Chapter 6 हम उस धरती की संतति हैं
Textbook Questions and Answers
कृति
(कृतिपत्रिका के प्रश्न 3 (आ) के लिए)
सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए:
प्रश्न 1.
वर्गीकरण कीजिए:
पद्यांश में उल्लिखित चरित्र-ध्रुव, प्रह्लाद, भरत, लक्ष्मीबाई, रजिया सुलताना, दुर्गावती, पद्मिनी, सीता, चाँदबीबी, सावित्री, जयमल
उत्तर:
ऐतिहासिक – पौराणिक
लक्ष्मीबाई, रजिया सुलताना, दुर्गावती, पद्मिनी, चाँद बीबी, जयमल-पत्ता। – ध्रुव, प्रह्लाद, भरत, सीता, सावित्री।।
प्रश्न 2.
विशेषताओं के आधार पर पहचानिए :
(i) भारत माता के रथ के दो पहिये – ……………………………..
(ii) खूब लड़ने वाली मर्दानी – ……………………………..
(iii) अपनी लगन का सच्चा – ……………………………..
(iv) किसी को कुछ न गिनने वाले – ……………………………..
उत्तर:
(i) भारत माता के रथ के दो पहिये – लड़के (पुरुष), लड़कियाँ (स्त्रियाँ)।
(ii) खूब लड़ने वाली मर्दानी – लक्ष्मीबाई, दुर्गावती, रजिया सुलताना।
(iii) अपनी लगन का सच्चा – प्रह्लाद।
(iv) किसी को कुछ न गिनने वाले – जयमल-पत्ता।
प्रश्न 3.
सही/गलत पहचानकर गलत वाक्य को सही करके वाक्य पुनः लिखिए :
(i) रानी कर्मवती ने अकबर को राखी भेजी थी।
(ii) भरत शेर के दाँत गिनते थे।
(iii) झगड़ने से सब कुछ प्राप्त होता है।
(iv) ध्रुव आकाश में खेले थे।
उत्तर:
(i) रानी कर्मवती ने हुमायूँ को राखी भेजी थी।
(ii) भरत शेरों की दतुली गिनते थे।
(iii) झगड़ने से कुछ भी प्राप्त नहीं होता।
(iv) ध्रुव मिट्टी में खेले थे।
प्रश्न 4.
कविता से प्राप्त संदेश लिखिए।
उत्तर:
प्रस्तुत कविता कव्वाली के स्वरूप में है। इसमें लड़के जहाँ महापुरुषों और प्रसिद्ध शूरवीरों का हवाला देते हुए अपने आप को लड़कियों से श्रेष्ठ बताने की कोशिश करते हैं, वहीं लड़कियाँ भी सीता, सावित्री, लक्ष्मीबाई तथा युद्ध में अपना पराक्रम दिखाने वाली शूरवीर रानियों को अपनी जमात से जोड़ते हुए लड़कों से अपने आप को कम नहीं बतातीं। पर बाद में लड़के कव्वाली के माध्यम से लड़कियों को जवाब देते हैं कि कोई किसी से बढ़कर नहीं है, सभी बराबर हैं। देश के चाहे महान पुरुष हों या महान स्त्रियाँ सभी भारत माँ की संतान हैं। लड़के-लड़कियाँ दोनों भारत माता के रथ के दो पहियों के समान हैं। रथ के लिए इन दोनों पहियों का होना जरूरी है। इस तरह कविता से यह संदेश मिलता है कि कोई बड़ा या कोई छोटा नहीं है, सभी लोग समान हैं। हमें अपने आप पर निरर्थक गर्व नहीं करना चाहिए।
पद्यांश क्र. 1
प्रश्न. निम्नलिखित पठित पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:
कृति 1: (आकलन)
प्रश्न 1.
तालिका पूर्ण कीजिए:
चरित्र | विशेषताएँ |
इस मिट्टी में खेलने वाला | |
लगन का सच्चा (सच्ची लगन वाला) | |
शेर के जबड़े में दाँत गिनने वाला | |
अपने पराक्रम के आगे किसी को न गिनने वाला |
उत्तर:
चरित्र | विशेषताएँ |
ध्रुव | इस मिट्टी में खेलने वाला |
प्रहलाद | लगन का सच्चा (सच्ची लगन वाला) |
भरत | शेर के जबड़े में दाँत गिनने वाला |
जयमल-पत्ता | अपने पराक्रम के आगे किसी को न गिनने वाला |
प्रश्न 2.
