Chapter 8 सुनो किशोरी
Chapter 8 सुनो किशोरी
Textbook Questions and Answers
कृति-स्वाध्याय एवं उत्तर
आकलन
प्रश्न 1.
(अ) अंतर स्पष्ट कीजिए :
(आ) कारण लिखिए :
(1) सुगंधा का पत्र पाकर लेखिका को खुशी हुई …………………………………..
(2) पश्चिमी मूल्य रूपी फल हमारे किसी काम के नहीं होंगे …………………………………..
उत्तर :
(1) सुगंधा का पत्र पाकर लेखिका को खुशी हुई क्योंकि सुगंधा लेखिका की पुत्री थी।
(2) रूढ़ि अर्थात ऐसी रीतियाँ, जो समय के साथ अनुपयोगी हो गई हैं, जिनका पालन करके समाज पिछड़ रहा हो, उन्हें हमें छोड़ देना चाहिए। जैसे बाल विवाह, पर्दा प्रथा, बहुविवाह प्रथा आदि।
शब्द संपदा
प्रश्न 2.
शब्द युग्म को पाठ के आधार पर पूर्ण कीजिए :
(1) क्षत – …………………………………..
(2) आदान – …………………………………..
(3) सूझ – …………………………………..
(4) सोच – …………………………………..
उत्तर :
(1) क्षत – विक्षत
(2) आदान – प्रदान
(3) पुरानी – जर्जर
(4) कहने – सुनने
अभिव्यक्ति
प्रश्न 3.
(अ) विद्यार्थी जीवन में मित्रता का महत्त्व’, इस विषय पर अपना मंतव्य लिखिए।
उत्तर :
विद्यार्थी जीवन स्वतंत्र जीवन होता है। यह ऐसा महत्त्वपूर्ण समय होता है, जिसमें विद्यार्थी चाहे तो अच्छा इनसान बन सकता है और बिगड़ना चाहे तो बिगड़ सकता है। यह ऐसी अवस्था है, जब एक युवा या युवती के विकास में उसके संगीसाथियों का बहुत अधिक प्रभाव होता है।
यदि इस समय अच्छे विद्यार्थियों से मित्रता होगी, तो वह भविष्य में अच्छा ही रहेगा और यदि उसकी संगति बुरे विद्यार्थियों से होगी तो उस पर भी बुरी संगत का असर होगा और वह भी अपने लक्ष्य से भटक जाएगा। सच्चा मित्र हमारे सुख-दुख में सदैव हमारा साथ देता है।
हमारी उलझनों, परेशानियों को दूर करने में हमारी सहायता करता है।
(आ) ‘युवा पीढ़ी किस ओर’, इस विषय पर अपने विचार लिखिए।
उत्तर :
युवा वर्ग किसी भी समाज व देश के लिए आशा की किरण होता है। देशवासी युवाओं में देश का भविष्य देखते हैं। परंतु आज की युवा पीढ़ी अपनी संस्कृति, अपने मूल्यों को तो काट फेंकना चाहती है परंतु पश्चिमी संस्कृति के पीछे दीवानी हो रही है।
युवा पीढ़ी कर्तव्य-पालन के समय विदेशों के उदाहरण दिया करती है। वहाँ युवक-युवती प्रारंभ से ही अपनी अलग गृहस्थी बसा लेते हैं। परंतु ये लोग इस तथ्य को नकार देते हैं कि वहाँ बहुत छोटी अवस्था से ही किशोर-किशोरी स्वावलंबी हो जाते हैं।
वे अपने पोषण के लिए माता-पिता पर निर्भर नहीं करते। प्रत्येक संस्कृति के जीवन-मूल्य अलग होते हैं। भारतीय युवाओं को यह तथ्य समझना चाहिए।
पाठ पर आधारित लघूत्तरी प्रश्न
प्रश्न 4.
