Chapter 7 लघुकथाएँ (पठनार्थ)
Chapter 7 लघुकथाएँ (पठनार्थ)
Textbook Questions and Answers
भाषाई कौशल पर आधारित पाठगत कृतियाँ
संभाषणीय:
प्रश्न 1.
‘पर्यावरण संवर्धन’ संबंधी कोई पथ नाट्य प्रस्तुत कीजिए।
उत्तरः
- सीमा: अरे देवेश, तुम कैसे हो? आज तुम इतने चिंतित क्यों दिख रहे हो?
- देवेश: हाँ, मैं पर्यावरण-प्रदूषण को लेकर में थोड़ा चिंतित हूँ।
- सीमा: मुझे पता है, पृथ्वी प्रदूषण से पीड़ित है और यह प्रदूषण भी दिनोंदिन खतरनाक होता जा रहा है।
- देवेश: पर्यावरण-प्रदूषण न केवल प्रकृति के लिए खतरनाक है, बल्कि पृथ्वी पर रहने वाले सभी प्राणियों एवं पेड़-पौधों के लिए भी खतरनाक है।
- सीमा: तुम्हें क्या लगता है कि आगे क्या होने जा रहा है?
- देवेश: पर्यावरण-प्रदूषण एक गंभीर समस्या है। यह विभिन्न पारिस्थितिक तंत्रों में असंतुलन का कारण बनता है।
- सीमा: हाँ, हमें हर किसी को इसके हानिकारक प्रभावों से अवगत कराना चाहिए तथा इसके संवर्धन के लिए सबको जागरूक करना चाहिए।
- देवेश: हमें ‘पर्यावरण-संवर्धन’ के बारे में लोगों को बताना चाहिए।
- सीमा: लेकिन ये पर्यावरण-संवर्धन कैसे होगा?
- देवेश: सीमा, प्रदूषण
- मुख्यत: तीन प्रकार के होते हैं। वायु प्रदूषण, मृदा-प्रदूषण और जल प्रदूषण। जल प्रदूषण को रोकने के लिए हमें नदियों के पानी को गंदा नहीं
- करना चाहिए। साफ पानी में कचरा नहीं फेकना चाहिए।
- सीमा: वायु प्रदूषण और मृदा प्रदूषण को कैसे रोका जा सकता है?
- देवेश: कल कारखानों से उठने वाली जहरीली गैसों से वायु में प्रदूषण की मात्रा बढ़ती है इस समस्या को दूर करने के लिए कलकारखानों को शहरों से दूर बनाना चाहिए, तथा मृदा प्रदूषण अत्यधिक मात्रा में कीटनाशक तथा औद्योगिक कचरा फेंकने के कारण होता है। इसे हमें रोकना चाहिए।
- सीमा: यह तो बड़ी खतरनाक स्थिति है!
- देवेश: हाँ बहुत खतरनाक! अगर हम इन प्रदूषणों को शीघ्र दूर नहीं करेगें तो यह पर्यावरण की समस्या और बढ़ती ही जाएगी।
लेखनीय:
प्रश्न 1.
राष्ट्रीय रक्षा अकादमी की जानकारी प्राप्त करके लिखिए।
उत्तर:
हमारे देश की ‘राष्ट्रीय रक्षा अकादमी’ भारतीय सशस्त्र सेना की एक संयुक्त अकादमी है। जहाँ तीनों सेनाओं थलसेना, नौसेना और वायुसेना को एक साथ प्रशिक्षित किया जाता है। यह महाराष्ट्र के पुणे के करीब खड़कवासला में स्थित है। यहाँ के छात्रों ने अपनी वीरता से पूरे देश के सम्मान में चार चाँद लगाया है। इस अकादमी की शुरूआत 1 जनवरी 1949 को देहरादून में ‘आर्मड फोर्सेस अकादमी’ के नाम से किया गया। 6 अक्टूबर 1949 को तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू द्वारा रक्षा अकादमी की नींव रखी गई। औपचारिक रूप से 7 दिसम्बर 1954 को इसे प्रारंभ किया गया। 16 जनवरी 1955 को वायु सेना अकादमी को भी राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में शामिल किया गया। इस अकादमी में लिखित परीक्षा द्वारा आवेदकों का चयन किया जाता है तथा चिकित्सा परीक्षण के साथ-साथ विस्तृत साक्षात्कार का सामना करना पड़ता है।
