MARCH 2020
HINDI (COMPOSITE)
1. (अ) निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए :
धीरे-धीरे गाँववाले को खोए हुए आदमी के कई गुणों के बारे में पता चलने लगा। वह पशु-पक्षियों से बातें करता प्रतीत होता। लगता था जैसे वह पशु-पक्षियों की भाषा जानता हो। यह आँधी, तूफान, चक्रवात आने, ओले पड़ने या टिड्डियों के हमले के बारे में गाँववालों को पहले ही आगाह कर देता। उसकी भविष्यवाणी के कारण गाँववाले मुसीबतों से बच जाते। जब एक बार गाँव में सूखे की स्थिति उत्पन्न हो गई तो खोए हुए आदमी ने आकाश की ओर देखकर न जाने किस भाषा में किस देवता से प्रार्थना की। कुछ ही समय बाद गाँव में मूसलाधार बारिश होने लगी। सूखी-प्यासी मिट्टी तृप्त हो गई। बच्चे-बड़े सभी इस झमाझम बारिश में भीगने का भरपूर आनंद लेने लगे। उस दिन से खोया हुआ आदमी गाँव में सबका चहेता हो गया।
(1) आकृति पूर्ण कीजिए :
खोए हुए आदमी के गुण
(i) …………………………………………
(ii) …………………………………………
(2) (i) गद्यांश में आए शब्द-युग्म ढूँढकर लिखिए :
(1) …………………………………………
(2) …………………………………………
(ii) निम्नलिखित शब्दों के लिए गद्यांश में आए हुए पर्यायवाची शब्द लिखिए :
(1) वर्षा -…………………………………………
(2) देहात -…………………………………………
(3) ‘वाणी की मधुरता’ विषय पर 25 से 30 शब्दों में अपने विचार लिखिए :
(आ) निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए :*
मैंने देखा, हरसिंगार नये पत्तों और टहनियों से लद गया है। जाड़े में खंखड़-सा हो जाता है और कभी-कभी डर लगता है कि यह सूख तो नहीं रहा है, लेकिन वसंत आते ही इसके भीतर सोई ऊर्जा जागने लगती है, प्राणरस छलकने लगता है और क्रमशः नई टहनियों तथा नये पत्तों के सौंदर्य से लद जाता है। मैं उसे देख रहा हूँ और लगता है, अब इसमें फूल आया, तब इसमें फूल आया। हाँ, यह हरसिंगार बहुत मस्त है। आषाढ़ में हलकी-हलकी हँसी उसमें फूटने लगती है, फिर शरद में तो कहना ही क्या ! तारों भरा आसमान बन जाता है। रात भर जगमग-जगमग करता रहता है और सुबह को अनंत फूलों के रूप में धरती पर बिछ जाता है। रात भर उसकी महक घर में टहलती रहती है।
(1) कृति पूर्ण कीजिए :
हरसिंगार में होने वाले बदलाव
वसंत ऋतु में …………………………………………
वर्षा ऋतु में…………………………………………
(2) (i) वचन परिवर्तन करके वाक्य फिर से लिखिए :
ऊर्जा जागने लगती है।
(ii) निम्नलिखित शब्दों के लिए गद्यांश में आए विलोम शब्द ढूँढ़कर लिखिए :
(1) पुरानी …………………………………………
(2) दिन …………………………………………
(3) ‘प्रकृति की रक्षा करना हमारा कर्तव्य’ विषय पर 25 से 30 शब्दों में अपने विचार लिखिए।
उत्तर (अ)
(1) (i) पशु-पक्षियों की भाषा जानने वाला
(ii) भविष्यवाणी करने वाला
(2) (i) (1) पशु-पक्षियों (2) सूखी-प्यासी
(ii) (1) वर्षा-बारिस (2) देहात-गाँव
(3) वाणी मनुष्य को ईंखर की अनुपम देन है। मनुष्य का भाषा पर विशेष अधिकार है। भाषा के कारण ही मनुष्य उन्नति कर सका है। हमारी वाणी में मधुरता का जितना अधिक अंश होगा हम उतने ही दूसरों के प्रिय बन सकते हैं। हमारी बोली में माधुर्य के साथ-साथ शिष्टता भी होनी चाहिए।
मधुर वाणी मनोनुकूल होती है जो कानों में पड़ने पर चित्त द्रवित हो उठता है। वाणी की मधुरता हुदय-द्वार खोलने की कुंजी है। एक ही बात को हम कटु शब्दों में कहते हैं और उसी को हम मधुर बना सकते हैं। हमारी वाणी ही हमारी शिक्षा-दीक्षा, कुल की परम्परा और मर्यादा का परिचय देती है। इसलिए हमें वार्तालाप करते समय व्यापारिक बातचीत और निजी बातचीत में थोड़ा अंतर रखना चाहिए। वाणी किसी भी स्थिति में कटु एवं अशिष्ट नहीं होनी चाहिए।
(आ) (1) Answer is not given due to the change in the reduced syllabus.
(2) Answer is not given due to the change in the reduced syllabus.
(3) Answer is not given due to the change in the reduced syllabus.
विभाग 2 – पद्य : 8 अंक
- (अ) निम्नलिखित पठित पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए :
कस्तूरी कुंडल बसै, मृग ढूँढ़ बन माहिं।
ऐसे घट में पीव है, दुनिया जानै नाहिं॥
जिन ढूँढ़ा तिन पाइयाँ, गहिरे पानी पैठ।
जो बौरा डूबन डरा, रहा किनारे बैठ॥
जो तोको काँटा बुवै, ताहि बोइ तू फूल।
तोहि फूल को फूल है, वाको है तिरसूल॥
(1) कृति पूर्ण कीजिए :
(2) पहली दो पंक्तियों का सरल अर्थ 25 से 30 शब्दों में अपने विचार लिखिए।
(आ) निम्नलिखित पठित पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए : *
यहाँ हर शख्स हर पल हादिसा होने से डरता है, खिलौना है जो मिट्टी का, फना होने से डरता है। मेरे दिल के किसी कोने में इक मासूम-सा बच्चा, बड़ों की देखकर दुनिया बड़ा होने से डरता है। न बस में जिंदगी इसके, न काबू मौत पर इसका, मगर इन्सान फिर भी कब खुदा होने से डरता है। अजब ये जिंदगी की कैद है, दुनिया का हर इन्साँ, रिहाई माँगता है और रिहा होने से डरता है।
(1) संजाल पूर्ण कीजिए :
(2) अंतिम चार पंक्तियों का सरल अर्थ 25 से 30 शब्दों में लिखिए।
उत्तर (अ)
(2) मृग की नाभि में कस्तूरी होती है पर वह जंगल में ढूँढते रहते हैं। उसी प्रकार ईश्वर सर्वत्र विद्यमान है परंतु हम उसे देख नहीं पाते हैं। कबीर जी कहते हैं मनुष्य के अंदर ही ईंश्वर वास होता है सिर्फ उसका एहसास होना चाहिए। हम ईश्वर को मंदिर में ढूँढ़ते हैं, परन्तु ईंशर सर्वव्याप्त है।
(आ) (1) Answer is not given due to the change in the reduced syllabus
(2) Answer is not given due to the change in the reduced syllabus
विभाग 3 – भाषा अध्ययन (व्याकरण) : 8 अंक
- सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए :
(1) मानक वर्तनी के अनुसार कृतियाँ कीजिए :
- विश्वास, विशवास, विसवास, विशवास-
- चिन्ह, चीन्ह, चिह्न, चिर्E-
(2) निम्नलिखित में से किसी एक अव्यय का अर्थपूर्ण वाक्य में प्रयोग कीजिए :
(i) के लिए (ii) शाबाश!