(अ) ‘उड़ो बेटी, उड़ो ! पर धरती पर निगाह रखकर’, इस पंक्ति में निहित सुगंधा की माँ के विचार स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
उड़ो बेटी, उड़ो पर धरती पर निगाह रखकर के द्वारा लेखिका का कहना है कि सपने देखना, उन्हें पूरा करने का प्रयास करना प्रत्येक व्यक्ति का अधिकार है। परंतु हमें अपनी महान सभ्यता, अपनी संस्कृति व अपने जीवन मूल्यों को कभी भी नहीं भूलना चाहिए।
अपनी धरती से, अपनी जड़ों से कटकर कोई भी व्यक्ति लंबे समय तक सुखी नहीं रह पाता। जीवन में ऐसे अनेक अवसर आते हैं, जब पीछे छोड़ दिए गए रिश्ते और लोग हमें याद आते हैं और हमें व्याकुल कर जाते हैं।
(आ) पाठ के आधार पर रूढ़ि-परंपरा तथा मूल्यों के बारे में लेखिका के विचार स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
समय के साथ अपना अर्थ खो चुकी या वर्तमान प्रगतिशील समाज को पीछे ले जाने वाली समाज की कोई भी रीति-नीति रूढ़ि है। रूढ़ि स्थिर होती है। जबकि परंपरा समय के साथ अनुपयोगी हो गए मूल्यों को छोड़ती और उपयोगी मूल्यों को जोड़ती निरंतर बहती धारा परंपरा है। परंपरा गतिशील है।
एक निरंतर बहता निर्मल प्रवाह, जो हर सड़ी-गली रूढ़ि को किनारे फेंकता और हर भीतरी-बाहरी, देशी-विदेशी उपयोगी मूल्य को अपने में समेटता चलता है।
साहित्य संबंधी सामान्य ज्ञान
प्रश्न 5.
(अ) आशारानी व्होरा जी के लेखन कार्य का प्रमुख उद्देश्य – …………………………………..
उत्तर :
विभिन्न क्षेत्रों में अग्रणी रही महिलाओं के जीवन संघर्ष को चित्रित करना और वर्तमान नारी वर्ग के सम्मुख उनके आदर्श प्रस्तुत करना।
(आ) आशारानी व्होरा जी की रचनाएँ – …………………………………..
उत्तर :
- भारत की प्रथम महिला
- स्वतंत्रता सेनानी लेखिकाएँ
- क्रांतिकारी किशोरी
- स्वाधीनता सेनानी
- लेखक पत्रकार
प्रश्न 6.
कोष्ठक में दी गई सूचना के अनुसार अर्थ के आधार पर वाक्य परिवर्तन करके फिर से लिखिए :
(1) मनुष्य जाति की नासमझी का इतिहास क्रूर और लंबा है। (प्रश्नात्मक वाक्य)
(2) दया निर्बल थी, वह इतना भार सहन न कर सकी। (निषेधात्मक वाक्य)
(3) अपनी समस्याओं पर माँ से खुलकर बात करके उनसे सलाह (प्रश्नात्मक वाक्य)
(4) मेरे साथ न्याय नहीं हुआ है। (विधि वाक्य)
(5) शेष आप इस लिफाफे को खोलकर पढ़ लीजिए। (आज्ञार्थक वाक्य)
(6) ऐसे समय वह तुम्हारी बात न सुने। (विधि वाक्य) (7) वे निरर्थक हैं तो फिर सार्थक क्या है? (विधानार्थक वाक्य)
(8) मैं तुम्हें खिलौना समझता रहा और तुम साँप निकले। (विस्मयादिबोधक वाक्य)
(9) इस क्षेत्र में भी रोजगार की भरपूर संभावनाएं हैं। (निषेधात्मक वाक्य)
(10) आप भी तो एक विख्यात फीचर लेखक हैं। (विस्मयादिबोधक वाक्य)
उत्तर:
(1) क्या मनुष्य जाति की नासमझी का इतिहास क्रूर और लंबा है?
