके छोटे से गाँव के लोगों के प्रतिदिन के उपयोग करने भर का पर्याप्त पानी निकल आया। अब गाँव की लड़कियों का समय दूसरे गाँव से पानी लाने में बर्बाद नहीं होता था। वे पूरे समय स्कूल में पढ़ाई करने लगी।। गाँव के लोग भी बहुत प्रसन्न थे।
शीर्षक: सूझबूझ का फल
गद्यांश क्र.1
प्रश्न. निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:
कृति 1: (आकलन)
प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए:
(i) पिता के न रहने पर लेखक पर यह बीता –
(ii) लेखक के जन्म के समय उनके पिता यह थे –
(iii) लेखक सदा यह कल्पना किया करते थे –
(iv) लेखक के पिता प्रधानमंत्री हुए तो वहाँ। यह गाड़ी थी –
उत्तर:
(i) पिता के न रहने पर लेखक पर यह बीता – [उन्हें बैंक में नौकरी करनी पड़ी]
(ii) लेखक के जन्म के समय उनके पिता यह थे – [उत्तर प्रदेश के पुलिस मंत्री]
(iii) लेखक सदा यह कल्पना किया। करते थे – [उनके पास बड़ी आलीशान गाड़ी होनी चाहिए]
(iv) लेखक के पिता प्रधानमंत्री हुए तो। वहाँ यह गाड़ी थी – [इंपाला शेवरलेट]
प्रश्न 2.
ऐसे दो प्रश्न बनाइए, जिनके उत्तर निम्नलिखित शब्द हों:
(i) सहाय साहब
(ii) अभाव।
उत्तर:
(i) लेखक के पिता के निजी सचिव का नाम क्या था?
(ii) लेखक ने अपने पिता के रहते जीवन में क्या नहीं देखा?
प्रश्न 3.
किसने, किससे कहा?
(i) मैं तो इसे चलाऊँगा नहीं। तुम्हीं चलाओ।’
(ii) ‘तुम बैठो, आराम करो, हम लोग वापस आते हैं अभी।’
उत्तर:
(i) मैं तो इसे चलाऊँगा नहीं। तुम्हीं चलाओ’
– लेखक के बड़े भाई अनिल भैया ने लेखक से कहा।
(ii) ‘तुम बैठो, आराम करो, हम लोग वापस आते हैं अभी’
– लेखक ने ड्राइवर से कहा।
प्रश्न 4.
उत्तर लिखिए:
(i) शान की सवारी याद आने का परिणाम – …………………..
(ii) बातचीत में समय बिताने का परिणाम – …………………..
उत्तर:
(i) (लेखक कल्पना किया करते थे कि, उनके पास बड़ी आलीशान गाड़ी होनी चाहिए। इस समय वे आलीशान गाड़ी इंपाला शेवरलेट में शान से सवारी कर रहे थे।) वह पुरानी बात याद आने पर उनके शरीर में झुरझुरी आने लगी।
(ii) (लेखक अपने परिचित व्यक्ति के यहाँ इंपाला शेवरलेट में सवार होकर भोजन करने गए थे। वहाँ बातचीत में उन्हें समय का ध्यान नहीं आया) उन्हें देर हो गई।
कृति 2: (आकलन)
प्रश्न 1.
संजाल पूर्ण कीजिए:
प्रश्न 2.
उत्तर लिखिए:
(i) लेखक हमेशा कल्पना किया करते थे –
(ii) लेखक को इस बात का गर्व था –
(iii) लेखक ने संतरी को सैलूट मारने से रोका –
(iv) लेखक घर में यहाँ से घुसे –
उत्तर:
(i) बड़ी आलीशान गाड़ी की।
(ii) प्रधानमंत्री का लड़का होने का।
(iii) ताकि आवाज न हो और लेखक के पिता को उनके लौटने का। अंदाज न हो।
(iv) पीछे किचन के दरवाजे से।
प्रश्न 3.