(3) कृति पूर्ण कीजिए :
संधि शब्द | संधि विच्छेद | भेद |
. | सत् + जन | . |
अथवा | ||
महात्मा | . |
(4) अधोरेखांकित वाक्यांश के लिए उचित मुहावरे का चयन करके वाक्य फिर से लिखिए :
( यादों में जाग उठना, नाक-भौं सिकोड़ना)
बचपन के गीत सुनकर मेरी यादें ताजा हो गईं।
अथवा
निम्नलिखित मुहावरे का अर्थ लिखकर उचित वाक्य में प्रयोग कीजिए :
मन मारना-
(5) कालभेद पहचानना तथा काल परिवर्तन करना :
(i) निम्नलिखित वाक्य का कालभेद पहचानिए :
कल क्या खाया था ?
(ii) निम्नलिखित वाक्यों में से किसी एक वाक्य का सूचना के अनुसार काल परिवर्तन कीजिए :
- पानी अब निर्मल नहीं रहा है। (सामान्य भविष्यकाल)
- वह तुम्हें हमेशा बुरा-भला कहती है। (पूर्ण वर्तमानकाल)
(6) वाक्य भेद तथा वाक्य परिवर्तन :
(i) निम्नलिखित वाक्य का रचना के आधार पर भेद पहचानकर लिखिए :
चंपा के पौधे लगा लिए हैं।
(ii) निम्नलिखित वाक्य का अर्थ के आधार पर दी गई सूचनानुसार परिवर्तन कीजिए :
इस बात के लिए ये गाँववाले ही जिम्मेदार हैं। (प्रश्नार्थक वाक्य)
उत्तर (1)
(i) विश्वास (ii) चिह्न
(2) (i) छात्र पढ़ाई करने के लिए पाठशाला जाते हैं।
(ii) शाबाश ! सिद्धि तुम निबंध लेखन में अव्वल आई हो
(3)
संधि शब्द | संधि विच्छेद | भेद |
सज्जन | सत् + जन | व्यंजन संधि |
अथवा | ||
महात्मा | महा + आत्मा | स्वर संधि |
(4) बचपन के गीत सुनकर मैं यादों में जाग उठीं।
अथवा
बचपन के गीत सुनकर मेरी यादें जाग उठीं।
अथवा
मन मारना – इच्छा को दबाना
वाक्य : यश वैज्ञानिक बनना चाहता था, परंतु मन मारकर डॉक्टर बना।
(5) (i) पूर्ण भूतकाल
(ii) 1. पानी अब निर्मल नहीं होगा।
- उसने तुम्हें हमेशा बुरा-भला कहा है।
(6) (i) सरल वाक्य
(ii) क्या इस बात के लिए ये गाँव वाले ही जिम्मेदार नहीं हैं ?
विभाग 4 – रचना विभाग (उपयोजित लेखन) : 12 अंक
सूचना-आवश्यकतानुसार परिच्छेद में लेखन अपेक्षित है।
- सूचनाओं के अनुसार लिखिए।
(अ) (1) पत्र-लेखन :
निम्नलिखित जानकारी के आधार पर पत्र-लेखन कीजिए :
शरद/शारदा इंगले, तुकाई सदन, तिलक नगर, चालीसगाँव से व्यवस्थापक मनुश्री पुस्तक भंडार, महात्मा नगर, जलगाँव को हिंदी की निम्नलिखित पुस्तकें मँगवाने हेतु पत्र लिखता/लिखती है।
अ.क्र. | पुस्तकों के नाम | लेखक | प्रतियाँ |
1. | गोदान | प्रेमचंद | 4 |
2. | पानी के प्राचीर | रामदरश मिश्र | 6 |
3. | पिंजर | अमृता प्रीतम | 3 |
अथवा
प्रकाश/प्रगति सालुंखे, वर्तकनगर, जालना से अपने मित्र/सहेली गौरव/गौरवी चव्हाण, आह्लाद नगर, बीड को जन्मदिन की बधाई देने हेतु पत्र लिखता/लिखती है।
(2) कहानी-लेखन :
निम्नलिखित मुद्दों के आधार पर 60 से 70 शब्दों में कहानी लिखकर उसे उचित शीर्षक दीजिए तथा सीख लिखिए :
एक आलसी किसान – अमीर होने का सपना – साधु के पास जाना – गुप्त धन की जानकारी पूछना – साधु का कहना – गुप्त धन खेत में – किसान द्वारा रोज खेत को खोदना – धन न मिलना – किसान का निराश होना बरसात के दिनों में बीज डालना – अच्छी फसल – किसान के पास अच्छा धन – शीर्षक – सीख।
अथवा
गद्य-आकलन (प्रश्न निर्मित) :
निम्नलिखित गद्यांश पढ़कर ऐसे चार प्रश्न तैयार कीजिए जिनके उत्तर गद्यांश में एक-एक वाक्य में हों :
तविषा अपराध-बोध से भरी हुई थी। मांडवी दी से उसने अपना संशय बाँटा। चावल की टंकी में घुन हो रहे थे। उस सुबह उसने मारने के लिए डाबर की पारे की गोलियों की शीशी खोली थी चावलों में डालने के लिए। शीशी का ढक्कन मरोड़कर जैसे ही उसने ढक्कन खोलना चाहा, कुछ गोलियाँ छिटककर दूर जा गिरीं। गोलियाँ बटोर उसने टंकी में डाल दी थीं। फिर भी उसे शक है कि एकाध गोली ओने-कोने में छूट गई होगी।
(आ) निबंध-लेखन
निम्नलिखित विषयों में से किसी एक विषय पर 60 से 70 शब्दों में निबंध लिखिए :
- मैं पेड़ बोल रहा हूँ……………………………
- अनुशासन का महत्त्व।
उत्तर (अ)
(1) शरद / शरदा इंगले,
तुकाई सदन,
तिलक नगर,
चालीसगाँव- 400012
मार्च,
प्रति,
श्री व्यवस्थापक,
मनुश्री पुस्तक भंडार,
महात्मा नगर, जलगाँव- 440007
विषय: हिन्दी की पुस्तकें मँगवाने हेतु पत्र।
माननीय महोदय,
हमें अपने विद्यालय के पुस्तकालय के लिए निम्नलिखित पुस्तकों की आवश्यकता है। इस पत्र में दिए हुये पते पर निम्नलिखित पुस्तकों की अच्छी प्रतियाँ भेजने की कृपा करें।
अ.क्र. | पुस्तकों के नाम | लेखक | प्रतियाँ |
1. | गोदान | प्रेमचंद | 4 |
2. | पानी के प्राचीर | रामदरश मिश्र | 6 |
3. | पिंजर | अमृता प्रीतम | 3 |
पार्सल भेजते समय कृपया पार्किंग पर विशेष ध्यान दें। आशा है पुस्तकें जल्द ही भेजने तथा उस पर उचित छूट देने की कृपा करेंगे।
आप सभी पुस्तकें वी.पी.पी. से भेजने की कृपा करें।
धन्यवाद!
