Chapter 5 किताबें कुछ कहना चाहती हैं
Chapter 5 किताबें कुछ कहना चाहती हैं
Textbook Questions and Answers
1. भाषा बिंदु :
प्रश्न 1.
“निर्देशानुसार काल परिवर्तन कीजिए।
उत्तर :
2. संभाषणीय :
प्रश्न 1.
“वाचन प्रेरणा दिवस’ के अवसर पर पड़ी हुई किसी पुस्तक का आशय प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर :
पुस्तकें हमारी मित्र हैं। अच्छी पुस्तकें हमें रास्ता दिखाने के साथ साथ हमारा मनोरंजन भी करती हैं। मैंने पिछले दिन रामधारी सिंह ‘दिनकर’ की पुस्तक ‘कुरुक्षेत्र’ पढ़ी। यह युद्ध और शांति की समस्या पर आधारित है। भीष्म महाभारत का युद्ध समाप्त होने पर शर-शय्या पर लेटे हुए हैं। उधर पांडव अपनी जीत पर प्रसन्न हैं। परंतु युधिष्ठिर इतने लोगों की मृत्यु से दुखी हैं। वे पश्चाताप करते हुए भीष्म के पास जाते हैं और रोते हुए कहते हैं कि, उन्होंने युद्ध करके पाप किया है।
भीष्म कहते हैं महाभारत के युद्ध में युधिष्ठिर का कोई दोष नहीं है। पापी दुर्योधन है, शकुनी है, जिसके कारण युद्ध हुआ। अन्याय का विरोध करने वाला पापी नहीं है, बल्कि अन्याय करने वाला पापी है। भीष्म कहते हैं, अन्याय का विरोध करना तो पुण्य है, पाप नहीं है। दिनकर का यह ग्रंथ प्रेरणा, ओज, वीरता साहस और हिम्मत का भंडार है। इनकी भाषा आग उगलती है। इस काव्य को पढ़कर मुर्दे में भी जान आ सकती है। इसके वीरता भरे शब्द मुझे बार-बार इसे पढ़ने की प्रेरणा देते हैं।
3. रचनात्मकता की ओर कल्पना पल्लवन
प्रश्न 1.
‘ग्रंथ हमारे गुरु’ इस विषय के संदर्भ में स्वमत बताइए।
उत्तर :
ग्रंथ हमें वर्षों से अपनी ज्ञान की गंगा में नहलाते आए हैं। ये ग्रंथ सदियों से संचित अपने अनुभवों को हमें बताते हैं। इनका ज्ञान पाकर हम अपने जीवन को अच्छी तरह जीने में सक्षम होते हैं। जीवन में आने वाले सुख-दुख में हम कैसे संघर्ष करें और अपने जीवन को कैसे सरल बनाएँ, यह हमें ग्रंथ ही सिखाते है। सत्य, सदाचार, धैर्य और अच्छे कर्म का मार्ग भी हमें गंथ द्वारा ही प्राप्त होता है। सच में ये ज्ञान और अनुभव के भंडार ग्रंथ हमारे सच्चे गुरु होते हैं।
4. पाठ के आँगन में
प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर :
प्रश्न 2.
आकृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर :
प्रश्न 3.
आकृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर :
Additional Important Questions and Answers
(क) पद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।
कृति क (1) : आकलन कृति
प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर :
प्रश्न 2.
उचित शब्द तैयार कीजिए।
उत्तर :
i. खुशियाँ
ii. जमाना
कृति क (2) : सरल अर्थ
प्रश्न 1.