आकृति पूर्ण कीजिए:
(i) लेखक के पिता पहले इस राज्य के गृहमंत्री थे – [ ]
(ii) पहले गृहमंत्री को यह कहा जाता था – [ ]
उत्तर:
(i) लेखक के पिता पहले इस राज्य के गृहमंत्री थे – [उत्तर प्रदेश]
(ii) पहले गृहमंत्री को यह कहा जाता था – [पुलिस मंत्री]
कृति 3: (शब्द संपदा)
प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के लिंग पहचानकर लिखिए:
(i) पुलिस
(ii) बदन
(iii) संतरी
(iv) पानी।
उत्तर:
(i) पुलिस – स्त्रीलिंग
(iii) संतरी – पुल्लिग
(ii) बदन – पुल्लिग
(iv) पानी – पुल्लिंग।
प्रश्न 2.
गद्यांश में आए अंग्रेजी शब्द खोजकर लिखिए।
(i) ……………………..
(ii) ……………………..
(iii) ……………………..
(iv) ……………………..
उत्तर:
(i) आर्डर
(ii) रेजिडेंस
(iii) गेट
(iv) सैलूट।
प्रश्न 3.
गद्यांश से ऐसे दो शब्द ढूँढ़कर लिखिए, जिनका वचन परिवर्तन से रूप नहीं बदलता।
(i) ……………………..
(ii) ……………………..
उत्तर:
(i) घर
(ii) समय
कृति 4: (स्वमत अभिव्यक्ति)
प्रश्न.
‘बच्चों की कल्पनाएँ और माता-पिता का डर’ विषय पर अपने विचार 25 से 30 शब्दों में लिखिए।
उत्तर:
बचपन में बच्चों को हर चीज के बारे में उत्सुकता होती है। उनके मन में तरह-तरह की कल्पनाएँ आती हैं। इन कल्पनाओं को साकार रूप देने की वे कोशिश भी करते हैं। पर वे दुनियादारी से अनभिज्ञ होते हैं। इसलिए कभी-कभी उनसे गलतियाँ हो जाया करती हैं। कुछ बच्चे डर के कारण इन गलतियों को अपने माता-पिता से छुपाने का प्रयास करते हैं। मगर ये गलतियाँ जब खुल जाती हैं, तब ये बच्चे लज्जित होते हैं। इस तरह की गलतियों को अपने माता-पिता को न बताकर बच्चे बड़ी भूल करते हैं। अपनी गलतियों को अपने मातापिता से बता देने वाले बच्चे फायदे में रहते हैं।
समझदार माता-पिता बच्चों की गलतियों पर डाँटने-फटकारने के बजाय उन्हें प्यार से समझाते हैं। वे उन्हें स्थिति से निपटने का मार्ग बताकर उनकी सहायता करते हैं। ऐसे बच्चे भविष्य में इस तरह की गलतियों करने से बचे रहते हैं। माता-पिता सदा बच्चों के हित के बारे में सोचते हैं। इसलिए बच्चों को अपने मन में उत्पन्न किसी तरह की कल्पना के बारे में अपने मातापिता को बताना चाहिए और उसके बारे में उनकी सलाह के अनुसार कार्य करना चाहिए। उन्हें उनसे डरना नहीं चाहिए।
गद्यांश क्र.2
प्रश्न. निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:
कृति 1: (आकलन)
प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए:
उत्तर:
प्रश्न 2.
एक शब्द में उत्तर लिखिए:
(i) लेखक ने दरवाजा खटखटाने वाले को यह समझा ………………….
(ii) लेखक के पिता ने लेखक को इसके लिए बुलाया ………………….
उत्तर:
(i) लेखक ने दरवाजा खटखटाने वाले को यह समझा – नौकर।
(ii) लेखक के पिता ने लेखक को इसके लिए बुलाया – चाय के लिए।
कृति 2: (आकलन)
प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए:
प्रश्न 2.
परिणाम लिखिए:
(i) दरवाजे पर दुबारा दस्तक देने का –
उत्तर:
(i) दरवाजे पर दुबारा दस्तक देने का – झुंझलाना और जोर से बिगड़ने के मूड में बड़बड़ाना।
प्रश्न 3.
ऐसे दो प्रश्न बनाइए, जिनके उत्तर निम्नलिखित शब्द हों:
(i) खाने पर
(ii) इंपाला का।
उत्तर:
(i) लेखक और उनके भाई कहाँ गए थे?