भवदीय
शरद / शरदा इंगले
अथवा
प्रकाश / प्रगति सालुंखे,
वर्तकनगर,
जालना- 431213
मार्च,
प्रिय सहेली गौरव / गौरवी,
सप्रेम नमस्कार ।
आशा है तुम्हारा परिवार और तुम स्वस्थ्य और सानंद होंगे। मुझे तुम्हारी बहुत याद आती है। पिछले दो साल से हम तुम्हारा जन्मदिन साथ नहीं मनाते। पहले हम तुम्हारे जन्मदिन पर खूब खरीदारी करते थे। अभी भी मुझे वो दिन याद है।
12 अप्रैल को तुम्हारा जन्मदिन है। तुम्हें ढेर सारी बधाई और प्यार। मेरी शुभकामना है कि तुम दिन दुनी रात चौगुनी तरक्की करते रहो।
मेरी मम्मी-पष्पा की तरफ से ढेर सारी शुभकामनाएँ। तुम और तुम्हारा जन्मदिन हमें हमेशा याद रहेगा। चाचाजी और चाचीजी को मेरा सादर प्रणाम। कुणाल को बहुत सारा प्यार। एक बार फिर तुम्हें जन्मदिन की ढेर सारी बधाई।
तुम्हारी मित्र / सहेली
प्रकाश / प्रगति
(2)
शीर्षक-मेहनत
एक किसान था। वह बहुत ही आलसी था। बिना मेहनत किये वह अमीर बनने का सपना देखता है। अमीर बनने के लिए वह एक दिन साधु के पास जाता है। उसने सपने में देखे गुप्तधन के बारे में साधु से जानकारी पूछता है। साधु बताता है कि गुप्तधन खेत में है। गुप्तधन मिलने की लालच में किसान रोज खेत में जाता है। रोज खेत को खोदता है। ऐसे रोज जाकर खेत खोदते-खोदते पुनः खेत खोद डालता है। परंतु उसे कहीं भी गुप्तधन नहीं मिलता। खेत में गुप्तधन न मिलने से किसान बहुत निराश होता है। थोड़े ही दिनों में बारिश आती है। बरसात के दिनों में किसान खेतों में खोदकर बीज डालते हैं, उसी प्रकार यह आलसी किसान भी अपने खेत में बीज डालता है। उसकी फसल इस बार बहुत अच्छी आती है। उसे इस साल खेती से बहुत सारा पैसा मिलता है। उसके पास अच्छा धन होता है। तब उसे पता चलता है कि साधु ने खेत में बताया गुप्तधन शायद यही है। तबसे वह हर साल बरसात के पहले अपने खेत को खोदता है, उसकी अच्छी मशागत करता है और अच्छा धन पाकर अमीर बन जाता है।
सीख-मेहनत करने से ही अपने हर सपने पूरे होते हैं। इसलिए मेहनत करो और अपने जीवन का ध्येय प्राप्त कर लो।
अथवा
(प्रश्न निर्मिति) :
(i) किसने अपना संशय मांडवी दी से बाँटा ?
(ii) किसमें घुन हो रहे थे?
(iii) चावलों में डालने के लिए किसकी गोलियों की शीशी खरीदी थी ?
(iv) तविषा को किस बात का शक है ?
MARCH 2020
HINDI (COMPOSITE)
1. (अ) निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए :
धीरे-धीरे गाँववाले को खोए हुए आदमी के कई गुणों के बारे में पता चलने लगा। वह पशु-पक्षियों से बातें करता प्रतीत होता। लगता था जैसे वह पशु-पक्षियों की भाषा जानता हो। यह आँधी, तूफान, चक्रवात आने, ओले पड़ने या टिड्डियों के हमले के बारे में गाँववालों को पहले ही आगाह कर देता। उसकी भविष्यवाणी के कारण गाँववाले मुसीबतों से बच जाते। जब एक बार गाँव में सूखे की स्थिति उत्पन्न हो गई तो खोए हुए आदमी ने आकाश की ओर देखकर न जाने किस भाषा में किस देवता से प्रार्थना की। कुछ ही समय बाद गाँव में मूसलाधार बारिश होने लगी। सूखी-प्यासी मिट्टी तृप्त हो गई। बच्चे-बड़े सभी इस झमाझम बारिश में भीगने का भरपूर आनंद लेने लगे। उस दिन से खोया हुआ आदमी गाँव में सबका चहेता हो गया।
(1) आकृति पूर्ण कीजिए :
खोए हुए आदमी के गुण
(i) …………………………………………
(ii) …………………………………………
(2) (i) गद्यांश में आए शब्द-युग्म ढूँढकर लिखिए :
(1) …………………………………………
(2) …………………………………………
(ii) निम्नलिखित शब्दों के लिए गद्यांश में आए हुए पर्यायवाची शब्द लिखिए :
(1) वर्षा -…………………………………………
(2) देहात -…………………………………………
(3) ‘वाणी की मधुरता’ विषय पर 25 से 30 शब्दों में अपने विचार लिखिए :
(आ) निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए :*
मैंने देखा, हरसिंगार नये पत्तों और टहनियों से लद गया है। जाड़े में खंखड़-सा हो जाता है और कभी-कभी डर लगता है कि यह सूख तो नहीं रहा है, लेकिन वसंत आते ही इसके भीतर सोई ऊर्जा जागने लगती है, प्राणरस छलकने लगता है और क्रमशः नई टहनियों तथा नये पत्तों के सौंदर्य से लद जाता है। मैं उसे देख रहा हूँ और लगता है, अब इसमें फूल आया, तब इसमें फूल आया। हाँ, यह हरसिंगार बहुत मस्त है। आषाढ़ में हलकी-हलकी हँसी उसमें फूटने लगती है, फिर शरद में तो कहना ही क्या ! तारों भरा आसमान बन जाता है। रात भर जगमग-जगमग करता रहता है और सुबह को अनंत फूलों के रूप में धरती पर बिछ जाता है। रात भर उसकी महक घर में टहलती रहती है।