ऊपर दी गई पंक्तियों का सरल अर्थ लिखिए।
उत्तर:
कवि कहते हैं कि ये किताबें हमसे बातें करती हैं। किताबें हमें एक-एक पल की, आज की, कल की और बीते हुए जमाने की बातें बताती हैं। पुराने समय से लेकर आज तक की खुशियों और दुखों की कहानी भी ये किताबें ही हमें बताती हैं। ये किताबें हमें फूलों जैसे व्यक्तित्व की कहानी बताती हैं। जिस प्रकार फूल खिलकर अपनी सुगंध को चारों तरफ फैला देता है, उसे तोड़ने वाले हाथ को भी वह अपनी खुशबू से महका देता है, उसी प्रकार इस संसार में ऐसे लोगों ने जन्म लिया जिन्होंने अपने महान कृत्यों से इस संसार को सुगंधित कर दिया।
ऐसे लोगों की कहानी भी हमें पुस्तकें बताती हैं। इस दुनिया में आज तक जितने भी छोटेबड़े युद्ध हुए उसमें प्रयोग किए गए बमों आदि की कहानी भी ये पुस्तकें बताती हैं। इस धरती पर आज तक बहुत सारे योद्धा पैदा हुए उनके बीच अनगिनत लड़ाइयाँ भी लड़ी गई। उनके जीत और हार की कहानी भी किताबें हमें बताती हैं। देश, समाज और परिवार के बीच पनपे प्यार और मार-काट की बातें भी हमें पुस्तकें बताती हैं।
(ख) पद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।
कृति ख (1) : आकलन कृति
प्रश्न 1.
आकति पर्ण कीजिए।
उत्तर :
प्रश्न 2.
उचित जोड़ियाँ मिलाइए।
कृति ख (2) : सरल अर्थ
प्रश्न 1.
ऊपर दी गई पंक्तियों का सरल अर्थ लिखिए।
उत्तर:
कवि कहते हैं कि क्या तुम इन किताबों की बातें नहीं सुनोगे। ये कितावें तुम्हारे पास रहना चाहती हैं और तुमसे कुछ कहना चाहती हैं। इन किताबों में चिड़ियों के चहचहाने का मनोझरी वर्णन मिलता है। किसानों के खेतों में लहलहाती हुई हरी-भरी फसलों का वर्णन भी इन किताबों में मिलता है। किताबों में झरते हुए झरने का चित्रण और परियों की कहानियाँ भी विस्तार से मिलती है। जो हमें ये पुस्तकें सुनाती हैं।
(ग) पद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।
कृति ग (1) : आकलन कृति
प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर :
प्रश्न 2.
निम्नलिखित प्रश्नों के एक शब्द में उत्तर लिखिए।
i. ये कुछ कहना चाहती हैं।
ii. ये तुम्हारे पास रहना चाहती हैं।
उत्तर :
i. किताबें
ii. किताबें
कति ग (2) : सरल अर्थ
प्रश्न 1.
उपर्युक्त पंक्तियों का सरल अर्थ लिखिए।
उत्तर :
यह युग विज्ञान का युग है। आए दिन वैज्ञानिक उपकरण आविष्कार किए जा रहे हैं। रॉकटों की भरमार हो गई है, जिसे अन्य देशों द्वारा आए दिन अंतरिक्ष में स्थापित किया जा रहा है। इनका वर्णन भी किताबों में विस्तार से मिलता है। किताबें ज्ञान का भंडार हैं। क्या तुम ज्ञान प्राप्त करने के लिए किताबों के संसार में नहीं जाना चाहोगे? ये किताबें तुम्हें कुछ बताना चाहती हैं, तुम्हारे ही पास रहना चाहती हैं। तुमसे दूर नहीं जाना चाहती।
Summary in Hindi
कवि-परिचय :
जीवन-परिचय : सफदर हाश्मी का जन्म 12 अप्रैल 1954 को दिल्ली में हुआ था। वे एक नाटककार, कलाकार, निर्देशक, गीतकार और कलाविद थे। नुक्कड़ नाटकों के लिए इन्हें विशेष ख्याति प्राप्त है। भारतीय जन नाट्य संघ से भी इनका जुड़ाव रहा।
प्रमुख कृतियाँ : किताबें, मच्छर पहलवान, पिल्ला, राजू और काजू आदि प्रसिद्ध बाल कविताएँ हैं। ‘दुनिया सबकी’ पुस्तक में इनकी कविताएँ संकलित हैं।
