Chapter 7 प्रकृति संवाद

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Chapter 7 प्रकृति संवाद

Textbook Questions and Answers

पठनीय:

प्रश्न 1.
फूलों से बनने वाली औषधियों की जानकारी अंतरजाल पर पदिए।

लेखनीय:

प्रश्न 1.
‘बढ़ती आबादी, कटते वन और प्रदूषण से प्रभावित होता जन जीवन’ इस विषय पर अपने विचार लिखिए।
उत्तरः

आज हमारे देश की आबादी दिनों दिन बढ़ रही है। लोगों को रहने के लिए पर्याप्त जगह नहीं है। अत: वनों की अंधाधुंध कटाई की जा रही है। इस कारण पर्यावरण का संतुलन बिगड़ रहा है। विश्व भर में जलवायु परिवर्तन से उपजे नकारात्मक प्रभाव को मनुष्य आए दिन झेल रहा है। कहीं पर अधिक मात्रा में वर्षा तो कहीं पर सूखा पड़ रहा है। कंपनियों का रासायनिक द्रव्य नदी, तालाब या सागर में छोड़े जाने के कारण जल प्रदूषण बढ़ गया है।

पेड़पौधों की संख्या में निरंतर कमी होने के कारण वायु प्रदूषण जैसी भयावह संकट का लोगों को सामना करना पड़ रहा है। ऊपर से यातायात के साधनों में वृद्धि होने से उनमें से निकलने वाले धुएँ से सभी बेहाल एवं त्रस्त हैं। बढ़ती आबादी का भरण-पोषण करने के लिए प्राकृतिक संसाधनों का जरूरत से ज्यादा दोहन हो रहा है। इस प्रकार बढ़ती आबादी, कटते वन और प्रदूषण से लोगों का जन-जीवन पूरी तरह से प्रभावित हो गया है।

श्रवणीय:

प्रश्न 1.
‘बनभोज’ महोत्सब का आयोजर कब, क्यों और कहाँ किया जाए. इसके बारे में बड़ा से मुजिए तथा कक्षा में सुनाइए।

संभषणीय:

प्रश्न 1.
‘प्रकृति हर पल नया रूप धारण करती है।’ विषय पर अपने विचार लिखिए।
उत्तरः

भारत में छह ऋतुएँ होती हैं। हर ऋतु की अपनी विशेषता होती है। हर ऋतु में प्रकृति नए रूप धारण करती है। वसंत ऋतु में पेड़-पौधों पर नए पत्ते व फूल आते हैं। गुलाब, गेंदा, सूरजमुखी, सरसों आदि के रंग-बिरंगी फूल खिलने लगते हैं। उस ऋतु में प्रकृति का सौंदर्य खिल उठता है। ग्रीष्म ऋतु में सूर्य की किरणें तेज होती हैं। इस ऋतु में प्रकृति अपना सौंदर्य रूपी कोष लुटाती चलती है। वर्षा ऋतु में लोगों को गर्मी से राहत मिलती है। इस ऋतु में चारों ओर हरियाली छा जाती है।

सब जगह हरा ही हरा दिखाई देता है। शरद ऋतु में कमल खिलते हैं। मालती के फूलों से वन सुशोभित हो जाते हैं। रातें ठंडी एवं सुहावनी होती हैं। हेमंत ऋतु में प्रकृति सुहावनी एवं लुभावनी लगने लगती है। हल्के जाड़े का एहसास इस ऋतु में होता है। शिशिर ऋतु में कड़ाके की ठंड होती है। घना कोहरा छाने लगता है। इस ऋतु में पेड़ से पत्ते झड़ने लगते हैं। इस प्रकार प्रकृति हर पल नया रूप धारण करती रहती है।

स्वाध्याय:

सुचना के अनुसार क्रुतिया कीजिए:

प्रश्न 1.
संजाल पूर्ण कीजिए।


उत्तरः

प्रश्न 2.
पाठ में आई वनस्पतियों का वर्गीकरण कीजिए।


उत्तर:

