Chapter 7 दो लघुकथाएँ
Textbook Questions and Answers
स्वाध्याय :
सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए :
प्रश्न 1.
संजाल पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
2. घटनाक्रम के अनुसार वाक्य लिखिए। .
प्रश्न 1.
घटनाक्रम के अनुसार वाक्य लिखिए। .
- बचपन में बाबू जी से की फरमाइशों का पुलिंदा था।
- आज शाम वह बचपन के अपने कमरे में घुसा।
- झटपट कागज की एक पर्ची बनाई।
- वह एक-एक इबारत पढ़ने लगा।
उत्तर:
- आज शाम वह बचपन के अपने कमरे में घुसा।
- बचपन में बाबू जी से की फरमाइशों का पुलिंदा था।
- वह एक-एक इबारत पढ़ने लगा।
- झटपट कागज की एक पर्ची बनाई।
3. कृति पूर्ण कीजिए।
प्रश्न 1.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
4. रिश्ते लिखिए। काका
प्रश्न 1.
रिश्ते लिखिए। काका
- अनिता – राघवेंद्र = …………………..
- अम्मा – अनिता = …………………..
- बच्चे – बाबूजी = …………………..
- बाबू जी – अनिता = …………………..
उत्तर:
- पली-पति
- सास व बहू
- पोते व दादा जी
- ससुर व बहू गद्यांश:
5. पाठ में प्रयुक्त एकवचन और बहुवचन शब्दों की सूची बनाइए।
प्रश्न 1.
पाठ में प्रयुक्त एकवचन और बहुवचन शब्दों की सूची बनाइए।
उत्तर:
एकवचन | बहुवचन |
1. वर्ष | 1. लघुकथाएँ |
2. कस्बा | 2. महीने |
3. एलबम | 3. कोने |
4. बॉक्स | 4. पर्चियाँ |
5. जलेबी | 5. आँखों |
6. पेंसिल | 6. परिजनों |
7. शूज | 7. बुजुर्गों |
8. वस्तु | 8. बच्चों |
9. पर्ची | 9. फरमाइशों |
10. जेब | 10. किताबें |
अभिव्यक्ति :
प्रश्न 1.
‘व्यवहार से संस्कार झलकते हैं।’ इस विधान को सोदाहरण स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
हम संसार में जो कुछ करते हैं वह व्यवहार है। व्यवहार हमारे व्यक्तित्व को दर्शाता है। संस्कार सनातन होता है। व्यक्ति के हर रोज के व्यवहार में संस्कार के दर्शन होने चाहिए। जिस व्यक्ति के व्यवहार से संस्कार झलकते हैं, उसे सभी याद करते हैं। ऐसा व्यक्ति मृत्यु के बाद भी अमर हो जाता है। भारत के भूतपूर्व राष्ट्रपति एवं महान वैज्ञानिक डॉ. अब्दुल कलाम जी का भी सभी के साथ बहुत ही अच्छा व्यवहार था। उनके व्यवहार से सादगी एवं माधुर्य था। उनका जीवन व्यवहार एवं संस्कारों का ऐसा अद्वितीय मिश्रण था जिससे संपूर्ण दुनिया में वे प्रसिद्ध हुए। सभी के साथ प्रेम व शांति से पेश आना, दूसरों की मदद करने के लिए सदैव तत्पर रहना व दूसरों के दुख व दर्द को समझना; यह सबसे अच्छा व्यवहार है और इसी व्यवहार से व्यक्ति के संस्कार झलकते हैं।
उपयोजित लेखन :
प्रश्न 1.
निम्नलिखित परिच्छेद पढ़कर इस पर आधारित ऐसे चार प्रश्न तैयार कीजिए जिनके उत्तर एक-एक वाक्य में हों।
उत्तरः
- कोढ़ियों की सेवा कौन करती थी?
- परदुखकातर व निर्मल हृदय वाले लोगों के नाम बताइए।
- गद्यांश में कौन-सी संस्था का उल्लेख हुआ है?
- लेखक के शब्दकोश में कौन-से शब्द नहीं है?
(अ) निम्नलिखित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।
कृति अ (1): आकलन कृति
प्रश्न 1.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
प्रश्न 2.
ऐसे प्रश्न तैयार कीजिए जिनके उत्तर निम्नलिखित शब्द हों
i. पाँच
ii. मुंबई
उत्तर:
i. राघवेंद्र ने कितने कमरों का फ्लैट खरीदा है?
ii. राघवेंद्र का फ्लैट कौन से शहर में है?
प्रश्न 3.