(1) कृति पूर्ण कीजिए :
हरसिंगार में होने वाले बदलाव
वसंत ऋतु में …………………………………………
वर्षा ऋतु में…………………………………………
(2) (i) वचन परिवर्तन करके वाक्य फिर से लिखिए :
ऊर्जा जागने लगती है।
(ii) निम्नलिखित शब्दों के लिए गद्यांश में आए विलोम शब्द ढूँढ़कर लिखिए :
(1) पुरानी …………………………………………
(2) दिन …………………………………………
(3) ‘प्रकृति की रक्षा करना हमारा कर्तव्य’ विषय पर 25 से 30 शब्दों में अपने विचार लिखिए।
उत्तर (अ)
(1) (i) पशु-पक्षियों की भाषा जानने वाला
(ii) भविष्यवाणी करने वाला
(2) (i) (1) पशु-पक्षियों (2) सूखी-प्यासी
(ii) (1) वर्षा-बारिस (2) देहात-गाँव
(3) वाणी मनुष्य को ईंखर की अनुपम देन है। मनुष्य का भाषा पर विशेष अधिकार है। भाषा के कारण ही मनुष्य उन्नति कर सका है। हमारी वाणी में मधुरता का जितना अधिक अंश होगा हम उतने ही दूसरों के प्रिय बन सकते हैं। हमारी बोली में माधुर्य के साथ-साथ शिष्टता भी होनी चाहिए।
मधुर वाणी मनोनुकूल होती है जो कानों में पड़ने पर चित्त द्रवित हो उठता है। वाणी की मधुरता हुदय-द्वार खोलने की कुंजी है। एक ही बात को हम कटु शब्दों में कहते हैं और उसी को हम मधुर बना सकते हैं। हमारी वाणी ही हमारी शिक्षा-दीक्षा, कुल की परम्परा और मर्यादा का परिचय देती है। इसलिए हमें वार्तालाप करते समय व्यापारिक बातचीत और निजी बातचीत में थोड़ा अंतर रखना चाहिए। वाणी किसी भी स्थिति में कटु एवं अशिष्ट नहीं होनी चाहिए।
(आ) (1) Answer is not given due to the change in the reduced syllabus.
(2) Answer is not given due to the change in the reduced syllabus.
(3) Answer is not given due to the change in the reduced syllabus.
विभाग 2 – पद्य : 8 अंक
- (अ) निम्नलिखित पठित पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए :
कस्तूरी कुंडल बसै, मृग ढूँढ़ बन माहिं।
ऐसे घट में पीव है, दुनिया जानै नाहिं॥
जिन ढूँढ़ा तिन पाइयाँ, गहिरे पानी पैठ।
जो बौरा डूबन डरा, रहा किनारे बैठ॥
जो तोको काँटा बुवै, ताहि बोइ तू फूल।
तोहि फूल को फूल है, वाको है तिरसूल॥
(1) कृति पूर्ण कीजिए :
(2) पहली दो पंक्तियों का सरल अर्थ 25 से 30 शब्दों में अपने विचार लिखिए।
(आ) निम्नलिखित पठित पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए : *
यहाँ हर शख्स हर पल हादिसा होने से डरता है, खिलौना है जो मिट्टी का, फना होने से डरता है। मेरे दिल के किसी कोने में इक मासूम-सा बच्चा, बड़ों की देखकर दुनिया बड़ा होने से डरता है। न बस में जिंदगी इसके, न काबू मौत पर इसका, मगर इन्सान फिर भी कब खुदा होने से डरता है। अजब ये जिंदगी की कैद है, दुनिया का हर इन्साँ, रिहाई माँगता है और रिहा होने से डरता है।
(1) संजाल पूर्ण कीजिए :
(2) अंतिम चार पंक्तियों का सरल अर्थ 25 से 30 शब्दों में लिखिए।
उत्तर (अ)
(2) मृग की नाभि में कस्तूरी होती है पर वह जंगल में ढूँढते रहते हैं। उसी प्रकार ईश्वर सर्वत्र विद्यमान है परंतु हम उसे देख नहीं पाते हैं। कबीर जी कहते हैं मनुष्य के अंदर ही ईंश्वर वास होता है सिर्फ उसका एहसास होना चाहिए। हम ईश्वर को मंदिर में ढूँढ़ते हैं, परन्तु ईंशर सर्वव्याप्त है।
(आ) (1) Answer is not given due to the change in the reduced syllabus
(2) Answer is not given due to the change in the reduced syllabus
विभाग 3 – भाषा अध्ययन (व्याकरण) : 8 अंक
- सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए :
(1) मानक वर्तनी के अनुसार कृतियाँ कीजिए :
- विश्वास, विशवास, विसवास, विशवास-
- चिन्ह, चीन्ह, चिह्न, चिर्E-
(2) निम्नलिखित में से किसी एक अव्यय का अर्थपूर्ण वाक्य में प्रयोग कीजिए :
(i) के लिए (ii) शाबाश!
(3) कृति पूर्ण कीजिए :
संधि शब्द | संधि विच्छेद | भेद |
. | सत् + जन | . |
अथवा | ||
महात्मा | . |
(4) अधोरेखांकित वाक्यांश के लिए उचित मुहावरे का चयन करके वाक्य फिर से लिखिए :
( यादों में जाग उठना, नाक-भौं सिकोड़ना)
बचपन के गीत सुनकर मेरी यादें ताजा हो गईं।
अथवा
निम्नलिखित मुहावरे का अर्थ लिखकर उचित वाक्य में प्रयोग कीजिए :
मन मारना-
(5) कालभेद पहचानना तथा काल परिवर्तन करना :
(i) निम्नलिखित वाक्य का कालभेद पहचानिए :
कल क्या खाया था ?