लताएँ

पौधे

वृक्ष

1. बेला

दवना

हरसिंगार

2. गिलोय लता

तुलसी

सहिजन

3. –

अड़हुल

प्रश्न 3.
कृति पूर्ण कीजिए।
हरसिंगार में ऋतुओं के अनुसार होने वाले बदलाव –


उत्तरः

वसंत

वसंत में हरसिंगार के भीतर सोई हुई ऊर्जा जागने लगती है व प्राणरस छलकने लगता है। वह नई टहनियों तथा नए पत्तों के सौंदर्य से लद जाता है।

शरद

शरद में हरसिंगार तारों भरा आसमान बन जाता है। रातभर जगमग-जगमग करता है और सुबह को | अनंत फूलों के रूप में धरती पर बिछ जाता है।

प्रश्न 4.
उपसर्ग, प्रत्यय लगाकर शब्द नए शब्द बनाइए।


उत्तरः

प्रश्न 5.
कृति पूर्ण कीजिए।


उत्तरः

प्रश्न 6.
क्रमानुसार ऋतुओं के नाम लिखिए।


उत्तर:

1.

वसंत

2.

ग्रीष्म

3.

वर्षा

4.

शरद

5.

हेमंत

6.

शिशिर

(अ) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति अ (1): आकलन कृति

प्रश्न 1.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तरः

प्रश्न 2.
समझकर लिखिए।
उत्तरः

प्रश्न 3.
सही विकल्प चुनकर लिखिए।
दैनिक कार्य से निवृत्त होकर लेखक ………………..
(अ) आँगन और गैलरी में बैठने जाते हैं।
(आ) आँगन और गैलरी में खेलने जाते हैं।
(इ) आँगन और गैलरी में टहलने लगते हैं।
उत्तर:

दैनिक कार्य से निवृत्त होकर लेखक आँगन और गैलरी में टहलने लगते हैं।

कृति अ (2): शब्द संपदा

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के अर्थ गद्यांश में ढूँढ़कर लिखिए।

  1. अवकाश प्राप्त
  2. हरियाली
  3. कार्य
  4. खुशबू

उत्तर:

  1. निवृत्त
  2. हरीतिमा
  3. कर्म
  4. महक

प्रश्न 2.
अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखिए।
1. जो समान्य हालत में हो –
2. प्रात: काल गाया जाने वाला गीत –
उत्तर:

1. प्रकृतिस्थ
2. प्रभाती

प्रश्न 3.
निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची शब्द लिखिए।
1. महक
2. दुआ
उत्तर:

1. सुगंध
2. आशीर्वाद

प्रश्न 4.
गद्यांश में से तत्सम शब्द ढूँढकर लिखिए।
उत्तरः

प्रकृति

प्रश्न 5.
निम्नलिखित शब्द के श्रुतिसम भिन्नार्थक शब्द लिखिए।
1. आकार
2. दुआ
उत्तरः

1. आकर
2. दवा

कृति अ (3): स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘आज कल पौधों का स्थान बगीचे तक ही सीमित नहीं रहा है। इन्हें अब आँगन और गैलरी में भी स्थान दिया जाता है।’ अपने विचार लिखिए।
उत्तरः

पौधे बहुत ही आकर्षक एवं प्यारे होते हैं। पौधों पर फूल खिलते हैं; वे महकते हैं। उनकी खुशबू सभी के मन में ताजगी निर्माण लाती है। अब पौधे घर की आंतरिक साज-सज्जा का भी एक मुख्य अंग बन गए हैं। अत: लोग इन्हें घर के अंदर एवं बाहर गमलों में लगाते हैं। इनके कारण घर में ऑक्सीजन की मात्रा में वृद्धि होती है। घर का वातावरण स्वच्छ एवं प्रदूषण रहित रहता है। पौधों के कारण घर का तापमान बाहर की तुलना में ठंडा रहता है। गर्मियों के दिनों में घर-आँगन में स्थित पौधे लोगों को राहत दिलाने का काम करते हैं।

(आ) निम्नलिखित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1): आकलन कृति

प्रश्न 1.
निम्नलिखित विधान सत्य है या असत्य लिखिए।
1. लेखक के आँगन में स्थित पार्क की दुनिया बहुत छोटी है।
2. लेखक के अनुसार हर चीज का अपना समय नहीं होता है।
उत्तरः