(ii) लेखक के पिताजी किसका बहुत कम उपयोग करते थे?
कृति 3: (शब्द संपदा)
प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के वचन बदलकर लिखिए:
(i) गाड़ी
(ii) कमरे
(iii) दरवाजा
(iv) हम।
उत्तर:
(i) गाड़ी – गाड़ियाँ
(ii) कमरे – कमरा
(iii) दरवाजा – दरवाजे
(iv) हम – मैं।
गद्यांश क्र. 3
प्रश्न. निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:
कृति 1: (आकलन)
प्रश्न 1.
परिणाम लिखिए:
(i) अलमारी और कमरा ठीक करने का –
उत्तर:
(i) अलमारी और कमरा ठीक करने का – फटे कुरतों के बारे में पूछताछ की गई।
प्रश्न 2.
सही विकल्प चुनकर वाक्य फिर से लिखिए:
(i) आपसे यह बात ……………………….. के तहत नहीं कर रहा। (सम्मान/अभिमान/शान)
(ii) मेरे बच्चे कहते हैं कि पापा आप हमें ……………………….. से भेजते हैं। (बाइक/रिक्शा/साइकिल)
(iii) दूसरे दिन मैं ……………………….. जाने के लिए तैयार हो रहा था कि बाबू जी ने मुझे बुलाया। (कार्यालय/बाजार/स्कूल)
(iv) वे छोटे हैं, उन्हें ……………………….. चीरकर नहीं बता सकता। (सीना/कलेजा/हृदय)
उत्तर:
(i) आपसे यह बात शान के तहत नहीं कर रहा।
(ii) मेरे बच्चे कहते हैं कि पापा आप हमें साइकिल से भेजते हैं।
(iii) दूसरे दिन मैं स्कूल जाने के लिए तैयार हो रहा था कि बाबू जी ने मुझे बुलाया।
(iv) वे छोटे हैं, उन्हें कलेजा चीरकर नहीं बता सकता।
कृति 2: (आकलन)
प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए:
उत्तर:
प्रश्न 2.
वाक्य पूर्ण कीजिए:
(i) इतना जो उनका कहना था कि हम ……………………
(ii) याद आते हैं बचपन के वे हसीन दिन, ……………………
उत्तर:
(i) इतना जो उनका कहना था कि हम – और अनिल भैया वहाँ एक नहीं सके।
(ii) याद आते हैं बचपन के वे हसीन दिन, – वे पल, जो मैंने बाबू जी के साथ बिताए।
कृति 3: (शब्द संपदा)
प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के लिंग पहचानकर लिखिए:
(i) रुलाई
(ii) शान
(iii) रिक्शा
(iv) नींव।
उत्तर:
(i) रुलाई – स्त्रीलिंग
(ii) शान – स्त्रीलिंग
(iii) रिक्शा – पुल्लिंग
(iv) नींव – स्त्रीलिंग
प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों के बहुवचन रूप लिखिए:
(i) बात
(ii) कोशिश
(iii) साइकिल
(iv) महीना।
उत्तर:
(i) बात – बातें
(ii) कोशिश – कोशिशें
(iii) साइकिल – साइकिलें
(iv) महीना – महीने।
कृति 4: (स्वमत अभिव्यक्ति)
प्रश्न.
‘जीवन में अनुशासन की आवश्यकता’ विषय पर अपने विचार 25 से 30 शब्दों में लिखिए।
उत्तर:
मनुष्य के जीवन में अनुशासन का बहुत महत्त्व है। अनुशासन का पालन करने वाले व्यक्ति के कार्य सुचारु रूप से संपन्न होते हैं और अन्य लोग ऐसे व्यक्ति की प्रशंसा करते हैं और उससे प्रेरणा लेते हैं। अनुशासित व्यक्ति ही समाज को नई दिशा दे सकते हैं। रात और दिन का होना, सूर्य और चंद्रमा का अपने नियत समय पर उदय और अस्त होना, फसलों का उगना, बढ़ना और समय पर पकना आदि अनुशासन का ही नतीजा है।
अनुशासित व्यक्ति अपने सभी काम समय पर और ईमानदारी से करने में विश्वास रखता है। उसे इस मामले में लापरवाही बर्दाश्त नहीं होती। दूसरों से भी वह ऐसी ही अपेक्षा रखता है। प्रत्येक व्यक्ति का कर्तव्य है, कि वह अपने आप को अनुशासित रखे। इसके लिए अपने ऊपर अंकुश लगाना और अपने। आप को नियंत्रण में रखना अनुशासन में रहने का आरंभिक पाठ है। यह प्रक्रिया अपने आप को अनुशासित करने का उत्तम मार्ग है।
गयांश क्र.4
प्रश्न. निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:
कृति 1: (आकलन)
आकृति पूर्ण कीजिए:
उत्तर:
कृति 2: (आकलन)
प्रश्न 1.