वे कैडेट जिन्हें स्वीकार किया जाता है और जो सफलतापूर्वक इस कार्यक्रम को पूरा करते हैं उन्हें उनके संबंधित सेवा में अधिकारियों के रूप में कमीशन किया जाता है। कैडेट अपने तीन वर्ष के अध्ययन के बाद डिग्री प्राप्त करता है। कैडेटों के पास अध्ययन की दो-धाराओं का विकल्प होता है -विज्ञान संकाय और कला संकाय। इसके अलावा कैडेटों को एक विदेशी भाषा लेनी होती है। यह विशेष बात है कि कैडेटों को विदेशी भाषा के अलावा इन सभी विषयों में बुनियादी शिक्षा लेनी पड़ती हैं। सभी कैडेट जो सफलतापूर्वक इस कार्यक्रम को पूरा करते हैं उन्हें सशस्त्र बलों में अधिकारी के रूप में कमीशन किया जाता है।
इसलिए सैन्य नेतृत्व और प्रशिक्षण, पाठ्यक्रम का एक अनिवार्य हिस्सा है। इसके अलावा कैडेटों को बाहरी गतिविधियों का चुनाव करना होता है। जिसमें पैरा-ग्लाइडिंग, नौकायन, तलवारबाजी, घुड़सवारी आदि। इस अकादमी के कई छात्रों ने महत्वपूर्ण संघर्षों में देश का नेतृत्व किया है। इसलिए राष्ट्रीय रक्षा अकादमी हमारे देश की सुरक्षा प्रणाली का आधार स्तंभ है।
Additional Important Questions and Answers
(क) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।
कृति क (1): आकलन कृति
प्रश्न 1.
संजाल पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
कृति क (2): शब्द-संपदा
प्रश्न 1.
लिंग परिवर्तन कीजिए।
1. शिक्षक
2. बेटी
उत्तर:
1. शिक्षिका
2. बेटा
प्रश्न 2.
वचन परिवर्तन कीजिए।
1. शिक्षक
2. मैं
उत्तर:
1. शिक्षकगण
2. हम
कृति क (3): स्वमत अभिव्यक्ति
प्रश्न 1.
‘सैनिक हमारे देश की रीढ़’ विषय पर अपने विचार 6 से 8 वाक्यों में लिखिए।
उत्तर:
“मातृभूमि का मान बढ़ाए जो, होता सैनिक वह सच्चा है, जिसको स्वदेश से प्यार नहीं, उस नर से पशु ही अच्छा है।” सैनिक एक सच्चा देशभक्त होता है। वह पूरे तन-मन से देश के प्रति समर्पित रहता है। हमें भारतीय सैनिकों का सम्मान करना चाहिए। उनकी भावनाओं का आदर करना चाहिए। सैनिक ही वह शक्ति है, जिसके बल पर हम चैन की नींद सोते हैं। देश की सुरक्षा के लिए हमारे भारतीय सैनिक अपनी जान की बाजी लगा देते हैं और हम उनका सम्मान करना ही भूल जाते हैं। आजकल तो भारतीय सैनिक पर भी राजनेता राजनीति करते हैं, यह शर्म का विषय है। हमें अपने सैनिकों का आदर हृदय से करना चाहिए।
(ख) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।
कृति (1): आकलन कृति
प्रश्न 1.
समझकर लिखिए।
1. राजेश काका साब को यह समझा रहा था –
2. सबको घर में यह खटक रहा था –
उत्तर:
1. कार रखने में दिक्कत आएगी, पेड़ तो कटवाना ही पडेगा न!
2. बाउंड्रीवाल में बाधक बन रहा नीम का पेड़।
सही विधान चुनकर पूर्ण वाक्य फिर से लिखिए।
प्रश्न 1.
काका साब की चुप्पी राजेश को……
(क) अच्छी लग रही थी।
(ख) बुरी लग रही थी।
(ग) खल रही थी।
उत्तर:
काका साब की चुप्पी राजेश को खल रही थी।
प्रश्न 2.
राजेश ने कनखियों से…….
(क) प्रतीक को देखा।
(ख) काका को देखा।
(ग) नीम के पेड़ को देखा।
उत्तर:
राजेश ने कनखियों से काका को देखा।
कृति (2): शब्द-संपदा
प्रश्न 1.
गद्यांश से शब्द युग्मों की जोड़ियाँ लिखिए।
उत्तर:
1. देखते-देखते
2. कहते-कहते
प्रश्न 2.
गद्यांश से विरुद्धार्थी शब्द ढूँढकर लिखिए।
1. कभी-कभी x …….