पद्य-परिचय :
नई कविता : संवेदना के साथ मानवीय परिवेश के संपूर्ण विविधता को नए शिल्प में अभिव्यक्त करने वाली काव्यधारा को नई कविता कहते हैं। नई कविता में समाज के विविध पहलुओं की मार्मिक अभिव्यक्ति की गई हैं।
प्रस्तावना : प्रस्तुत कविता ‘किताबें कुछ कहना चाहती हैं’ के माध्यम से कवि हाश्मी जी ने किताबों के द्वारा मन की बातों का मानवीकरण करके प्रस्तुत किया है।
सारांश :
कवि कहते हैं कि किताबें पुराने समय से लेकर आज तक के संसार के सुख और दुख की बातें हमें बताती हैं। महापुरुषों के कृत्यों, आपसी प्रेम, युद्ध, और युद्ध में प्रयोग किए गए भयानक हथियारों की कहानी भी किताबें हमें बताती हैं। प्रकृति का सुंदर वर्णन और विज्ञान का विस्तार भी ये किताबें हमें सुनाती हैं।
सरल अर्थ :
किताबें …………………………………………………. मार की।
कवि कहते हैं कि ये किताबें हमसे बातें करती हैं। किताबें हमें एक-एक पल की, आज की, कल की और बीते हुए जमाने की बातें बताती हैं। पुराने समय से लेकर आज तक की खुशियों और दुखों की कहानी भी ये किताबें ही हमें बताती हैं। ये किताबें हमें फूलों जैसे व्यक्तित्व की कहानी बताती हैं। जिस प्रकार फूल खिलकर अपनी सुगंध को चारों तरफ फैला देता है, उसे तोड़ने वाले हाथ को भी वह अपनी खुशबू से महका देता है, उसी प्रकार इस संसार में ऐसे लोगों ने जन्म लिया जिन्होंने अपने महान कृत्यों से इस संसार को सुगंधित कर दिया।
ऐसे लोगों की कहानी भी हमें पुस्तकें बताती हैं। इस दुनिया में आज तक जितने भी छोटे-बड़े युद्ध हुए उसमें प्रयोग किए गए बमों आदि की कहानी भी ये पुस्तकें बताती हैं। इस धरती पर आज तक बहुत सारे योद्धा पैदा हुए उनके बीच अनगिनत लड़ाइयाँ भी लड़ी गईं। उनके जीत और हार की कहानी भी किताबें हमें बताती हैं। देश, समाज और परिवार के बीच पनपे प्यार और मार-काट की बातें भी हमें पुस्तकें बताती हैं।
क्या तुम नहीं …………………………………….. किस्से सुनाते हैं।
कवि कहते हैं कि क्या तुम इन किताबों की बातें नहीं सुनोगे। ये किताबें तुम्हारे पास रहना चाहती हैं और तुमसे कुछ कहना चाहती हैं। इन किताबों में चिड़ियों के चहचहाने का मनोहारी वर्णन मिलता है। किसानों के खेतों में लहलहाती हुई हरी-भरी फसलों का वर्णन भी इन किताबों में मिलता है। किताबों में झरते हुए झरने का चित्रण और परियों की कहानियाँ भी विस्तार से मिलती हैं। जो हमें ये पुस्तकें सुनाती हैं।
किताबों में रॉकेट, ………………………………….. पास रहना चाहती हैं।
यह युग विज्ञान का युग है। आए दिन वैज्ञानिक उपकरण आविष्कार किए जा रहे हैं। रॉकेटों की भरमार हो गई है, जिसे अन्य देशों द्वारा आए दिन अंतरिक्ष में स्थापित किया जा रहा है। इनका वर्णन भी किताबों में विस्तार से मिलता है। किताबें ज्ञान का भंडार हैं। क्या तुम ज्ञान प्राप्त करने के लिए किताबों के संसार में नहीं जाना चाहोगे? ये किताबें तुम्हें कुछ बताना चाहती हैं, तुम्हारे ही पास रहना चाहती हैं। तुमसे दूर नहीं जाना चाहती।
शब्दार्थ :
- गम – दुख
- खेतियाँ – खेत की फसलें
- किस्से – कहानी
- रॉकेट – उपग्रह
- राज – रहस्य
- भरमार – अधिकता