निम्नलिखित असत्य विधान को सत्य करके लिखिए।)
i. मुंबई ही बाबू जी के लिए जन्म और कर्मभूमि रही है।
उत्तर :
पैतृक कस्बा ही बाबू जी के लिए जन्म और कर्मभूमि रही है।
प्रश्न 4.
किसने, किससे कहा?
i. “हमें वहाँ के अलावा और कहीं ज्यादा अच्छा नहीं लगता।”
उत्तर :
बाबू जी ने राघवेंद्र से कहा।
प्रश्न 5.
संजाल पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
कृति अ (2) : शब्द संपदा
प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के अर्थ लिखिए।
i. पैतृक
ii. कस्बा
उत्तर:
i. पुश्तैनी
ii. छोटा शहर या नगर
प्रश्न 2.
निम्नलिखित अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखिए।
- पिता संबंधी या पुरखों का –
- जुड़ा या मिला हुआ –
- बड़ा नगर –
उत्तरः
- पैतृक
- संयुक्त
- महानगर
प्रश्न 3.
विलोम शब्द लिखिए।
- जन्म × ……….
- कम × ………….
- इच्छा × ……….
- प्यार × ………..
उत्तर :
- मरण
- ज्यादा
- अनिच्छा
- नफरत
प्रश्न 4.
गद्यांश में से विदेशी शब्द ढूँढ़कर लिखिए।
उत्तर :
i. फ्लैट
प्रश्न 5.
निम्नलिखित शब्दों में उचित प्रत्यय लगाकर नए शब्द तैयार कीजिए।
i. दिन
ii. वर्ष
उत्तर :
i. दिन + इक = दैनिक
ii. वर्ष + इक = वार्षिक
प्रश्न 6.
निम्नलिखित शब्दों के समोच्चारित भिन्नार्थक शब्द लिखिए।
- कम
- दिन
- दस
उत्तर:
- काम
- दीन
- दास
कृति अ (3) : स्वमत अभिव्यक्ति
प्रश्न 1.
‘संयुक्त परिवार के लाभ’ इस विषय पर अपने विचार लिखिए।
उत्तर :
एक परिवार में जब सभी परिवार के सदस्य दूसरी पीढ़ी के सदस्यों के साथ मिल-जुलकर रहते हैं तब हम उसे संयुक्त परिवार कहते हैं। संयुक्त परिवार समस्याओं में हमारा सहायक बनता है। विपत्ति के समय सभी एक-दूसरे की सहायता करने के लिए आगे आते हैं। इस प्रकार संयुक्त परिवार में भावनात्मक सहयोग होता है। जब परिवार एक साथ रहता है तब त्योहार मनाने की खुशी कुछ अलग ही होती है। संयुक्त परिवार में आपसी समायोजन होता है।
संयुक्त परिवार में प्रत्येक व्यक्ति अपने विचार साझा करता है और एक सही निर्णय लिया जाता है जिससे सबका भला हो । संयुक्त परिवार में बुजुर्ग का मार्गदर्शन बहुत ही महत्त्वपूर्ण होता है। संयुक्त परिवार में रहने से बच्चे अधिक आज्ञाकारी एवं संस्कारी होते हैं। संयुक्त परिवार में रहने से कुल-व्यय बहुत ही कम होता है।
(आ) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ
कृति आ (1) : आकलन कृति
प्रश्न 1.
संजाल पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
प्रश्न 2.
निम्नलिखित गलत विधान सही करके लिखिए।
i. राघव ने पर्ची पर लिखा कि बाबू जी और अम्मा उसके 4. साथ पैतृक कस्बे में आकर रहें।
उत्तर:
राधव ने पर्ची पर लिखा कि बाबू जी और अम्मा उसके साथ मुंबई में आकर रहें।
ii. राघव को विश्वास था कि बाबू जी उसकी अर्जी को अस्वीकार कर देंगे।
उत्तरः
राघव को विश्वास था कि बाबू जी उसकी अर्जी को स्वीकार कर देंगे।
कृति आ (2) : शब्द संपदा
प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची लिखिए।
i. खारिज
ii. बक्सा
iii. अर्जी
उत्तर:
i. अस्वीकृत
ii. डिब्बा
iii. प्रार्थनापत्र, निवेदन
प्रश्न 2.
अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखिए।
- कागज, कपड़े आदि की बँधी बड़ी गठरी –
- वाक्य की बनावट या रचना –
- निवेदन अथवा प्रार्थना करने के लिए लिखा गया पत्र –
- जिसे आश्वासन मिला हो –
उत्तर:
- पुलिंदा
- इबारत
- अर्जी
- आश्वत
प्रश्न 3.
विलोम शब्द लिखिए।
- पुरानी × ……………….
- अंदर ×…………………
- खारिज × ……………….