(ii) निम्नलिखित वाक्यों में से किसी एक वाक्य का सूचना के अनुसार काल परिवर्तन कीजिए :
- पानी अब निर्मल नहीं रहा है। (सामान्य भविष्यकाल)
- वह तुम्हें हमेशा बुरा-भला कहती है। (पूर्ण वर्तमानकाल)
(6) वाक्य भेद तथा वाक्य परिवर्तन :
(i) निम्नलिखित वाक्य का रचना के आधार पर भेद पहचानकर लिखिए :
चंपा के पौधे लगा लिए हैं।
(ii) निम्नलिखित वाक्य का अर्थ के आधार पर दी गई सूचनानुसार परिवर्तन कीजिए :
इस बात के लिए ये गाँववाले ही जिम्मेदार हैं। (प्रश्नार्थक वाक्य)
उत्तर (1)
(i) विश्वास (ii) चिह्न
(2) (i) छात्र पढ़ाई करने के लिए पाठशाला जाते हैं।
(ii) शाबाश ! सिद्धि तुम निबंध लेखन में अव्वल आई हो
(3)
संधि शब्द | संधि विच्छेद | भेद |
सज्जन | सत् + जन | व्यंजन संधि |
अथवा | ||
महात्मा | महा + आत्मा | स्वर संधि |
(4) बचपन के गीत सुनकर मैं यादों में जाग उठीं।
अथवा
बचपन के गीत सुनकर मेरी यादें जाग उठीं।
अथवा
मन मारना – इच्छा को दबाना
वाक्य : यश वैज्ञानिक बनना चाहता था, परंतु मन मारकर डॉक्टर बना।
(5) (i) पूर्ण भूतकाल
(ii) 1. पानी अब निर्मल नहीं होगा।
- उसने तुम्हें हमेशा बुरा-भला कहा है।
(6) (i) सरल वाक्य
(ii) क्या इस बात के लिए ये गाँव वाले ही जिम्मेदार नहीं हैं ?
विभाग 4 – रचना विभाग (उपयोजित लेखन) : 12 अंक
सूचना-आवश्यकतानुसार परिच्छेद में लेखन अपेक्षित है।
- सूचनाओं के अनुसार लिखिए।
(अ) (1) पत्र-लेखन :
निम्नलिखित जानकारी के आधार पर पत्र-लेखन कीजिए :
शरद/शारदा इंगले, तुकाई सदन, तिलक नगर, चालीसगाँव से व्यवस्थापक मनुश्री पुस्तक भंडार, महात्मा नगर, जलगाँव को हिंदी की निम्नलिखित पुस्तकें मँगवाने हेतु पत्र लिखता/लिखती है।
अ.क्र. | पुस्तकों के नाम | लेखक | प्रतियाँ |
1. | गोदान | प्रेमचंद | 4 |
2. | पानी के प्राचीर | रामदरश मिश्र | 6 |
3. | पिंजर | अमृता प्रीतम | 3 |
अथवा
प्रकाश/प्रगति सालुंखे, वर्तकनगर, जालना से अपने मित्र/सहेली गौरव/गौरवी चव्हाण, आह्लाद नगर, बीड को जन्मदिन की बधाई देने हेतु पत्र लिखता/लिखती है।
(2) कहानी-लेखन :
निम्नलिखित मुद्दों के आधार पर 60 से 70 शब्दों में कहानी लिखकर उसे उचित शीर्षक दीजिए तथा सीख लिखिए :
एक आलसी किसान – अमीर होने का सपना – साधु के पास जाना – गुप्त धन की जानकारी पूछना – साधु का कहना – गुप्त धन खेत में – किसान द्वारा रोज खेत को खोदना – धन न मिलना – किसान का निराश होना बरसात के दिनों में बीज डालना – अच्छी फसल – किसान के पास अच्छा धन – शीर्षक – सीख।
अथवा
गद्य-आकलन (प्रश्न निर्मित) :
निम्नलिखित गद्यांश पढ़कर ऐसे चार प्रश्न तैयार कीजिए जिनके उत्तर गद्यांश में एक-एक वाक्य में हों :
तविषा अपराध-बोध से भरी हुई थी। मांडवी दी से उसने अपना संशय बाँटा। चावल की टंकी में घुन हो रहे थे। उस सुबह उसने मारने के लिए डाबर की पारे की गोलियों की शीशी खोली थी चावलों में डालने के लिए। शीशी का ढक्कन मरोड़कर जैसे ही उसने ढक्कन खोलना चाहा, कुछ गोलियाँ छिटककर दूर जा गिरीं। गोलियाँ बटोर उसने टंकी में डाल दी थीं। फिर भी उसे शक है कि एकाध गोली ओने-कोने में छूट गई होगी।
(आ) निबंध-लेखन
निम्नलिखित विषयों में से किसी एक विषय पर 60 से 70 शब्दों में निबंध लिखिए :
- मैं पेड़ बोल रहा हूँ……………………………
- अनुशासन का महत्त्व।
उत्तर (अ)
(1) शरद / शरदा इंगले,
तुकाई सदन,
तिलक नगर,
चालीसगाँव- 400012
मार्च,
प्रति,
श्री व्यवस्थापक,
मनुश्री पुस्तक भंडार,
महात्मा नगर, जलगाँव- 440007
विषय: हिन्दी की पुस्तकें मँगवाने हेतु पत्र।
माननीय महोदय,
हमें अपने विद्यालय के पुस्तकालय के लिए निम्नलिखित पुस्तकों की आवश्यकता है। इस पत्र में दिए हुये पते पर निम्नलिखित पुस्तकों की अच्छी प्रतियाँ भेजने की कृपा करें।
अ.क्र. | पुस्तकों के नाम | लेखक | प्रतियाँ |
1. | गोदान | प्रेमचंद | 4 |
2. | पानी के प्राचीर | रामदरश मिश्र | 6 |
3. | पिंजर | अमृता प्रीतम | 3 |
पार्सल भेजते समय कृपया पार्किंग पर विशेष ध्यान दें। आशा है पुस्तकें जल्द ही भेजने तथा उस पर उचित छूट देने की कृपा करेंगे।
आप सभी पुस्तकें वी.पी.पी. से भेजने की कृपा करें।
धन्यवाद!