संजाल पूर्ण कीजिए:
प्रश्न 2.
आकृति पूर्ण कीजिए:
प्रश्न 3.
उत्तर लिखिए:
(i) इन्हें घाटा लगा था – [ ]
(ii) गद्यांश में आया महापुरुष का नाम – [ ]
(iii) गद्यांश में प्रयुक्त एक शहर का नाम – [ ]
(iv) लेखक की माँ विदा होकर यहाँ आई थी – [ ]
उत्तर:
(i) इन्हें घाटा लगा था – [लेखक के पिता जी के चाचा जी को]
(ii) गद्यांश में आया महापुरुष का नाम – [गाँधी जी]
(iii) गद्यांश में प्रयुक्त एक शहर का नाम – [मिरजापुर]
(iv) लेखक की माँ विदा होकर यहाँ आई थी – [रामनगर]
प्रश्न 4.
दो ऐसे प्रश्न बनाकर लिखिए, जिनके उत्तर निम्नलिखित हों:
(i) सुहाग वाले
(ii) सुख-दुख।
उत्तर:
(i) लेखक की माँ ने किस तरह के गहने रख लिए थे?
(ii) जीवन में क्या सदा ही लगा रहता है?
कृति 3: (शब्द संपदा)
प्रश्न 1.
गद्यांश में आए प्रत्यययुक्त शब्द छाँटकर लिखिए और प्रत्यय तथा शब्द अलग-अलग कीजिए।
(i) ……………………
(ii) ……………………
(iii) ……………………
(iv) ……………………
उत्तर:
(i) व्यक्तित्व = व्यक्ति + त्व।
(ii) रिश्तेवालों = रिश्ते + वालों।
(iii) जिम्मेदारी = जिम्मेदार + ई।:
(iv) हिचकिचाहट = हिचकिच + आहट।:
प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों के समानार्थी शब्द लिखिए:
(i) शादी = ……………………
(ii) जरूरत = ……………………
(iii) गहना = ……………………
(iv) पीड़ा = ……………………
उत्तर:
(i) शादी = विवाह
(ii) जरूरत = आवश्यकता:
(iii) गहना = आभूषण
(iv) पीड़ा = कष्ट।:
प्रश्न 3.
(a) निम्नलिखित शब्दों के बिलोम शब्द लिखिए:
(i) प्यार x ……………………
(ii) घाटा x ……………………
उत्तर:
(i) प्यार x नफरत
(ii) घाटा x मुनाफा।
(b) निम्नलिखित शब्दों के वचन पहचानकर लिखिए:,
(i) गहने
(ii) घर।
उत्तर:
(i) गहने-बहुवचन
(ii) घर-एकवचन/बहुवचन।
कृति 4: (स्वमत अभिव्यक्ति)
प्रश्न.