(2) दया सबल नहीं थी, वह इतना भार सहन न कर सकी।
(3) क्या अपनी समस्याओं पर माँ से खुलकर बात करके उनसे . सलाह लेती है?
(4) मेरे साथ न्याय करें।
(5) शेष आप इस लिफाफे को खोलकर पढ़ो।
(6) ऐसे समय वह तुम्हारी बात सुने।
(7) वे निरर्थक हैं।
(8) अच्छा मैं तुम्हें खिलौना समझता रहा और तुम साँप निकले।
(9) इस क्षेत्र में रोजगार की भरपूर संभावनाएँ नहीं हैं।
(10) आप एक विख्यात फीचर लेखक हैं!
(कृतिपत्रिका के प्रश्न 1 (अ) तथा प्रश्न 1 (आ) के लिए)
गद्यांश क्र. 1
प्रश्न. निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए :
कृति 1 : (आकलन)
प्रश्न 1.
संजाल पूर्ण कीजिए :
उत्तर :
कृति 2 : (शब्द संपदा)
प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों में उपसर्ग लगाकर नए शब्दों को वाक्यों में प्रयोग कीजिए:
(1) पसंद – …………………………………………….
(2) अधिकार – …………………………………………….
उत्तर :
(1) पसंद – ना + पसंद, नापसंद।
वाक्य : मुझे किसी की भी निंदा सुनना सख्त नापसंद है।
(2) अधिकार – अन + अधिकार, अनधिकार।
वाक्य : हमें दूसरों के मामलों में अनधिकार घुसपैठ नहीं करनी चाहिए।
कृति 3 : (अभिव्यक्ति)
प्रश्न 1.
‘पश्चिमी सभ्यता का अंधानुकरण समाज के लिए हानिप्रद’ विषय पर अपना मत व्यक्त कीजिए।
उत्तर :
आज भारतीय पश्चिमी सभ्यता के जाल में दिन-ब-दिन इस सीमा तक फँसते जा रहे हैं कि अपनी संस्कृति को भूल रहे हैं। पश्चिम से आई हर चीज, चाहे वह उनका बोलने-चलने का ढंग हो या कपड़े पहनने का तरीका, वहाँ का खान-पान हो या वहाँ के त्योहार, आज हम सभी को अपनाने में अपनी शान समझते हैं, बिना यह सोचे कि वह हमारे देश, हमारे समाज और हमारी जलवायु के अनुकूल है भी या नहीं।
पश्चिमी सभ्यता सदा से ही खाओ, पियो और आनंद मनाओ के सिद्धांत को मानती आई है। आज पश्चिमी सभ्यता का अनुकरण करके हम दुख के भागी बन रहे हैं। समाज में चारों ओर अराजकता फैल रही है। इसके परिणामस्वरूप ही आज हमारे महान देश में वृद्धाश्रमों की संख्या बढ़ती जा रही है। हमें पश्चिमी सभ्यता का आकर्षण छोड़कर अपनी संस्कृति, परंपराओं और मूल्यों का अनुसरण करना चाहिए।
गद्यांश क्र. 2
प्रश्न. निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई। सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए :
कृति 1 : (आकलन)
प्रश्न 1.
उत्तर लिखिए :
(1) नई पीढ़ी इन्हें काट फेंकना चाहती है –
(2) नए मूल्यों के निर्माण का यह अभी नई पीढ़ी में नहीं आया है –
(3) आज नहीं तो कल, ये भरहराकर गिरेंगे ही –
(4) पश्चिमी मूल्यों के ये हमारे किसी काम के नहीं है –
उत्तर :
(1) पुराने मूल्यों को
(2) दम-खम
(3) जर्जर मूल्य
(4) फल।
प्रश्न 2.