भवदीय
शरद / शरदा इंगले
अथवा
प्रकाश / प्रगति सालुंखे,
वर्तकनगर,
जालना- 431213
मार्च,
प्रिय सहेली गौरव / गौरवी,
सप्रेम नमस्कार ।
आशा है तुम्हारा परिवार और तुम स्वस्थ्य और सानंद होंगे। मुझे तुम्हारी बहुत याद आती है। पिछले दो साल से हम तुम्हारा जन्मदिन साथ नहीं मनाते। पहले हम तुम्हारे जन्मदिन पर खूब खरीदारी करते थे। अभी भी मुझे वो दिन याद है।
12 अप्रैल को तुम्हारा जन्मदिन है। तुम्हें ढेर सारी बधाई और प्यार। मेरी शुभकामना है कि तुम दिन दुनी रात चौगुनी तरक्की करते रहो।
मेरी मम्मी-पष्पा की तरफ से ढेर सारी शुभकामनाएँ। तुम और तुम्हारा जन्मदिन हमें हमेशा याद रहेगा। चाचाजी और चाचीजी को मेरा सादर प्रणाम। कुणाल को बहुत सारा प्यार। एक बार फिर तुम्हें जन्मदिन की ढेर सारी बधाई।
तुम्हारी मित्र / सहेली
प्रकाश / प्रगति
(2)
शीर्षक-मेहनत
एक किसान था। वह बहुत ही आलसी था। बिना मेहनत किये वह अमीर बनने का सपना देखता है। अमीर बनने के लिए वह एक दिन साधु के पास जाता है। उसने सपने में देखे गुप्तधन के बारे में साधु से जानकारी पूछता है। साधु बताता है कि गुप्तधन खेत में है। गुप्तधन मिलने की लालच में किसान रोज खेत में जाता है। रोज खेत को खोदता है। ऐसे रोज जाकर खेत खोदते-खोदते पुनः खेत खोद डालता है। परंतु उसे कहीं भी गुप्तधन नहीं मिलता। खेत में गुप्तधन न मिलने से किसान बहुत निराश होता है। थोड़े ही दिनों में बारिश आती है। बरसात के दिनों में किसान खेतों में खोदकर बीज डालते हैं, उसी प्रकार यह आलसी किसान भी अपने खेत में बीज डालता है। उसकी फसल इस बार बहुत अच्छी आती है। उसे इस साल खेती से बहुत सारा पैसा मिलता है। उसके पास अच्छा धन होता है। तब उसे पता चलता है कि साधु ने खेत में बताया गुप्तधन शायद यही है। तबसे वह हर साल बरसात के पहले अपने खेत को खोदता है, उसकी अच्छी मशागत करता है और अच्छा धन पाकर अमीर बन जाता है।
सीख-मेहनत करने से ही अपने हर सपने पूरे होते हैं। इसलिए मेहनत करो और अपने जीवन का ध्येय प्राप्त कर लो।
अथवा
(प्रश्न निर्मिति) :
(i) किसने अपना संशय मांडवी दी से बाँटा ?
(ii) किसमें घुन हो रहे थे?
(iii) चावलों में डालने के लिए किसकी गोलियों की शीशी खरीदी थी ?
(iv) तविषा को किस बात का शक है ?
MARCH 2020
HINDI (COMPOSITE)
1. (अ) निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए :
धीरे-धीरे गाँववाले को खोए हुए आदमी के कई गुणों के बारे में पता चलने लगा। वह पशु-पक्षियों से बातें करता प्रतीत होता। लगता था जैसे वह पशु-पक्षियों की भाषा जानता हो। यह आँधी, तूफान, चक्रवात आने, ओले पड़ने या टिड्डियों के हमले के बारे में गाँववालों को पहले ही आगाह कर देता। उसकी भविष्यवाणी के कारण गाँववाले मुसीबतों से बच जाते। जब एक बार गाँव में सूखे की स्थिति उत्पन्न हो गई तो खोए हुए आदमी ने आकाश की ओर देखकर न जाने किस भाषा में किस देवता से प्रार्थना की। कुछ ही समय बाद गाँव में मूसलाधार बारिश होने लगी। सूखी-प्यासी मिट्टी तृप्त हो गई। बच्चे-बड़े सभी इस झमाझम बारिश में भीगने का भरपूर आनंद लेने लगे। उस दिन से खोया हुआ आदमी गाँव में सबका चहेता हो गया।
(1) आकृति पूर्ण कीजिए :
खोए हुए आदमी के गुण
(i) …………………………………………
(ii) …………………………………………
(2) (i) गद्यांश में आए शब्द-युग्म ढूँढकर लिखिए :
(1) …………………………………………
(2) …………………………………………
(ii) निम्नलिखित शब्दों के लिए गद्यांश में आए हुए पर्यायवाची शब्द लिखिए :
(1) वर्षा -…………………………………………
(2) देहात -…………………………………………
(3) ‘वाणी की मधुरता’ विषय पर 25 से 30 शब्दों में अपने विचार लिखिए :
(आ) निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए :*
मैंने देखा, हरसिंगार नये पत्तों और टहनियों से लद गया है। जाड़े में खंखड़-सा हो जाता है और कभी-कभी डर लगता है कि यह सूख तो नहीं रहा है, लेकिन वसंत आते ही इसके भीतर सोई ऊर्जा जागने लगती है, प्राणरस छलकने लगता है और क्रमशः नई टहनियों तथा नये पत्तों के सौंदर्य से लद जाता है। मैं उसे देख रहा हूँ और लगता है, अब इसमें फूल आया, तब इसमें फूल आया। हाँ, यह हरसिंगार बहुत मस्त है। आषाढ़ में हलकी-हलकी हँसी उसमें फूटने लगती है, फिर शरद में तो कहना ही क्या ! तारों भरा आसमान बन जाता है। रात भर जगमग-जगमग करता रहता है और सुबह को अनंत फूलों के रूप में धरती पर बिछ जाता है। रात भर उसकी महक घर में टहलती रहती है।
(1) कृति पूर्ण कीजिए :
हरसिंगार में होने वाले बदलाव
वसंत ऋतु में …………………………………………
वर्षा ऋतु में…………………………………………
(2) (i) वचन परिवर्तन करके वाक्य फिर से लिखिए :
ऊर्जा जागने लगती है।
(ii) निम्नलिखित शब्दों के लिए गद्यांश में आए विलोम शब्द ढूँढ़कर लिखिए :
(1) पुरानी …………………………………………
(2) दिन …………………………………………
(3) ‘प्रकृति की रक्षा करना हमारा कर्तव्य’ विषय पर 25 से 30 शब्दों में अपने विचार लिखिए।
उत्तर (अ)
(1) (i) पशु-पक्षियों की भाषा जानने वाला
(ii) भविष्यवाणी करने वाला
(2) (i) (1) पशु-पक्षियों (2) सूखी-प्यासी
(ii) (1) वर्षा-बारिस (2) देहात-गाँव
(3) वाणी मनुष्य को ईंखर की अनुपम देन है। मनुष्य का भाषा पर विशेष अधिकार है। भाषा के कारण ही मनुष्य उन्नति कर सका है। हमारी वाणी में मधुरता का जितना अधिक अंश होगा हम उतने ही दूसरों के प्रिय बन सकते हैं। हमारी बोली में माधुर्य के साथ-साथ शिष्टता भी होनी चाहिए।
मधुर वाणी मनोनुकूल होती है जो कानों में पड़ने पर चित्त द्रवित हो उठता है। वाणी की मधुरता हुदय-द्वार खोलने की कुंजी है। एक ही बात को हम कटु शब्दों में कहते हैं और उसी को हम मधुर बना सकते हैं। हमारी वाणी ही हमारी शिक्षा-दीक्षा, कुल की परम्परा और मर्यादा का परिचय देती है। इसलिए हमें वार्तालाप करते समय व्यापारिक बातचीत और निजी बातचीत में थोड़ा अंतर रखना चाहिए। वाणी किसी भी स्थिति में कटु एवं अशिष्ट नहीं होनी चाहिए।
(आ) (1) Answer is not given due to the change in the reduced syllabus.