उत्तर:
- नई
- बाहर
- स्वीकृत
प्रश्न 4.
गद्यांश में से विदेशी शब्द छाँटकर लिखिए।
उत्तर:
- पॉलीथिन
- कोर्स
- फुटबॉल
- बॉक्स
- एक्स्ट्रा
- ड्रेस
- शूज
प्रश्न 5.
निम्नलिखित शब्दों के श्रुतिसम भिन्नार्थक शब्द लिखिए।
- जेब
- कम
- डाल
- लकड़ी
उत्तर:
- जब
- काम
- दाल
- लड़की
कृति आ (3) : स्वमत अभिव्यक्ति
प्रश्न 1.
‘बचपन के वे दिन सुहावने’ विषय पर अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
बचपन के दिन बहुत प्यारे होते हैं। वे कभी भुलाए नहीं जा सकते। जैसे-जैसे हम बड़े होते जाते हैं, वैसे-वैसे बचपन के दिन पीछे छुट जाते हैं। फिर भी हम बचपन के उन यादगार पलों को नहीं भूल सकते हैं। बार-बार हमें उनकी याद आती रहती है। बचपन की अपनी मधुर यादों में माता-पिता, भाई-बहन, यारदोस्त, स्कूल के दिन, मौज-मस्ती आदि सब कुछ याद आता रहता है।
बचपन में दिन भर गुल्ली-डंडा खेलना, दोस्तों के साथ धूम मचाना, आम के पेड़ पर चढ़ना आदि के स्मरण से ‘कोई लौटा दे मेरे वे बीते हुए दिन’ इस गीत की याद आ जाती है। बचपन में सभी चिंतामुक्त जीवन जीते हैं। बचपन में खेलने व उछलने-कूदने में बड़ा आनंद आता है। यही कारण है कि सबको बचपन के दिन सुहावने लगते हैं।
(इ) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।
कृति इ (1): आकलन कृति
प्रश्न 1.
ऐसे प्रश्न तैयार कीजिए जिनके उत्तर निम्नलिखित शब्द हों –
i. सुरेश
ii. बुजुर्गों
उत्तर:
i. अशोक के पारिवारिक मित्र का नाम बताइए?
ii. सुरेश ने बचपन में अपने परिजनों को किसकी सेवा करते देखा है?
कृति इ (2) : शब्द संपदा
प्रश्न 1.
गद्यांश में से शब्द-युग्म ढूँढकर लिखिए।
उत्तर:
i. बुरा-भला
ii. दिन-रात
प्रश्न 2.
वचन बदलिए।
i. बात
ii. पैसा
उत्तर:
i. बातें
ii. पैसे
प्रश्न 3.
गद्यांश में से विदेशी शब्द छाँटकर लिखिए।
उत्तर :
i. इन्वेस्टमेंट
ii. सेंटर
प्रश्न 4.
गद्यांश में से विलोम शब्द ढूँढकर लिखिए।
उत्तर:
i. बुरा × भला
ii. दिन × रात
प्रश्न 5.
निम्नलिखित शब्दों में उचित प्रत्यय लगाकर नए शब्द तैयार कीजिए।
- ईमानदार
- परिवार
- भारत
उत्तर:
- ईमानदार + ई = ईमानदारी
- परिवार + इक = पारिवारिक उत्तर. शापवर्गीय
- भारत + ईय = भारतीय
प्रश्न 6.
‘परिजन’ इस शब्द में से उचित उपसर्ग पहचानिए और संबंधित उपसर्ग से दो नए शब्द बनाइए।
उत्तरः
i. परिजन : उपसर्ग : परि
ii. नए शब्द : परिसंवाद, परिवर्तन
प्रश्न 7.
पर्यायवाची शब्द लिखिए।
i. अचरज
ii. फीकी
उत्तर:
i. आश्चर्य
ii. नौरस
प्रश्न 8.