आकृति पूर्ण कीजिए:
प्रश्न 3.
उत्तर लिखिए:
(i) पद्यांश में बड़ाई की गई है, इनकी –
(ii) पद्यांश में प्रयुक्त सौरमंडल का एक प्रसिद्ध ग्रह –
(iii) पद्यांश में आया वह नाम, जिनके नाम पर हमारे देश का नाम पड़ा –
(iv) पद्यांश में आया वन का एक हिंसक पशु –
उत्तर:
(i) पद्यांश में बड़ाई की गई है, इनकी – लड़कों की।
(ii) पद्यांश में प्रयुक्त सौरमंडल का एक प्रसिद्ध ग्रह – घरती।
(iii) पद्यांश में आया वह नाम, जिनके नाम पर हमारे देश का नाम पड़ा – भरत।
(iv) पद्यांश में आया वन का एक हिंसक पशु – शेर।
कृति 2: (स्वमत अभिव्यक्ति)
प्रश्न.
कव्वाली काव्य विधा के बारे में अपने विचार 25 से 30 शब्दों में लिखिए।
उत्तर:
कव्वाली आम जनता से लेकर शिक्षित वर्ग तक की पसंद की एक लोकप्रिय काव्य विधा है। इसकी मुख्य विशेषता, कव्वाली गीत प्रस्तुत करने वाले कलाकारों के बीच किसी विषय को लेकर नोक-झोंक होती है। इसमें प्रतियोगी कलाकार जब एक-दूसरे की काव्य पंक्तियों पर नहले पर दहला जड़ते हैं, तो श्रोताओं के मुँह से अनायास ही तारीफों की बरसात होने लगती है।
श्रोता अच्छे कलाकारों की कव्वाली सुनने में पूरी रात गुजार देते हैं, फिर भी उनका मन नहीं, भरता। कव्वालियों में कल्पना पक्ष प्रमुख होता है और उपमाओं की भरमार होती है। कव्वाली गायक किसी बात का उदाहरण देते-देते कहीं भटक जाता है, तो भी वह बड़ी खूबसूरती के साथ फिर अपने विषय पर लौट आता है। लोकप्रियता के कारण कव्वाली को कई फिल्मों में भी समाहित किया गया है। कव्वाली गायकों में से कुछ के नाम तो लोगों की जबान पर होते हैं।
पद्यांश क्र. 2
प्रश्न. निम्नलिखित पठित पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:
कृति 1: (आकलन)
प्रश्न 1.
संजाल पूर्ण कीजिए:
प्रश्न 2.
आकृति पूर्ण कीजिए:
प्रश्न 3.
उत्तर लिखिए:
(i) पद्यांश में आया चित्तौड़ की प्रसिद्ध रानी का नाम –
(ii) पुराने जमाने में राजपूत रानियों का दहकती हुई विशाल चिता में प्रवेश कर प्राण न्योछावर कर देने से संबंधित शब्द –
उत्तर:
(i) पद्यांश में आया चित्तौड़ की प्रसिद्ध रानी का नाम – पद्मिनी।
(ii) पुराने जमाने में राजपूत रानियों का दहकती हुई विशाल चिता में प्रवेश कर प्राण न्योछावर कर देने से संबंधित शब्द – जौहर।
प्रश्न 4.
परिणाम लिखिए:
गर डींग उड़ाएँगे, तो …………………..
उत्तर:
गर डींग उड़ाएँगे, तो मजबूरन ताने सहने होंगे।
कृति 2: (स्वमत अभिव्यक्ति)
प्रश्न.