(2) Answer is not given due to the change in the reduced syllabus.
(3) Answer is not given due to the change in the reduced syllabus.
विभाग 2 – पद्य : 8 अंक
- (अ) निम्नलिखित पठित पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए :
कस्तूरी कुंडल बसै, मृग ढूँढ़ बन माहिं।
ऐसे घट में पीव है, दुनिया जानै नाहिं॥
जिन ढूँढ़ा तिन पाइयाँ, गहिरे पानी पैठ।
जो बौरा डूबन डरा, रहा किनारे बैठ॥
जो तोको काँटा बुवै, ताहि बोइ तू फूल।
तोहि फूल को फूल है, वाको है तिरसूल॥
(1) कृति पूर्ण कीजिए :
(2) पहली दो पंक्तियों का सरल अर्थ 25 से 30 शब्दों में अपने विचार लिखिए।
(आ) निम्नलिखित पठित पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए : *
यहाँ हर शख्स हर पल हादिसा होने से डरता है, खिलौना है जो मिट्टी का, फना होने से डरता है। मेरे दिल के किसी कोने में इक मासूम-सा बच्चा, बड़ों की देखकर दुनिया बड़ा होने से डरता है। न बस में जिंदगी इसके, न काबू मौत पर इसका, मगर इन्सान फिर भी कब खुदा होने से डरता है। अजब ये जिंदगी की कैद है, दुनिया का हर इन्साँ, रिहाई माँगता है और रिहा होने से डरता है।
(1) संजाल पूर्ण कीजिए :
(2) अंतिम चार पंक्तियों का सरल अर्थ 25 से 30 शब्दों में लिखिए।
उत्तर (अ)
(2) मृग की नाभि में कस्तूरी होती है पर वह जंगल में ढूँढते रहते हैं। उसी प्रकार ईश्वर सर्वत्र विद्यमान है परंतु हम उसे देख नहीं पाते हैं। कबीर जी कहते हैं मनुष्य के अंदर ही ईंश्वर वास होता है सिर्फ उसका एहसास होना चाहिए। हम ईश्वर को मंदिर में ढूँढ़ते हैं, परन्तु ईंशर सर्वव्याप्त है।
(आ) (1) Answer is not given due to the change in the reduced syllabus
(2) Answer is not given due to the change in the reduced syllabus
विभाग 3 – भाषा अध्ययन (व्याकरण) : 8 अंक
- सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए :
(1) मानक वर्तनी के अनुसार कृतियाँ कीजिए :
- विश्वास, विशवास, विसवास, विशवास-
- चिन्ह, चीन्ह, चिह्न, चिर्E-
(2) निम्नलिखित में से किसी एक अव्यय का अर्थपूर्ण वाक्य में प्रयोग कीजिए :
(i) के लिए (ii) शाबाश!
(3) कृति पूर्ण कीजिए :
संधि शब्द | संधि विच्छेद | भेद |
. | सत् + जन | . |
अथवा | ||
महात्मा | . |
(4) अधोरेखांकित वाक्यांश के लिए उचित मुहावरे का चयन करके वाक्य फिर से लिखिए :
( यादों में जाग उठना, नाक-भौं सिकोड़ना)
बचपन के गीत सुनकर मेरी यादें ताजा हो गईं।
अथवा
निम्नलिखित मुहावरे का अर्थ लिखकर उचित वाक्य में प्रयोग कीजिए :
मन मारना-
(5) कालभेद पहचानना तथा काल परिवर्तन करना :
(i) निम्नलिखित वाक्य का कालभेद पहचानिए :
कल क्या खाया था ?
(ii) निम्नलिखित वाक्यों में से किसी एक वाक्य का सूचना के अनुसार काल परिवर्तन कीजिए :
- पानी अब निर्मल नहीं रहा है। (सामान्य भविष्यकाल)
- वह तुम्हें हमेशा बुरा-भला कहती है। (पूर्ण वर्तमानकाल)
(6) वाक्य भेद तथा वाक्य परिवर्तन :
(i) निम्नलिखित वाक्य का रचना के आधार पर भेद पहचानकर लिखिए :
चंपा के पौधे लगा लिए हैं।
(ii) निम्नलिखित वाक्य का अर्थ के आधार पर दी गई सूचनानुसार परिवर्तन कीजिए :
इस बात के लिए ये गाँववाले ही जिम्मेदार हैं। (प्रश्नार्थक वाक्य)
उत्तर (1)
(i) विश्वास (ii) चिह्न
(2) (i) छात्र पढ़ाई करने के लिए पाठशाला जाते हैं।
(ii) शाबाश ! सिद्धि तुम निबंध लेखन में अव्वल आई हो
(3)
संधि शब्द | संधि विच्छेद | भेद |
सज्जन | सत् + जन | व्यंजन संधि |
अथवा | ||
महात्मा | महा + आत्मा | स्वर संधि |
(4) बचपन के गीत सुनकर मैं यादों में जाग उठीं।
अथवा
बचपन के गीत सुनकर मेरी यादें जाग उठीं।
अथवा
मन मारना – इच्छा को दबाना
वाक्य : यश वैज्ञानिक बनना चाहता था, परंतु मन मारकर डॉक्टर बना।
(5) (i) पूर्ण भूतकाल
(ii) 1. पानी अब निर्मल नहीं होगा।
- उसने तुम्हें हमेशा बुरा-भला कहा है।
(6) (i) सरल वाक्य
(ii) क्या इस बात के लिए ये गाँव वाले ही जिम्मेदार नहीं हैं ?