1. सत्य
2. असत्य

प्रश्न 2.
समझकर लिखिए।
उत्तरः

कृति (2): शब्द संपदा

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची शब्द लिखिए।
1. पेट
2. पत्ता
उत्तरः

1. उदर
2. पर्ण

प्रश्न 2.
विलोम शब्द लिखिए।
1. समय × ……….
2. रस × ………….
उत्तर:

1. असमय
2. नीरस

प्रश्न 3.
वचन बदलिए।
1. पौधा
2. पत्ती
उत्तरः

1. पौधे
2. पत्तियाँ

प्रश्न 4.
निम्नलिखित शब्दों में उचित उपसर्ग लगाकर नए शब्द तैयार कीजिए।
1. रस
2. समय
उत्तरः

1. नी + रस = नीरस
2. अ + समय = असमय

प्रश्न 5.
निम्नलिखित शब्दों में उचित प्रत्यय लगाकर नए शब्द तैयार कीजिए।
1. रस
2. परिवार
उत्तरः

1. रस + ईला = रसीला
2. परिवार + इक = पारिवारिक

निम्नलिखित वाक्यों में विराम चिह्न का उचित प्रयोग कीजिए।

प्रश्न 1.
लेखक ने हँसकर नीम से कहा नहीं नहीं ऐसी बात नहीं है
उत्तरः

लेखक ने हँसकर नीम से कहा, “नहीं-नहीं, ऐसी बात नहीं है।”

‘कृति (3): स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘हमें पेड़-पौधों से लगाव रखना चाहिए।’ विषय पर अपने विचार व्यक्त कीजिए।
उत्तरः

पेड़-पौधे मानव के मित्र हैं। वे पर्यावरण को संतुलित रखने में हमारी मदद करते हैं। उनके बिना वनों के अस्तित्व की कल्पना नहीं की जा सकती। वे हमें साँस लेने के लिए प्राणवायु देते हैं। अत: हमें उनसे लगाव रखना चाहिए और उनकी सुरक्षा करनी चाहिए। हमें पर्याप्त मात्रा में पेड़-पौधे लगाने चाहिए ताकि चारों ओर हरियाली छाई रहे। पेड़-पौधों में औषधीय गुण होते हैं। उनसे अनेक प्रकार की दवाइयाँ तैयार की जाती हैं। तुलसी, आंवला, निर्गुण्डी, अशोक आदि पेड़-पौधे औषधी के रूप में बहुत फलदायी होते हैं। पेड़-पौधों के बिना मनुष्य जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती। इसलिए हमें पेड़-पौधों से लगाव रखना चाहिए।

(इ) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति इ (1): आकलन कृति

प्रश्न 1.
गद्यांश के आधार पर ऐसे प्रश्न तैयार कीजिए जिनके उत्तर निम्न शब्द हों –
1. चिड़ियाँ
2. प्राणरस
उत्तरः

1. कौन चहचहा उठी?
2. क्या छलकने लगता है?

कृति (2): शब्द संपदा

प्रश्न 1.
गद्यांश में से शब्द-युग्म ढूँढ़कर लिखिए।
उत्तरः

  1. खंखड़-सा
  2. घूमती-फिरती
  3. जगमग-जगमग
  4. डाल-डाल

प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची शब्द लिखिए।

  1. आकाश
  2. ऊर्जा
  3. फूल
  4. धरती

उत्तर:

  1. नभ
  2. शक्ति
  3. पुष्प
  4. पृथ्वी

प्रश्न 3.
वचन बदलिए।
1. डाल
2. गली
उत्तरः

1. डालियाँ
2. गलियाँ

प्रश्न 4.
निम्नलिखित शब्दों के विलोम शब्द लिखिए।

  1. आश्रय × ……………..
  2. खुश × ………………
  3. अनंत × …………….
  4. डर × ……………….