महिलाओं को गहनों का शौक’ विषय पर अपने विचार 25 से 30: शब्दों में लिखिए।
उत्तर:
शृंगार और स्त्रियों का पुराना नाता रहा है। केश-विन्यास, परिधान और मेकअप के साथ-साथ स्त्रियों के श्रृंगार में आभूषणों का महत्त्वपूर्ण योगदान होता है। आभूषण के प्रति स्त्रियों के आकर्षण को ध्यान में रखते हुए आभूषण निर्माता तरह-तरह के सुंदर आभूषणों का निर्माण करते हैं। हमारे देश के अधिकांश हिस्सों में विवाह के समय कन्या को वर पक्ष एवं माता-पिता की ओर से आभूषण देने की प्रथा चली आ रही है। इसके पीछे कन्या को श्रृंगार के साधन के साथ-साथ जीवन में वक्त-जरूरत के समय काम आने वाली छोटी-मोटी पूँजी देने का उद्देश्य होता है। हमारे पुरखों ने इसी उद्देश्य से आभूषणों को चढ़ावे की रस्म से जोड़ दिया था, जो आज भी हमारे समाज में प्रचलित है। आभूषण शृंगार और पूँजी दोनों के काम आते हैं।
भाषा अध्ययन (व्याकरण)
प्रश्न. सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:
1. शब्द भेद:
अधोरेखांकित शब्दों का शब्दभेद पहचानकर लिखिए:
(i) गाड़ी लेकर हम चल पड़े
(ii) सोना मूल्यवान धातु है।
उत्तर:
(i) पुरुषवाचक सर्वनाम
(ii) द्रव्यवाचक संज्ञा।
2. अव्यय:
निम्नलिखित अव्ययों का अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए:
(i) अंदर
(ii) कभी-कभी।
उत्तर:
(i) हम दबे पैर पीछे किचन के दरवाजे से अंदर घुसे।
(ii) लेखक बच्चों को कभी-कभी अपनी गाड़ी से स्कूल छोड़ देते थे।
3. संधि:
कृति पूर्ण कीजिए:
संधि शब्द | संधि विच्छेद | संधि भेद |
सूर्यास्त | …………………… | …………………… |
अथवा | ||
…………………… | दिक् + अंबर | …………………… |
उत्तर:
संधि शब्द | संधि विच्छेद | संधि भेद |
सूर्यास्त | सूर्य + अस्त | स्वर संधि |
अथवा | ||
दिगंबर | दिक् + अंबर | व्यंजन संधि |
4. सहायक क्रिया:
निम्नलिखित वाक्यों में से सहायक क्रिया पहचानकर उनका मूल रूप लिखिए:
(i) मैंने तुम्हारे बदन के सारे गहने उतरवा लिए।
(ii) वह सब मैंने अम्मा को दे दिए हैं।
उत्तर:
सहायक क्रिया – मूल रूप
(i) लिए – लेना
(ii) हैं – होना
5. प्रेरणार्थक क्रिया:
निम्नलिखित क्रियाओं के प्रथम प्रेरणार्थक और द्वितीय प्रेरणार्थक रूप लिखिए:
(i) देखना
(ii) दौड़ना।
उत्तर:
क्रिया – प्रथम प्रेरणार्थक रूप – दवितीय प्रेरणार्थक रूप
(i) देखना – दिखाना – दिखवाना
(ii) दौड़ना। – दौड़ाना – दौड़वाना
6. मुहावरे:
प्रश्न 1.
निम्नलिखित मुहावरों का अर्थ लिखकर वाक्य में प्रयोग कीजिए:
(i) फूट-फूट कर रोना
(ii) देखते रह जाना।
उत्तर:
(i) फूट-फूट कर रोना।
अर्थ: जोर-जोर से रोना।
वाक्य: माँ की नाजुक हालत देखकर बेटा फूट-फूट कर रोने लगा।
(ii) देखते रह जाना।
अर्थ: आश्चर्यचकित होना।
वाक्य: प्लेटफार्म पर पहुँचते-पहुँचते यात्री की गाड़ी छूट गई और वह देखता रह गया।
प्रश्न 2.