‘नारी सम्मान’ के बारे में अपने विचार 25 से 30 शब्दों में लिखिए।
उत्तर:
आजकल स्त्रियों के अपमान की अनेक घटनाएँ पढ़नेसुनने में आती हैं। स्त्रियों पर तरह-तरह के अत्याचार होते हैं। यह बड़े दुख की बात है।
हमारे देश में प्राचीन काल से नारियों का सम्मान करने की परंपरा रही है। हमारे यहाँ नारी को देवी का सम्मान दिया जाता रहा है और उसकी पूजा करने की परंपरा रही है। दुर्गा, सरस्वती, लक्ष्मी, पार्वती, महाकाली आदि देवियों की हम श्रद्धा और भक्तिपूर्वक पूजा करते हैं। सीता, सावित्री तथा अनुसूया जैसी महान नारियाँ हमारी आदर्श रही हैं। हमारे ऋषि-मुनियों ने कहा है ‘यत्र नार्यस्तु पूज्यंते रमन्ते तत्र देवताः अर्थात जहाँ नारियों की पूजा की जाती है वहीं देवता निवास करते हैं।
आज हमारे देश में स्त्रियाँ हर क्षेत्र में पुरुषों के साथ बराबरी के स्तर पर काम कर रही हैं। आज की नारी पहले की अपेक्षा अधिक जागरूक हो चुकी है। नारी को सम्मान देने से स्त्रियाँ ही सम्मानित नहीं होंगी, बल्कि उन्हें सम्मान देने वाले खुद भी गौरवान्वित होंगे।
पद्यांशु क्र. 3
प्रश्न, निम्नलिखित पठित पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:
कृति 1: (आकलन)
(1) आकृति पूर्ण कीजिए:
प्रश्न 2.
इन शब्दों के अर्थ वाले शब्द पद्यांश से ढूंढकर लिखिए:
(i) नाराज
(ii) झगड़ा
(iii) संतान
(iv) प्राप्त होना।
उत्तर:
(i) नाराज – खफा
(ii) झगड़ा – टंटा
(iii) संतान – संतति
(iv) प्राप्त होना – हासिल करना।
प्रश्न 3.
परिणाम लिखिए:
झगड़े करेंगे, तो ………………………
उत्तर:
झगड़े करेंगे, तो कुछ हासिल न होगा।
प्रश्न 4.
उपर्युक्त पद्यांश में उल्लेखित स्त्री-पुरुष समानता दर्शानेवाली पंक्तियाँ चुनकर लिखिए: (बोर्ड की नमूना कृतिपत्रिका)
(i) …………………….
(ii) …………………….
उत्तर:
(i) बस बात पते की इतनी है, ध्रुव या रजिया भारत माँ के
(ii) भारत माता के रथ के है, हम दोनों ही, दो-दो पहिए, अजी दो पहिए, हाँ दो पहिए।
कृति 2: (स्वमत अभिव्यक्ति)
प्रश्न.
‘झगड़े से कुछ हासिल नहीं होता’-अपने विचार 25 से 30 शब्दों में लिखिए। (बोर्ड की नमूना कृतिपत्रिका)
उत्तर:
किसी बात पर होने वाली कहा-सुनी या विवाद को आमतौर पर झगड़ा कहा जाता है। झगड़े से समस्या सुलझने के बजाय और उलझ जाती है। मुख्य मुद्दा धरा रह जाता है और झगड़ा प्रमुख हो जाता है। कभी-कभी तो झगड़े में लोगों की जान पर भी बन आती है। इसके परिणामस्वरूप लोगों में मारा-मारी और हत्या तक हो जाती है। पर समस्या वैसी की वैसी बनी रहती है, बल्कि उसमें और इजाफा हो जाता है।
झगड़े के परिणामस्वरूप पीढ़ी-पीढ़ी तक दुश्मनी बनी रहती है। इसलिए झगड़े को भूलकर आपस में बातचीत के माध्यम से ही किसी समस्या का हल निकालने की बात सोचनी चाहिए। अत: किसी समस्या का हल निकालने का सही मार्ग झगड़ा नहीं, बल्कि शांतिपूर्ण माहौल में आपस में बातचीत कर समझौता करना है।
हम उस धरती की संतति हैं Summary in Hindi