उत्तरः

  1. अनाश्रय
  2. नाखुश
  3. अंत
  4. साहस

प्रश्न 5.
निम्नलिखित शब्द के अनेकार्थी शब्द लिखिए।
अनंत
उत्तरः

असीम, श्रीविष्णु, श्रीकृष्ण, आकाश

प्रश्न 6.
निम्नलिखित शब्दों के श्रुतिसमभिन्नार्थक शब्द लिखिए।
1. सूख
2. पत्तों
उत्तरः

1. सुख
2. पत्रों

(ई) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति ई (1): आकलन कृति

प्रश्न 1.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तरः

निम्नलिखित गलत विधान सही करके लिखिए।

प्रश्न 1.
लेखक ने अमरूद के पेड़ की उपेक्षा की।
उत्तरः

लेखक ने अमरूद के पेड़ की उपेक्षा नहीं की।

प्रश्न 2.
शरद के आते ही अमरूद की विरल डालियाँ नई पत्तियों और टहनियों से सघन होने लगती हैं।
उत्तर:

वसंत के आते ही अमरूद की विरल डालियाँ नई पत्तियों और टहनियों से सघन होने लगती हैं।

प्रश्न 3.
तालिका पूर्ण कीजिए।
उत्तर:

वसंत में अमरूद की स्थिति

वर्षा में हरसिंगार की स्थिति

वसंत के आते ही अमरूद की और टहनियों से सघन होने लगती हैं।

हरसिंगार वर्षा में फूलना शुरू विरल डालियाँ नई पत्तियों कर देता है।

कृति (2): शब्द संपदा

निम्नलिखित वाक्य में विराम चिह्नों का उचित प्रयोग कीजिए।

प्रश्न 1.
क्या रूप मंडप बनाया है अमरूद और हरसिंगार ने मिलकर
उत्तरः

क्या रूप मंडप बनाया है अमरूद और हरसिंगार ने मिलकर!

प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्द में उचित उपसर्ग व प्रत्यय लगाकर नए शब्द तैयार कीजिए।
फल

उत्तरः
उपसर्गयुक्त शब्द: सुफल
प्रत्यययुक्त शब्द: फलहीन

प्रश्न 3.
गद्यांश में से शब्द-युग्म ढूँढ़कर लिखिए।
उत्तर:

  1. धीरे-धीरे
  2. छोटे-छोटे
  3. आते-आते
  4. डाल-डाल
  5. नाच-नाचकर

प्रश्न 3.
विलोम शब्द लिखिए।
1. भीतर × ……….
2. ऊपर × ……….
उत्तर:

1. बाहर
2. नीचे

प्रश्न 4.
निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची शब्द लिखिए।
1. महोत्सव
2. पावस
उत्तरः

1. जलसा
2. वर्षा

प्रश्न 5.
निम्नलिखित शब्द का श्रुतिसम भिन्नार्थक शब्द लिखिए।
उपेक्षा
उत्तर:

अपेक्षा

कृति ई (3): स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
फूल-फल क्यों उगाने चाहिए? अपने विचार लिखिए।
उत्तरः

भारतीयों की जीवन पद्धति में फूलों और फलों का अत्यधिक महत्त्व है। फल-फूल मनुष्य की भावनात्मक सुंदरताओं के प्रतीक माने जाते हैं। व्यक्ति के जीवन में मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य की दृष्टि से भी फूलों और फलों का अत्यधिक महत्त्व है। फल-फूलों को ईश्वर को समर्पित किया जाता है।

अत: आध्यात्मिक दृष्टि से भी इनका अनन्यसाधारण महत्त्व है। फूलों के बीच जाने से दुखी व्यक्ति के जीवन में उत्साह भर हो जाता है। फूल मनुष्य को मानसिक शांति और आरोग्य प्रदान करते हैं। जहाँ पर फूल-फल के पेड़-पौधे होते हैं, वहाँ पर तरह-तरह के पक्षी होते हैं। उनका कलरव सुनकर मनुष्य अपने आपको प्रकृति से जुड़ा हुआ पाता है। प्रकृति से जुड़े रहना मनुष्य के मन और शरीर को सुकून प्रदान करता है। अत: हमें फल-फूल वाले पेड़-पौधे उगाने चाहिए।

(उ) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति उ (1): आकलन कृति

प्रश्न 1.
समझकर लिखिए।
1. इन्होंने लेखक को उलाहना दी –
2. बेला के फूलों के अनुसार ये हैं ऊँचे लोग –
उत्तरः