कारण लिखिए : पश्चिमी मूल्य रूपी फल हमारे किसी काम के नहीं होंगे –
उत्तर :
जिस प्रकार हर पौधे को पनपने, फलने-फूलने के लिए विशेष प्रकार, की भूमि की आवश्यकता होती है, हर पौधा हर स्थान पर नहीं पनप सकता, उसी प्रकार हर देश व संस्कृति और समाज के मूल्य भी अलग होते हैं। पश्चिमी सभ्यता का अंधानुकरण भारतीय समाज के लिए अग्राह्य होगा।
प्रश्न 3.
वाक्य पूर्ण कीजिए :
(1) यह पगडंडी काटने का साहस ही पहले जरूरी है, …………………………………
(2) नए मूल्यों का निर्माण करना है तो नए ज्ञान-विज्ञान को …………………………………
उत्तर :
(1) यह पगडंडी काटने का साहस ही पहले जरूरी है, नई चौड़ी राह उसी में से खुलती दिखाई देगी।
(2) नए मूल्यों का निर्माण करना है तो नए ज्ञान-विज्ञान को पहले अपनी धरती पर टिकाना होगा।
कृति 2 : (शब्द संपदा)
प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के विरुद्धार्थी शब्द लिखिए :
(1) निर्मल x ………………………….
(2) निर्माण x ………………………….
(3) धरती x ………………………….
(4) स्थिर x ………………………….
उत्तर :
(1) निर्मल x मलिन
(2) निर्माण x ध्वंस
(3) धरती x आकाश
(4) स्थिर x अस्थिर।
प्रश्न 2.
शब्द युग्म को पाठ के आधार पर पूर्ण कीजिए :
(1) सोच – ………………………….
(2) रीति – ………………………….
(3) दम – ………………………….
(4) ज्ञान – ………………………….
उत्तर :
(1) सोच – समझ
(2) रीति – नीति
(3) दम – खम
(4) ज्ञान – विज्ञान।
कृति 3 : (अभिव्यक्ति)
प्रश्न 1.
‘पुरानी परंपराओं का त्याग करना ही उचित है’ विषय पर अपना मत व्यक्त कीजिए।
उत्तर :
कोई भी प्रक्रिया लगातार प्रयोगों से गुजरने के बाद परंपरा का रूप ले लेती है। साथ ही उसमें परिवर्तन की गुंजाइश भी रहती है। परंतु जो बातें, परंपराएँ कल समाज के हित के लिए बनाई गई थीं, बदलती परिस्थितियों में पहले के समान हितकारक हों, आवश्यक नहीं है। अतः हमें ऐसी परंपराओं का मोह त्याग देना चाहिए। जैसे बाल विवाह का प्रचलन मुस्लिम काल में शायद आवश्यक रहा हो, परंतु कालांतर में यह परंपरा एक कुरीति के रूप में सामने आई और है इसके विरोध में 1929 में बाल विवाह अधिनियम बनाया गया। जो है समाज और देश पुरानी परंपराओं से चिपके रहते हैं, उनकी उन्नति है रुक जाती है और वे समय से पिछड़ जाते हैं।
गद्यांश क्र. 3
प्रश्न. निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई है सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए :
कृति 1 : (आकलन)
प्रश्न 1.
परिच्छेद से दो ऐसे प्रश्न तैयार कीजिए, जिनके उत्तर निम्नलिखित हों :
(1) क्रांति की
(2) पछतावा।
उत्तर :
(1) किसकी बड़ी-बड़ी बातें करना आसान है?
(2) जब पानी सिर से गुजर चुका होता है, तब क्या होता है?
प्रश्न 2.
वाक्य सही करके लिखिए :
(1) उस स्थिति में की गई यह कथित क्रांति कठिन भी होगी और असफल भी।
(2) मेरी राय में तुम्हें और तुम्हारी दोस्त को धैर्य से प्रतीक्षा करनी चाहिए।
उत्तर :
(1) उस स्थिति में की गई यह कथित क्रांति न कठिन होगी और न असफल।
(2) मेरी राय में रचना को और उसके दोस्त को धैर्य से प्रतीक्षा करनी चाहिए।
कृति 2 : (शब्द संपदा)
प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के लिंग पहचानकर लिखिए :
(1) हस्तक्षेप – ………………………………
(2) लगाव – ………………………………
(3) क्रांति – ………………………………
(4) प्रेरणा – ………………………………
उत्तर :
(1) हस्तक्षेप – पुल्लिंग
(2) लगाव – पुल्लिंग
(3) क्रांति – स्त्रीलिंग
(4) प्रेरणा – स्त्रीलिंग।
प्रश्न 2.