विभाग 4 – रचना विभाग (उपयोजित लेखन) : 12 अंक
सूचना-आवश्यकतानुसार परिच्छेद में लेखन अपेक्षित है।
- सूचनाओं के अनुसार लिखिए।
(अ) (1) पत्र-लेखन :
निम्नलिखित जानकारी के आधार पर पत्र-लेखन कीजिए :
शरद/शारदा इंगले, तुकाई सदन, तिलक नगर, चालीसगाँव से व्यवस्थापक मनुश्री पुस्तक भंडार, महात्मा नगर, जलगाँव को हिंदी की निम्नलिखित पुस्तकें मँगवाने हेतु पत्र लिखता/लिखती है।
अ.क्र. | पुस्तकों के नाम | लेखक | प्रतियाँ |
1. | गोदान | प्रेमचंद | 4 |
2. | पानी के प्राचीर | रामदरश मिश्र | 6 |
3. | पिंजर | अमृता प्रीतम | 3 |
अथवा
प्रकाश/प्रगति सालुंखे, वर्तकनगर, जालना से अपने मित्र/सहेली गौरव/गौरवी चव्हाण, आह्लाद नगर, बीड को जन्मदिन की बधाई देने हेतु पत्र लिखता/लिखती है।
(2) कहानी-लेखन :
निम्नलिखित मुद्दों के आधार पर 60 से 70 शब्दों में कहानी लिखकर उसे उचित शीर्षक दीजिए तथा सीख लिखिए :
एक आलसी किसान – अमीर होने का सपना – साधु के पास जाना – गुप्त धन की जानकारी पूछना – साधु का कहना – गुप्त धन खेत में – किसान द्वारा रोज खेत को खोदना – धन न मिलना – किसान का निराश होना बरसात के दिनों में बीज डालना – अच्छी फसल – किसान के पास अच्छा धन – शीर्षक – सीख।
अथवा
गद्य-आकलन (प्रश्न निर्मित) :
निम्नलिखित गद्यांश पढ़कर ऐसे चार प्रश्न तैयार कीजिए जिनके उत्तर गद्यांश में एक-एक वाक्य में हों :
तविषा अपराध-बोध से भरी हुई थी। मांडवी दी से उसने अपना संशय बाँटा। चावल की टंकी में घुन हो रहे थे। उस सुबह उसने मारने के लिए डाबर की पारे की गोलियों की शीशी खोली थी चावलों में डालने के लिए। शीशी का ढक्कन मरोड़कर जैसे ही उसने ढक्कन खोलना चाहा, कुछ गोलियाँ छिटककर दूर जा गिरीं। गोलियाँ बटोर उसने टंकी में डाल दी थीं। फिर भी उसे शक है कि एकाध गोली ओने-कोने में छूट गई होगी।
(आ) निबंध-लेखन
निम्नलिखित विषयों में से किसी एक विषय पर 60 से 70 शब्दों में निबंध लिखिए :
- मैं पेड़ बोल रहा हूँ……………………………
- अनुशासन का महत्त्व।
उत्तर (अ)
(1) शरद / शरदा इंगले,
तुकाई सदन,
तिलक नगर,
चालीसगाँव- 400012
मार्च,
प्रति,
श्री व्यवस्थापक,
मनुश्री पुस्तक भंडार,
महात्मा नगर, जलगाँव- 440007
विषय: हिन्दी की पुस्तकें मँगवाने हेतु पत्र।
माननीय महोदय,
हमें अपने विद्यालय के पुस्तकालय के लिए निम्नलिखित पुस्तकों की आवश्यकता है। इस पत्र में दिए हुये पते पर निम्नलिखित पुस्तकों की अच्छी प्रतियाँ भेजने की कृपा करें।
अ.क्र. | पुस्तकों के नाम | लेखक | प्रतियाँ |
1. | गोदान | प्रेमचंद | 4 |
2. | पानी के प्राचीर | रामदरश मिश्र | 6 |
3. | पिंजर | अमृता प्रीतम | 3 |
पार्सल भेजते समय कृपया पार्किंग पर विशेष ध्यान दें। आशा है पुस्तकें जल्द ही भेजने तथा उस पर उचित छूट देने की कृपा करेंगे।
आप सभी पुस्तकें वी.पी.पी. से भेजने की कृपा करें।
धन्यवाद!
भवदीय
शरद / शरदा इंगले
अथवा
प्रकाश / प्रगति सालुंखे,
वर्तकनगर,
जालना- 431213
मार्च,
प्रिय सहेली गौरव / गौरवी,
सप्रेम नमस्कार ।
आशा है तुम्हारा परिवार और तुम स्वस्थ्य और सानंद होंगे। मुझे तुम्हारी बहुत याद आती है। पिछले दो साल से हम तुम्हारा जन्मदिन साथ नहीं मनाते। पहले हम तुम्हारे जन्मदिन पर खूब खरीदारी करते थे। अभी भी मुझे वो दिन याद है।
12 अप्रैल को तुम्हारा जन्मदिन है। तुम्हें ढेर सारी बधाई और प्यार। मेरी शुभकामना है कि तुम दिन दुनी रात चौगुनी तरक्की करते रहो।
मेरी मम्मी-पष्पा की तरफ से ढेर सारी शुभकामनाएँ। तुम और तुम्हारा जन्मदिन हमें हमेशा याद रहेगा। चाचाजी और चाचीजी को मेरा सादर प्रणाम। कुणाल को बहुत सारा प्यार। एक बार फिर तुम्हें जन्मदिन की ढेर सारी बधाई।
तुम्हारी मित्र / सहेली
प्रकाश / प्रगति
(2)
शीर्षक-मेहनत
एक किसान था। वह बहुत ही आलसी था। बिना मेहनत किये वह अमीर बनने का सपना देखता है। अमीर बनने के लिए वह एक दिन साधु के पास जाता है। उसने सपने में देखे गुप्तधन के बारे में साधु से जानकारी पूछता है। साधु बताता है कि गुप्तधन खेत में है। गुप्तधन मिलने की लालच में किसान रोज खेत में जाता है। रोज खेत को खोदता है। ऐसे रोज जाकर खेत खोदते-खोदते पुनः खेत खोद डालता है। परंतु उसे कहीं भी गुप्तधन नहीं मिलता। खेत में गुप्तधन न मिलने से किसान बहुत निराश होता है। थोड़े ही दिनों में बारिश आती है। बरसात के दिनों में किसान खेतों में खोदकर बीज डालते हैं, उसी प्रकार यह आलसी किसान भी अपने खेत में बीज डालता है। उसकी फसल इस बार बहुत अच्छी आती है। उसे इस साल खेती से बहुत सारा पैसा मिलता है। उसके पास अच्छा धन होता है। तब उसे पता चलता है कि साधु ने खेत में बताया गुप्तधन शायद यही है। तबसे वह हर साल बरसात के पहले अपने खेत को खोदता है, उसकी अच्छी मशागत करता है और अच्छा धन पाकर अमीर बन जाता है।
सीख-मेहनत करने से ही अपने हर सपने पूरे होते हैं। इसलिए मेहनत करो और अपने जीवन का ध्येय प्राप्त कर लो।
अथवा
(प्रश्न निर्मिति) :
(i) किसने अपना संशय मांडवी दी से बाँटा ?
(ii) किसमें घुन हो रहे थे?
(iii) चावलों में डालने के लिए किसकी गोलियों की शीशी खरीदी थी ?
(iv) तविषा को किस बात का शक है ?