1. बेला के फूलों ने
2. अड़हुल और सहिजन

गलत विधान सही करके फिर से लिखिए।

प्रश्न 1.
लेखक ने स्वयं को बड़ा आदमी कहा है।
उत्तर:

लेखक ने स्वयं को छोटा आदमी कहा है।

प्रश्न 2.
फूल और पौधे लेखक के परिवार के सदस्य नहीं हैं।
उत्तरः

फूल और पौधे लेखक के परिवार के सदस्य हैं।

कृति (2): शब्द संपदा

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची शब्द लिखिए।

  1. महाशय
  2. भौंरा
  3. फूल
  4. मंगल

उत्तर:

  1. महोदय
  2. भ्रमर
  3. सुमन
  4. शुभ

प्रश्न 2.
अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखिए।
1. दो व्यक्तियों के बीच हुआ वर्तालाप –
2. जिसमें सदा फूल लगते रहते हैं –
उत्तरः

1. संवाद
2. सदाबहार

प्रश्न 3.
निम्नलिखित शब्दों के अनेकार्थी शब्द लिखिए।
1. जीवन
2. बेला
उत्तर:

1. जिवित दशा, जिंदगी
2. एक लता, समय

प्रश्न 4.
गद्यांश में से प्रत्यययुक्त शब्द ढूँढ़कर लिखिए और उनसे प्रत्यय अलग कीजिए।
उत्तर:

1. विराजमान, प्रत्यय – मान
2. मतवाली, प्रत्यय – वाली

प्रश्न 5.
निम्नलिखित तत्सम शब्द का तद्भव रूप लिखिए।
1. पुष्प
2. मास
उत्तरः

1. फूल
2. महीना

कृति (3): स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘प्रकृति से अपनत्व रखने से व्यक्ति का व्यक्तित्व खिलता है।’ क्या आप इस कथन से सहमत हैं? अपने विचार लिखिए।
उत्तर:

जी हाँ, मैं इस कथन से सहमत हूँ। प्रकृति मानव जीवन की सहचरी है। प्रकृति के बिना मानव जीवन की कल्पना करना निरर्थक है। अत: प्रत्येक व्यक्ति को प्रकृति से अपनत्व रखना चाहिए। जो व्यक्ति प्रकृति से अपनत्व रखता है उसमें उच्च मानवीय गुणों का संचार होता है। अंग्रेजी साहित्य के महान कवि विलियम वर्डस्वर्थ को कविता लिखने की प्रेरणा प्रकृति ने ही प्रदान की थी। अतः उन्होंने प्रकृति को ईश्वर का रूप माना है। प्रकृति मानव मन को नित्य प्रेरित करती है।

पुराने जमाने में ऋषि-मुनि प्रकृति की गोद में बैठकर ही तपस्या करते थे। वेदों का निर्माण भी प्रकृति के सानिध्य में ही हुआ है। प्रकृति से अपनत्व रखने वाला व्यक्ति जीवन में ऊँचा उठता है। उसका हृदय संवेदनाओं एवं असीम करुणा से भरा रहता है। ऐसा व्यक्ति दूसरों के जीवन को प्रभावित करने की क्षमता रखता है। अत: प्रकृति से अपनत्व रखने से व्यक्ति का व्यक्तित्व खिलता है।

(ऊ) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1): आकलन कृति

प्रश्न 1.
ऐसे प्रश्न तैयार कीजिए जिनके उत्तर निम्नलिखित शब्द हों –
1. तीन
2. एक पौधा
उत्तर:

1. कितने गमलों में बेला के पौधे विराजमान थे?
2. खिल-खिलाकर कौन हँस रहा था?