निम्नलिखित जोड़ियों में से विशेषण और विशेष्य की सही जोड़ियाँ बनाकर लिखिए :
(1) निहायत – भावनाएँ
(2) नासमझ – किशोरी
(3) भावुक – मूर्खता
(4) रोमानी – उम्र।
उत्तर :
(1) निहायत – मूर्खता
(3) भावुक – किशोरी
(2) नासमझ – उम्र
(4) रोमानी – भावनाएँ।
गद्यांश क्र. 4
प्रश्न. निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई। सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए :
कृति 1 : (आकलन)
प्रश्न 1.
संजाल पूर्ण कीजिए :
उत्तर :
प्रश्न 2.
परिणाम लिखिए : सुगंधा रचना का साथ छोड़ देगी ……………………………
उत्तर :
सुगंधा रचना का साथ छोड़ देगी तो वह और टूट जाएगी। अकेली पड़कर वह उधर ही जाने के लिए कदम बढ़ा लेगी, जिधर जाने से सुगंधा उसे रोकना चाहती है।
प्रश्न 3.
सहसंबंध जोड़कर अर्थपूर्ण वाक्य बनाइए :
(1) यदि तुम्हें लगे कि लड़का निर्दोष है, निश्छल है तो – दोनों को पढ़ाई के अंत तक प्रतीक्षा करने का परामर्श दे , सकती हो।
(2) एक शुभचिंतक सहेली के नाते – वह अपनी बड़ी बहन या भाभी से निर्देशन ले।
(3) यदि उसकी माँ इस योग्य न हो तो – उसका मन टटोलो और उसे प्यार से समझाओ।
(4) उसका मूड देखकर – तुम्हें उसे इसलिए अकेले नहीं छोड़ देना है कि वह तुम्हारी बात नहीं सुनती।
उत्तर :
(1) यदि तुम्हें लगे कि लड़का निर्दोष है, निश्छल है तो दोनों को पढ़ाई के अंत तक प्रतीक्षा करने का परामर्श दे, सकती हो।
(2) एक शुभचिंतक सहेली के नाते तुम्हें उसे इसलिए अकेले नहीं छोड़ देना है कि वह तुम्हारी बात नहीं सुनती।
(3) यदि उसकी माँ इस योग्य न हो तो ऐसे समय वह अपनी बड़ी बहन या भाभी से निर्देशन ले।
(4) उसका मूड देखकर उसका मन टटोलो और उसे प्यार से समझाओ।
कृति 2 : (शब्द संपदा)
प्रश्न 1.
परिच्छेद में प्रयुक्त उपसर्गयुक्त शब्दों से मूल शब्द और उपसर्ग अलग कीजिए और उन उपसर्गों से दो-दो नए शब्द बनाइए:
(1) ………………………………….
(2) ………………………………….
(3) ………………………………….
(4) ………………………………….
उत्तर :
(1) अडिग – अ + डिग, (1) अधर्म – (2) असत्य।
(2) अनहोनी – अन + होनी, (1) अनपढ़ – (2) अनजान।
(3) हमदर्द – हम + दर्द, (1) हमशक्ल – (2) हमउम्र।
(4) निर्दोष – निर् + दोष, (1) निर्जन – (2) निर्बल।
प्रश्न 2.
शब्द युग्म को पाठ के आधार पर पूर्ण कीजिए :
(1) सूझ – ………………………………….
(2) बेटा – ………………………………….