2. अव्यवस्था x …….
उत्तर:
1. हमेशा
2. व्यवस्था
कृति (3): स्वमत अभिव्यक्ति
प्रश्न 1.
‘वृक्षों को काटकर हम अपनी जीवनडोर काटते हैं।’ इस पर आधारित अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
वृक्ष हमारी प्राकृतिक संपदा है। लेकिन मानव इतना स्वार्थी बन गया है कि उसने खुद के फायदे के लिए जंगलों की अंधाधुंध कटाई करनी शुरू कर दी है। उन्हें काटकर हम अपनी जीवनडोर काट रहे हैं। यदि हम वृक्षों को काटेंगे तो नुकसान हमारा ही होने वाला है। वृक्षों की कटाई करने से प्रदूषण बढ़ रहा है। वैश्विक तापमान में वृद्धि हो रही है, जिसके कारण वर्षा अनियमित रूप से हो रही है। प्राणियों का जीवन खतरे में पड़ गया है। आज कई जीव नष्ट हो गए हैं और कई नष्ट होने की कगार पर हैं। इससे पर्यावरण-संतुलन भी खतरे में पड़ गया है।
Summary in Hindi
लेखिका-परिचय:
जीवन-परिचय: लेखिका ज्योति जैन का जन्म मध्य प्रदेश के मंदसौर शहर में हुआ था। इन्होंने विशेषतः कथा साहित्य एवं समीक्षा के क्षेत्र में लेखन किया है। इनकी रचनाएँ प्रमुख पत्र-पत्रिकाओं में भी प्रकाशित हुई हैं।
प्रमुख कृतियाँ: लघुकथा संग्रह – ‘जल तरंग’, ‘कहानी संग्रह’, ‘भोरवेला’
गद्य-परिचय:
लघुकथा: हिंदी साहित्य में लघुकथा एक नवीनतम विधा है। यह किसी बहुत बड़े परिदृश्य में से एक विशेष क्षण/प्रसंग को प्रस्तुत करने का चातुर्य है। इसका विषय पूरी तरह से विकसित होता है; किंतु किसी उपन्यास से कम विस्तृत होता है।
प्रस्तावना: प्रस्तुत लघुकथा ‘दावा’ में लेखिका ने अप्रत्यक्ष रूप से सैनिकों के योगदान को देश के लिए सर्वोपरि बताया है। नीम का
पेड़’ लघुकथा में लेखिका ने यह सीख दी है कि पर्यावरण के साथ-साथ हमें बड़ों की भावनाओं का आदर करना चाहिए।
सारांश:
दावा: देशभक्ति के दावे की बहस में समाज का हर वर्ग (शिक्षक, चिकित्सक, इंजीनियर, बिजनेसमैन, किसान, नेता इत्यादि स्वयं को बड़े त्यागी होने का दावा पेश कर रहा था। जब रिटायर्ड फौजी से पूछा गया तो उसने सिर्फ यही कहा कि ‘किस बिना पर कुछ कहूँ। मेरे पास तो कुछ नहीं, तीनों बेटे पहले ही फौज में शहीद हो गए हैं।’
नीम का पेड़: राजेश के घर में गैरेज बनाने के लिए उसके काका के मना करने के बाद भी नीम का पेड़ काटे जाने की बात की जाती है। उसी समय उसका बेटा प्रतीक अपने पिता को एक पौधा भेंट करते हुए कहता है कि पापा आज मैं ‘फादर्स डे’ के दिन आपके लिए ये गिफ्ट लाया हूँ। इसे ऐसी जगह लगाएँ जहाँ भविष्य में इसे कोई काटे नहीं। राजेश को अपनी गलती का अहसास होता है और वह नीम के पेड़ को कटवाने का विचार छोड़ देता है।
शब्दार्थ:
- नौनिहाल – होनहार बच्चे
- चिकित्सक – चिकित्सा करने वाला वैद्य
- खादीधारी – खादी पहनने वाले
- योगदान – किसी काम में साथ देना
- शहीद – शहादत देने वाला
- बाउंड्रीवाल – चहारदीवारी
- खटकना – मन में किसी अनहोनी का डर होना
- दिक्कत – तकलीफ, परेशानी
- खलना – चुभना, बुरा लगना
मुहावरे:
- धीरे-धीरे खिसकना – चुपके से दूसरे की नजर बचाकर निकल जाना।
- पेश करना – प्रस्तुत करना।
- दावा जताना – अधिकार जताना।