विषय-प्रवेश : कव्वाली एक लोकप्रिय काव्य विधा है। इसमें दो दल अपनी-अपनी तारीफों अथवा किसी विषय पर अपनी राय को रोचक और तार्किक ढंग से नोक-झोंक के रूप में प्रस्तुत करते हैं। अच्छे कव्वाली गायकों को श्रोता रात-रात भर सुनते रहते हैं। हम उस घरती की संतति हैं’ कव्वाली के एक दल में लड़के हैं और दूसरे दल में लड़कियाँ हैं। लड़के देश के प्रसिद्ध महापुरुषों और शूरवीर योद्धाओं से अपना संबंध जोड़कर अपने आप को श्रेष्ठ साबित करते हैं, तो लड़कियाँ सीता, सावित्री तथा युद्ध में अपना पराक्रम दिखाने वाली योद्धा नारियों से अपना संबंध जोड़कर अपने आप को श्रेष्ठ बताती हैं। पर बाद में दोनों दलों को अहसास होता है कि उन्हें इस झगड़े से कोई लाभ नहीं है। स्त्री-पुरुष दोनों भारतमाता के रथ के दो पहियों के समान हैं और देश के लिए दोनों आवश्यक हैं।
हम उस धरती की संतति हैं कविता का सरल अर्थ
1. हम उस धरती ……………………………… धरती के लड़के हैं।
[कविता में लड़कों (पुरुष जाति) को लड़कियों (स्त्रियों) से बढ़-चढ़कर बताते हुए लड़के अपनी प्रशंसा करते हुए कहते हैं -]
“हम उस परती पर रहने वाले लड़के हैं, जिनकी जितनी प्रशंसा की जाए, कम है। यह वही घरती है, जहाँ ध्रुव जैसे महापुरुष का जन्म हुआ था और वे इसी मिट्टी में खेलते थे।
इसी मिट्टी में भक्त प्रहलाद का जन्म हुआ था। सारी दुनिया को मालूम है कि वे अपनी धुन के कितने सच्चे थे।
यहीं पर भरत जैसे वीर और साहसी महापुरुष का जन्म हुआ था। वे इतने निडर थे कि शेरों के मुँह खुलवाकर उनके दाँत गिना करते थे। __जयमल और पत्ता जैसे वीर इसी मिट्टी में पैदा हुए थे, जो अपने जैसा वीर किसी को समझते ही नहीं थे।
लड़के लड़कियों को नीचा दिखाते हुए कहते हैं कि इन सभी कारणों से हम (लड़के) तुम लोगों (लड़कियों) से बढ़कर हैं। इसलिए तुम सब (लड़कियों) हमारा (पुरुषों का) सामना नहीं कर सकती हो। अतः हमारे सामने तुम सब अपना मुँह बंद रखो। कुछ बोलने की कोशिश मत करो।”
2. बातों का जनाब ……………………………… हम उस धरती की लड़की हैं।
(लड़कों को अपनी बड़ाई करते हुए सुनकर लड़कियाँ लड़कों को जवाब देती हैं-)
“आप जैसे लोगों को बात करने का ढंग तक मालूम नहीं है। आप अपनी प्रशंसा खुद न कीजिए और चुप रहिए। (सुनिए) हम उस धरती की लड़कियाँ हैं, जिस धरती का कुछ पूछना ही नहीं है। हम उस धरती, की लड़कियाँ हैं जिसकी मिट्टी में वीरांगना झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई का जन्म हुआ था।
दुर्गावती और रजिया सुलताना जैसी मर्दानी वीरांगनाएँ जिस मिट्टी में पैदा हुई थीं, जिन्होंने लड़ाई के मैदान में अपना अद्भुत पराक्रम दिखाया था, हम उस धरती की लड़कियाँ हैं।
चाँद बीबी जैसी वीरांगना और जौहर की ज्वाला में हँसते-हँसते कूद जाने वाली महान नारी पद्मिनी का जन्म भी इसी मिट्टी में हुआ था।
यह सीता और सावित्री जैसी महान सन्नारियों की जन्म-स्थली है।