उत्तर :
(1) सूझ – समझ
(2) बेटा – बेटी।।
मुहावरे
प्रश्न 1.
निम्नलिखित मुहावरों के अर्थ लिखकर वाक्य में प्रयोग कीजिए :
(1) कागजी घोड़े दौड़ाना
अर्थ : लिखा-पढ़ी करना।
वाक्य : आजकल के जमाने में केवल कागजी घोड़े दौड़ाने से काम नहीं बनता।
(2) खाला का घर
अर्थ : आसान काम।
वाक्य : गाँव के लोग दस-पाँच किलोमीटर पैदल चल लेना खाला का घर समझते हैं।
(3) खाल मोटी होना
अर्थ : बेशर्म होना।
वाक्य : घोटाला करने वाले राजनीतिज्ञों की खाल मोटी होती है।
(4) गिरगिट की तरह रंग बदलना
अर्थ : अवसरवादी होना।
वाक्य : आजकल के कुछ नेता अवसर देखकर गिरगिट की तरह रंग बदल लेते हैं।
(5) घोड़े बेचकर सोना
अर्थ : निश्चित होकर सोना।
वाक्य : दिनभर सड़क बनाने वाले मजदूर रात को ऐसे सो रहे थे, मानो घोड़े बेचकर सो रहे हों।
(6) चोली दामन का साथ होना
अर्थ : घनिष्ठ संबंध होना।
वाक्य : प्राचीनकाल की गुरुकुल शिक्षा प्रणाली में गुरु-शिष्य का चोली दामन का साथ होता था।
(7) कन्नी काटना।
अर्थ : निकल जाना।
वाक्य : बड़ा बेटा और बहू पहले ही माँ-बाप से कन्नी काट चुके थे।
काल परिवर्तन
प्रश्न 1.
निम्नलिखित वाक्यों को कोष्ठक में सूचित काल में परिवर्तन कीजिए :
(1) नए मूल्यों के निर्माण का दम-खम अभी उसमें नहीं आया है। (अपूर्ण वर्तमानकाल)
(2) ये बातें बेटा-बेटी के लिए समान रूप से लागू होती हैं। (सामान्य भविष्यकाल)
(3) मैं इसके परिणाम की प्रतीक्षा करूँगी। (अपूर्ण भूतकाल)
उत्तर :
(1) नए मूल्यों के निर्माण का दम-खम अभी उसमें नहीं आ रहा है।
(2) ये बातें बेटा-बेटी के लिए समान रूप से लागू होंगी।
(3) मैं इसके परिणाम की प्रतीक्षा कर रही थी।
वाक्य शुद्धिकरण
प्रश्न 1.
निम्नलिखित वाक्य शुद्ध करके लिखिए :
(1) हमें पुरानी-झर्झर रूढ़ियों को तोड़णा है।
(2) में इसके परिणाम की प्रतीक्छा करूँगी।
(3) दोस अकेली रचना का है बी नहीं।
उत्तर :
(1) हमें पुरानी-जर्जर रूढ़ियों को तोड़ना है।
(2) मैं इसके परिणाम की प्रतीक्षा करूँगी।
(3) दोष अकेली रचना का है भी नहीं।
सुनो किशोरी Summary in Hindi
सुनो किशोरी लेखक का परिचय
सुनो किशोरी लेखक का नाम : आशारानी व्होरा। (जन्म 7 अप्रैल, 1921; निधन 2009.)