अधोरेखांकित वाक्यांशों के लिए उचित मुहावरे का चयन करके वाक्य फिर से लिखिए: (बाएँ हाथ का खेल, डौंग मारना, तौलकर बोलना)
(i) रमेश के लिए तैरकर नदी पार कर लेगा बहुत सरल है।
(ii) राघव बहुत समझ-बूझकर बोलता है।
उत्तर:
(i) रमेश के लिए तैरकर नदी पार कर लेना बाएँ हाथ का खेल है।
(ii) राघव बहुत तौलकर बोलता है।
7. कारक:
निम्नलिखित वाक्यों में प्रयुक्त कारक पहचानकर उसका भेद लिखिए:
(i) एक दिन बाबू जी ने कहा, “सुनील मेरी अलमारी बहुत बेतरतीब हो गई है।”
(ii) मैंने बाबू जी के कपड़ों की तरफ ध्यान देना शुरू किया।
उत्तर:
(i) बाबू जी ने – कर्ता कारक।
(ii) बाबू जी के – संबंध कारक।
8. विरामचिह्न:
निम्नलिखित वाक्यों में यथास्थान उचित विरामचिहनों का प्रयोग करके वाक्य फिर से लिखिए:
(i) अजी आप इतनी देर से क्यों घर लौटे
(ii) वाह आपने तो गजब कर दिया
उत्तर:
(i) अजी, आप इतनी देर से क्यों घर लौटे?
(ii) वाह! आपने तो गजब कर दिया।
9. काल परिवर्तन:
निम्नलिखित वाक्यों का सूचना के अनुसार काल परिवर्तन कीजिए:
(i) अब हम उसका प्रयोग कर सकेंगे। (अपूर्ण वर्तमानकाल)
(ii) हम एक जगह खाने पर चले गए थे। (सामान्य भविष्यकाल)
उत्तर:
(i) अब हम उसका प्रयोग कर रहे हैं।
(ii) हम एक जगह खाने पर चले जाएंगे।
10. वाक्य भेद:
प्रश्न 1.
निम्नलिखित वाक्यों का रचमा के आधार पर भेद पहचानकर लिखिए:
(i) बाबूजी खुद इंपाला का प्रयोग न के बराबर करते थे और वह किसी स्टेट गेस्ट के आने पर ही निकाली जाती थी।
(ii) संतरी को जैसा कहा गया था, उसने वैसा ही किया।
उत्तर:
(i) संयुक्त वाक्य
(ii) मिश्र वाक्य।
प्रश्न 2.
निम्नलिखित वाक्यों का अर्थ के आधार पर दी गई सूचना के अनुसार परिवर्तन कीजिए:
(i) हमने बहाना सोच लिया है। (विस्मयादिबोधक वाक्य)
(ii) यह बात शान के तहत नहीं कर रहा हूँ। (विधानवाचक वाक्य)
(iii) तुम लॉग बुक रखते हो? (आज्ञावाचक वाक्य)
उत्तर:
(i) अहा ! हमने बहाना सोच लिया।
(ii) यह बात शान के तहत कर रहा हूँ।
(ii) तुम लॉग बुक रखो।
11. वाक्य शुद्धिकरण:
निम्नलिखित वाक्य शुद्ध करके फिर से लिखिए:
(i) वह मुसकराया और बोले, “आप चिंता न करें।”
(ii) बचपन के वह दीन याद आता है।
उत्तर:
(i) वे मुसकराए और बोले, “आप चिंता न करें।”
(ii) बचपन का वह दिन याद आता है।
उपक्रम/कृति/परियोजना
लेखनीय
आज के उपभोक्तावादी युग में पनप रही दिखावे की संस्कृति पर अपने विचार लिखिए।
पठनीय
पुलिस द्वारा नागरी सुरक्षा के लिए किए जाने वाले कार्यों की जानकारी पढ़िए एवं उनकी सूची बनाइए।
संभाषणीय
अनुशासन जीवन का एक अंग है, इसके विभिन्न रूप आपको कहाँ-कहाँ देखने को मिलते हैं, बताइए।
ईमानदारी की प्रतिमूर्ति Summary in Hindi
विषय-प्रवेश:
लाल बहादुर शास्त्री भारत के प्रधानमंत्री थे। वे एक सामान्य परिवार में जन्मे ‘सादा जीवन उच्च विचार’ के सिद्धांत | को मानने वाले व्यक्ति थे। वे अपनी ईमानदारी, सादगी, सरलता आदि के लिए प्रसिद्ध थे। प्रस्तुत संस्मरण में उनके पुत्र सुनील शास्त्री ने शास्त्री जी और अपने बीच घटी कई प्रेरक एवं यादगार घटनाओं का बेबाक वर्णन किया है।