यदि आप (लड़के) अपने श्रेष्ठ होने की बड़ी-बड़ी बातें करेंगे, तो आप लोग हमारे ताने भी सहिए। याद रखिए, हम (लड़कियाँ) इन सन्नारियों की धरती की लड़कियाँ हैं।
3. यों आप खफा ……………………………… धरती की संतति हैं।
(लड़कियों का जवाब सुनकर लड़के समझदारी की बात करते हुए कहते हैं-)
(हमारी बातों पर) आप नाराज क्यों होती हैं? इसमें आपस में E झगड़े की कोई बात नहीं है।
इस बात में क्या रखा है कि हमसे आप लोग बढ़कर हैं अथवा आप लोगों से हम लोग बढ़कर हैं।
इस तरह की बातें हमें आपस में उलझाकर रख देंगी और इससे न हमें कोई फायदा होगा और न आपको ही। सच्ची बात तो यह है कि ध्रुव (पुरुष) और रजिया (स्त्री) दोनों ही इसी धरती भारत माँ की संतान हैं। हम लोग भारत माता के रथ के (स्त्री-पुरुष रूपी) दो पहिए हैं। हम सब इसी धरती की संतान हैं।
हम उस धरती की संतति हैं मुहावरे-अर्थ
- शेखी बघारना – स्वयं अपनी प्रशंसा करना।
- डींग मारना – बड़ी-बड़ी बातें करना।
- पते की बात कहना – रहस्य की बात बताना।
हम उस धरती की संतति हैं टिप्पणियाँ :
- ध्रुव : राजा उत्तानपाद और रानी सुनीति के पुत्र। महान विष्णु भक्त। विष्णु ने उन्हें आकाश में सप्तर्षि के पास अटल पद दिया था।
- प्रहलाद : हिरण्यकशिपु के पुत्र। महान विष्णुभक्त। इनकी रक्षा के लिए विष्णु ने नृसिंह अवतार लेकर हिरण्यकशिपु का वध किया था।
- भरत : दुष्यंत एवं शकुंतला के पुत्र। इनके नाम पर ही हमारे देश का नाम ‘भारत’ पड़ा।
- सावित्री : राजा अश्वपति की कन्या। सत्यवान की पत्नी। महान पतिव्रता स्त्री। इन्होंने यम से अपने पति के प्राण छुड़ाए थे।
- सीता : विदेहाधिपति जनक की कन्या। इन्हें वैदेही, जानकी आदि नामों से भी जाना जाता है। ये जमीन की जोताई करते समय मिली थी, इसलिए इनका सीता नाम पड़ा। श्रीराम की पत्नी।
- लक्ष्मीबाई : झाँसी की रानी। महान वीरांगना।
- चाँद बीबी : अहमदनगर राज परिवार की गुणी स्त्री। मुगलों ने निजामशाही की राजधानी अहमदनगर पर आक्रमण किया था, तो चाँद बीबी ने बड़ी बहादुरी से किले पर उनका सामना किया था। पर सरदारों के षड्यंत्र के कारण वह मारी गई।
- रजिया सुलताना : दिल्ली के सुलतान अल्तमश की बेटी। अल्तमश ने रजिया सुलताना को अपने उत्तराधिकारी के रूप में नियुक्त किया था। वह सेना का नेतृत्व स्वयं करती थी।
- जयमल-पत्ता : जयमल और पत्ता दोनों महान शूरवीर योद्धा थे। उन्होंने चित्तौड़ पर अकबर द्वारा किए गए हमले का बहादुरी पूर्वक सामना किया था।
- दुर्गावती : भारत की वीरांगना। उनका जन्म प्रसिद्ध चंदेल राजा कीरत राय के परिवार में हुआ था। वे गोंडवाना राज्य की रानी थीं।
- पद्मावती : चित्तौड़ के राजा रतनसिंह की पत्नी। अपनी सुंदरता के लिए विख्यात। दिल्ली के सुलतान अलाउद्दीन खिलजी ने उनकी सुंदरता के बारे में सुनकर चित्तौड़ पर आक्रमण कर दिया था। राजपूत बहादुरों ने मरते दम तक उसका सामना किया। अंत में वीरांगना पद्मावती ने अन्य राजपूत स्त्रियों के साथ किल्ले में जौहर कर लिया था।