सुनो किशोरी प्रमुख कृतियाँ : भारत की प्रथम महिलाएँ, स्वतंत्रता सेनानी लेखिकाएँ, क्रांतिकारी किशोरी, स्वाधीनता सेनानी, लेखक-पत्रकार आदि।
सुनो किशोरी विशेषता : आपने आधुनिक हिंदी साहित्य में नारी विषयक लेखन को समृद्ध किया। लेखन में नई धारा को जन्म। विभिन्न क्षेत्रों में अग्रणी रही. महिलाओं के जीवन संघर्ष को चित्रित किया और वर्तमान नारी वर्ग के सम्मुख उनके आदर्श प्रस्तुत किए।
सुनो किशोरी विधा : पत्र शैली में लिखा गया निबंध।
सुनो किशोरी विषय प्रवेश : प्रस्तुत पाठ पत्र शैली में लिखा गया है। लेखिका अपनी पुत्री को रूढ़ि और परंपरा का अंतर बताते हुए कह रही है कि हमें जीवन में ऊँचा उठने का प्रयास अवश्य करना चाहिए परंतु अपनी संस्कृति, अपनी सभ्यता से कटकर नहीं। साथ ही लेखिका का यह भी कहना है कि किशोरियों की शंकाओं, परेशानियों, प्रश्नों, दुश्चिंताओं आदि के समाधान के लिए एक माँ या एक अच्छी सखी को मार्गदर्शिका के रूप में कार्य करना चाहिए।
सुनो किशोरी पाठ का सार
लेखिका की पुत्री सुगंधा की किशोरी सखी रचना ने अभी कॉलेज में प्रवेश लिया है। वहाँ वह एक सहपाठी की ओर आकर्षित हो जाती है। अभी लड़का और लड़की दोनों की आयु कम है। लेखिका अपनी पुत्री को उसे उचित मार्गदर्शन देने की प्रेरणा दे रही है। साथ ही सखी का साथ न छोड़ने का भी परामर्श देती है। किशोर अवस्था। में बच्चे अपने साथियों पर कहीं अधिक विश्वास करते हैं।
सुनो किशोरी मुहावरे : अर्ध औ२ वाक्य प्रयोग
(1) धरती पर निगाह रखना।
अर्थ : वास्तविकता से जुड़े रहना।
वाक्य : हमें प्रगति की राह पर निरंतर आगे बढ़ते हुए भी धरती पर निगाह रखनी चाहिए।
(2) फलीभूत होना।
अर्थ : फल में परिणत होना, परिणाम निकल आना।
वाक्य : सोनल के भारतीय प्रशासनिक सेवा में चुने जाने पर है उसके माता-पिता की आशाएँ फलीभूत हुईं।
(3) राह का रोड़ा बनना।
अर्थ : उन्नति में बाधा बनना।
वाक्य : कुछ लोग दूसरों को आगे बढ़ता नहीं देख सकते। जब देखो, वे किसी-न-किसी की राह का रोड़ा बने रहते हैं।
(4) कन्नी काटना।
अर्थ : निकल जाना।
वाक्य : कामचोर विजय का जरा-से काम को क्या कह दिया, झट कन्नी काट ली।
(5) आगाह करना।
अर्थ : सूचित करना।
वाक्य : मौसम विभाग ने संपूर्ण महाराष्ट्र को मूसलाधार वर्षा के लिए आगाह किया है।
सुनो किशोरी शब्दार्थ
- डैना = पंख
- अवांछित = जिसकी इच्छा न की गई हो
- भरहराकर = तेजी से
- निहायत = अत्याधिक, पूरी तरह से
- जुनून = पागलपन, उन्माद
- अंतर्मुखी होना = अपने भीतर झाँककर सोचना
- निजात = छुटकारा
- आगाह करना = सूचित करना,
- यथार्थ = सच्चाई/वास्तविकता
- क्षत-विक्षत = बुरी तरह से घायल, लहू-लुहान
- बुनियादी = मौलिक
- भर्त्सना = अनुचित काम के लिए बुरा-भला कहना
- अल्हड़ = भोला-भाला
- राजदार = भेद जानने वाला/भेदिया
- मंशा = इच्छा
- निश्छल = छल रहित
सुनो किशोरी मुहावरे
- धरती पर निगाह रखना = वास्तविकता से जुड़े रहना
- राह का रोड़ा बनना = उन्नति में बाधा बनना
- फलीभूत होना = फल में परिणत होना, परिणाम निकल आना
- कन्नी काटना = बचकर निकल जाना