निम्नलिखित शब्द का अनेकार्थी शब्द लिखिए। प्रत्यय
i. फीकी
उत्तरः
नीरस, स्वादहीन, धुंधला, दुर्बल, सामान्य
दो लघुकथाएँ Summary in Hindi
लेखिक-परिचय :
जीवन-परिचय : संतोष सुपेकर जी का जन्म 1967 में मध्य प्रदेश के उज्जैन शहर में हुआ। ये एक आधुनिक हिंदी साहित्यकार हैं। इन्होंने पत्रकारिता एवं जनसंचार क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया है। पत्र, कविता, लघुकथा, कहानी, समीक्षा, व्यंग्यलेख आदि साहित्य की विधाओं में इन्होंने लेखन कार्य किया है। इनके द्वारा लिखे गए लेख विविध पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहते हैं।
प्रमुख कृतियाँ : ‘साथ चलते हुए’, ‘हाशिए का आदमी’, ‘बंद आँखों का समाज’, ‘हँसी की चीखें” (लघुकथा संग्रह), ‘चेहरों के आरपार’, ‘यथार्थ के यक्ष प्रश्न’ (काव्य संग्रह) आदि।
गद्य-परिचय :
लघुकथा : लघुकथा कहानी से लघु होती है। भले ही वह आकार से लघु होती है, पर वह गागर में सागर भरने का काम करती है। वह पाठकों को चिंतन करने के लिए प्रेरित करती है।
प्रस्तावना : अर्जी : इस लघुकथा में बेटे का अपने माता-पिता के प्रति अपनापन, माता-पिता का अपने बच्चे के प्रति स्नेह तथा उनका
अपनी जन्मभूमि के प्रति जुड़ाव को अभिव्यक्त किया गया है। इन्वेस्टमेंट : इस लघुकथा में जीवन में संस्कारों का होना बहुत ही महत्त्वपूर्ण होता है, संस्कारों के बिना जीवन परिपूर्ण नहीं बन सकता और व्यक्ति के व्यवहार से संस्कार झलकने चाहिए, इसे उदाहरण के द्वारा स्पष्ट किया है।
सारांश :
अर्जी : ‘अर्जी’ का अर्थ है – निवेदन अथवा प्रार्थना। प्रस्तुत लघुकथा का नायक राघव अपनी पत्नी व बच्चों के साथ मुंबई में रहता है। वह अपने बच्चों को दादा-दादी का प्यार देना चाहता है। इसी कारण उसने मुंबई में पाँच कमरों का फ्लैट खरीदा है। लेकिन राधव के माता-पिता को अपने पैतृक कस्बे में ही रहना अच्छा लगता है।
वे महानगर में चार-आठ दिनों से ज्यादा नहीं रह सकते हैं। हर वर्ष की तरह राघव अपनी पत्नी व बच्चों के साथ पैतृक कस्बे में आया हुआ है। वह बचपन में जिस कमरे में रहता था उस कमरे में जाकर अपना बक्सा खोलता है जिसमें उसकी पुरानी किताबें, पुरानी फोटो एलबम आदि हैं।
उसमें एक पॉलीथिन की एक थैली में कुछ पर्चियाँ भी हैं। उन पर्चियों को देखकर उसकी बचपन की यादें तरोताजा हो जाती हैं। बचपन में उसे जो भी कुछ चाहिए होता था, उसे वह पर्ची पर लिखकर अपने पिता की जेब में डाल देता था। उन पर्थियों को पढ़ते समय उसकी आँखों से आँसू आने लगते हैं। उसके बाबू जी भी उसकी माँगों को पूरा करते थे।
अब राघव बड़ा हो गया है। अब वह चाहता है कि उसके माता-पिता साल में कम से कम दो-तीन महीने तक उसके पास मुंबई में आकर रहें। वह झटपट कागज की एक पर्ची पर अपनी चाह को लिखकर अपने अम्मा-बाबू को मुंबई में साथ रहने के लिए कहता है और उस पर्ची को अपने बाबूजी के कुर्ते की जेब में डाल देता है।
उसे आशा है कि इस बार भी उसके बाबूजी उसे निराश नहीं करेंगे और वे उसकी अर्जी जरूर मान जाएंगे। इन्वेस्टमेंट : इस लघुकथा में सुरेश के व्यवहार एवं उसके कार्य के बारे में जानकर हमें उसके संस्कारी होने का पता चलता है। उसकी सौतेली माँ है। वह हमेशा उसे बुरा-भला कहती थी। फिर भी वह उसकी दिन-रात सेवा करता है। वह इन्वेस्टमेंट सेंटर चलाता है।
बाहर पैसे का इन्वेस्टमेंट करना उसका कार्य है। ठीक उसी प्रकार वह अपने घर में भी संस्कारों का इन्वेस्टमेंट करता है। उसने बचपन से सीखा है कि बुजुर्गों की सेवा करनी चाहिए। इसी कारण वह भी अपनी माँ की सेवा करता है। उसे आशा है कि उसे सेवा करते देखकर उसके बच्चों में भी भारतीय संस्कार विकसित होंगे।
शब्दार्थ :
- पतृक – पुश्तैनी
- कस्बा – छोटा शहर
- खारिज – अस्वीकृत, बहिष्कृत
- बक्सा – डिब्बा
- अर्जी – प्रार्थनापत्र
- अचरज – आश्चर्य
- फीकी – नीरस
- सब्र – धीरज, सहन
- आश्वस्त – जिसे आश्वासन मिला हो, जिसे तसल्ली दी गई हो।