प्रश्न 2.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:

प्रश्न 3.
सही विकल्प चुनकर लिखिए।
शरीर में कोई विकार उत्पन्न होने से –
(अ) गिलोय लता के पत्तों का रस प्राशन किया जाता है।
(आ) सहिजन के पत्तों का रस प्राशन किया जाता है।
(इ) बेला के पत्तों का रस प्राशन किया जाता है।
उत्तरः

शरीर में कोई विकार उत्पन्न होने से गिलोय लता के पत्तों का रस प्राशन किया जाता है।

कृति (2): शब्द संपदा

प्रश्न 1.
गद्यांश में से विलोम शब्द की जोड़ियाँ ढूँढ़कर लिखिए।
उत्तरः

1. सुबह × शाम
2. आते × जाते

प्रश्न 2.
गद्यांश में प्रयुक्त विदेशी शब्द ढूँढ़कर लिखिए।
उत्तर:

1. अरबी शब्द: मेहरबाँ, तबस्सुम
2. अंग्रेजी शब्द: गेट

प्रश्न 3.
वचन बदलिए।
1. धारा
2. बात
उत्तर:

1. धाराएँ
2. बातें.

प्रश्न 4.
निम्नलिखित शब्दों के विलोम शब्द लिखिए।

  1. पास × ……………….
  2. मुरझा × ………………
  3. भीतर × ……………..
  4. हलकी × ………………

उत्तरः

  1. दूर
  2. खिला
  3. बाहर
  4. भारी

प्रश्न 5.
अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखिए।

  1. छंद शास्त्र में कविता का वह प्रकार जिसमें गणों का कोई बंधन न हो –
  2. अपमान और उपहास का विषय –
  3. रूप, धर्म आदि का स्वाभाविक परिवर्तन –

उत्तरः

  1. मुक्तक
  2. विडंबना
  3. विकार

प्रश्न 6.
पर्यायवाची लिखिए।
1. विकार
2. लता
उत्तरः

1. परिवर्तन
2. बेल.

प्रश्न 7.
निम्नलिखित शब्द के अनेकार्थी शब्द लिखिए।
गेट
उत्तरः

प्रवेश मार्ग, फाटक, दरवाजा

प्रकृति संवाद Summary in Hindi

लेखक-परिचय:

जीवन-परिचय: रामदरश मिश्र जी का जन्म १९२४ में उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में हुआ। मिश्र जी साहित्य में बहु-प्रतिभा के धनी हैं। इन्होंने कविता, कहानी, उपन्यास, आलोचना, आत्मकथा, यात्रा वर्णन, संस्मरण व निबंध आदि विधाओं में लेखन किया है। इन्होंने अपने साहित्य में वस्तु व शिल्प दोनों को सहज ही परिवर्तित होने दिया। मिश्र जी कई सामाजिक व साहित्यिक संस्थाओं के अध्यक्ष रह चुके हैं।

प्रमुख कृतियाँ: ‘पथ के गीत’, ‘पक गई है धूप’, ‘कंधे पर सूरज’ (कविता संग्रह), ‘हँसी ओठ पर आँखें नम हैं’, ‘तू ही बताए जिंदगी’ (गज़ल संग्रह), ‘स्मृतियों के छंद’ (संस्मरण), ‘पानी के प्राचीर’ (उपन्यास), ‘खाली घर’ (कहानी संग्रह) ‘बबूल और कैक्टस’ (ललित निबंध) आदि।

गद्य-परिचय:

ललित निबंध: यह निबंध का एक प्रकार है। इस प्रकार के निबंध में लेखक की आत्मीयता पूर्ण स्वच्छंदता के साथ अभिव्यक्त होती है।
इसमें लेखक की शैलीगत विशेषता अत्यंत उन्मुक्त रूप से प्रकट होती है। इस प्रकार के निबंध में रोचकता, कल्पनात्मकता
एवं नाटकीयता होती है।

प्रस्तावना: ‘प्रकृति संवाद’ इस ललित निबंध के माध्यम से लेखक ने पेड़-पौधों के प्रति लगाव एवं आत्मीयता को बड़े ही कल्पनात्मक
ढंग से प्रस्तुत किया है। प्रत्येक व्यक्ति के हृदय में पेड़-पौधों के प्रति अपनेपन की भावना होनी चाहिए। आखिर मानव और
पेड़-पौधों का आपस में गहरा संबंध होता है।

सारांश:

‘प्रकृति संवाद’ यह एक ललित निबंध है। इस निबंध के माध्यम से लेखक ने पाठकों को पेड़-पौधों के प्रति अपनत्व की भावना रखने का संदेश दिया है। रात भर लेखक को शरीर में दर्द होता रहता है। लेखक की तबीयत ठीक नहीं है। उन्हें रात में ठीक से नींद नहीं आती है। सुबह उठते ही उन्हें थोड़ी ताजगी महसूस होती है। सुबह की ठंडी हवा उनके तन व मन में ताजगी का स्पंदन महसूस कराती है। वे हमेशा की तरह आज भी अपने आँगन व गैलरी में टहलने के लिए जाते हैं। उनके आँगन में स्थित पार्क की दुनिया बहुत छोटी है। दवनों की महक और हरीतिमा उन्हें अपनी ओर आकर्षित करती हैं। वे तुलसी माता को मुस्कुराते हुए देखते हैं और उसे प्रणाम करते हैं, उससे बतियाते हैं। फिर वे नीम की हरी पत्तियों से बातें करते हैं। नीम के पत्ते मानो लेखक से कह रहे थे कि बहुत दिनों से उसने कढ़ी बनाने के लिए उनके पत्तों का इस्तेमाल नहीं किया है।

लेखक की नजर हरसिंगार की ओर जाती है। वह बहुत ही मस्त दिखाई दे रहा था। उसकी महक से स्वयं लेखक ही नहीं बल्कि गली से आने-जाने वाले सभी लोग परिचित थे। पश्चात अमरूद का पेड़ लेखक से बातें करने लगता है। अमरूद का पेड़ लेखक के आँगन । का सबसे पहला नागरिक है। अमरूद के पेड़ और हरसिंगार इन दोनों ने आपस में मिलकर एक रूप मंडप बनाया था जिस पर चिड़ियाँ खेलती हैं, गाती-चहचहाती हैं। लेखक को आषाढ़ के महीने में अमरूद पर जो फल आते हैं, उनकी मिठास की याद आती है। उस समय चिड़ियों की चहचहाअट से अमरूद के फलों की मिठास भर जाती है। अड़हुल के पौधे पर आने वाले लाल फूल भी लेखक को अपनी ओर खींच लेते हैं और वह उनसे भी बातें करने लगता है।

सदाबहार सहिजन पर बारहों मास सुगंध से लदे फूलों पर मधुमक्खियाँ और भौंरे गुनगुनाया करते हैं। लेखक जाड़ों की धूप में उसकी छाँव में बैठते हैं। तब वह उस पेड़ की मतवाली सुरभि से नहाते हैं। बेला के फूल भी लेखक का ध्यान अपनी ओर खींच लेते हैं। वे सफेद रंग के हैं और जगमगा रहे हैं। उन फूलों से मादक सुगंध की बहने वाली हलकी-हलकी धारा लेखक के हृदय को प्रसन्न कर देती है। गिलोय लता के पौधे भी लेखक का हाल-चाल पूछते हैं। उनकी हरी-हरी फलियाँ लेखक की आँखों को सुख देती हैं। इस प्रकार पेड़-पौधों से बातचीत करके लेखक जब गेट के बाहर निकलते हैं तो स्वयं को भरा-पूरा अनुभव करते हैं।

शब्दार्थ:

  1. उलाहना – शिकायत
  2. विडंबना – हँसी, उपहास
  3. गुँचा – कली
  4. मेहरबाँ – कृपालु.
  5. स्पंदन – रह-रहकर धीरे-धीरे हिलना या काँपना, धड़कन
  6. निवृत्त – अवकाश प्राप्त, मुक्त होकर
  7. पत्ता – पर्ण
  8. भौंरा – भ्रमर
  9. महोत्सव – जलसा
  10. पावस – वर्षा
  11. महाशय – महोदय
  12. फूल – सुमन
  13. मंगल – शुभ
  14. विकार – दोष मनोवेग
  15. लता – बेल
  16. तबस्सुम – मुस्कान
  17. अस्तित्व – विद्यमानता, होने का भाव
  18. सहिजन – एक वृक्ष; जिसकी लंबी फलियों की तरकारी बनती है।
  19. हरीतिमा – हरियाली
  20. कर्म – कार्य
  21. महक – खुशबू
  22. पेट – उदर

मुहावरे:

1. यादों में जाग उठना – पुरानी यादें ताजा हो जाना।
2. भरा-पूरा अनुभव करना – संतुष्ट हो जाना। .