MARCH 2023
HINDI (COMPOSITE)
विभाग 1-गद्य : 12 अंक
- (अ) निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गईं सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए :
पहले बड़ी फिर छोटी, फिर उनसे छोटी के क्रम से बालिकाएँ मेरे संरक्षण में आ गईं। उन्हें देखने प्राय: उनकी दादी और कभी-कभी दादा भी प्रयाग आते रहे। तभी राजेन्द्र बाबू की सहधर्मिणी के निकट संपर्क में आने का अवसर मिला। वे सच्चे अर्थ में धरती की पुत्री थी। वे साध्वी, सरल, क्षमामयी, सबके प्रति ममतालु और असंख्य संबंधों की सूत्रधारिण्णी थीं। ससुराल में उन्होंने बालिकावधू के रूप में पदार्पण किया था। संभ्रांत जर्मींदार परिवार की परम्परा के अनुसार उन्हें घंटों सिर नीचा करके एकासन बैठना पड़ता था। परिणामतः उनकी रीढ़ की हड्डी इस प्रकार झुक गई कि युवती होकर भी वे सीधी खड़ी नहीं हो पाती थीं।
बालिकाओं के संबंध में राजेन्द्र बाबू का स्पष्ट निर्देश था कि वे सामान्य बालिकाओं के समान बहुत सादगी और संयम से रहें। वे खादी के कपड़े पहनतीं थीं, जिन्हें वे स्वयं ही धो लेतीं थी। उनके साबुन-तेल आदि का व्यय भी सीमित था। कमरे की सफाई, झाड़-पोंछ, गुरुजनों की सेवा आदि भी उनके अध्ययन के आवश्यक अंग थे।
(1) संजाल पूर्ण कीजिए :
(2) (i) निम्नलिखित शब्दों के लिंग पहचानकर लिखिए :
(1) बालक ……………………..
(2) धरती ……………………..
(ii) कृति पूर्ण कीजिए :
(3) “सादा जीवन उच्च विचार” विषय पर 25 से 30 शब्दों में अपने विचार लिखिए।
(आ) निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गईं सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए :
आदमी: महाराज की जय हो, महाराज आज-कल हवा में खुशबू नहीं होती। यह हर समय हमारे यहाँ बदबू फैलाती है। इसकी बदबू के कारण रहना मुश्किल हो गया है।
हवा: महाराज, यह आरोप झूठा है। बदबू के कारण तो मेरा जीना कठिन हो गया हैं। अपने-आपमें मेरे पास न तो खुशबू है न बदबू। पहले ऐसा नहीं होता था। आज-कल ये लोग मेरे पशु-पक्षियों को यहाँ-वहाँ डाल देते हैं। उनके कारण में बदबूवाली हो जाती हूँ। इनके कारखानों से निकली गंदगी और गैसें मुझमें घुल जार्ती हैं और यह बदबू दूर तक फैलती रहती है। मुझे याद है कि एक बार भोपाल के एक कारखाने से निकली जहरीली गैस मुझपर सवार होकर दूर-दूर तक फैल गई थी और कितने ही लोग रात में सोए हुए ही मौत के मुँह में चले गए थे। इन लोगों से कहिए कि ये गंदगी के ढेर न लगाएँ, सफाई रखें। कचरे से कंपोस्ट खाद बनाएँ।
(1) कारण लिखिए:
हवा बदबूवाली होती है-
(i) ……………………..
(ii) ……………………..
(2) (i) उपर्युक्त गद्यांश से अँग्रेजी शब्द ढूँढ़कर लिखिए :
(1) ……………………..
(2) ……………………..
(ii) गद्यांश से विलोम शब्द की जोड़ी ढूँढ़कर लिखिए:
(1) ……………………..x ……………………..
(3) ‘बढ़ते हुए प्रदूषण को रोकने के उपाय’ विषय पर 25 से 30 शब्दों में अपने विचार लिखिए।
उत्तर (अ) (1)
(2) (i) (1) बालक-पुल्लिंग, (2) धरती-स्त्रीलिंग
(ii)
(3) सादा जीवन यानी सादगी से भरा जीवन। सादे जीवन में सौंदर्य होता है।
हमें सादा जीवन और उच्च विचार जीना चाहिए लेकिन साथ ही हमारी सोच भी सीमित नहीं होनी चाहिए। यह तथ्य सही है कि जीवन का सच्चा लाभ आराम से जीवन बिताने में नहीं, बल्कि महान बनने में है। जीवन में सादगी लाना बहुत ही बड़ा महान गुण है। इसे स्वीकार करने से व्यक्ति तुच्छ विचार अपने हद्य से दूर कर देता है। हमें अपनी जिन्दगी के साथ-साथ हमारे आसपास के सकारात्मक बदलावों के बारे में भी सोचना चाहिए। इसलिए व्यक्ति को सादा जीवन व इस उच्च विचार को अपने जीवन में उतारना चाहिए।
(आ) (1) (i) आज-कल लोग मरे हुए पशु-पक्षियों को यहाँ-वहाँ डाल देते हैं।
(ii) कारखानों से निकली गंदगी और गैसें मुझमें घुल जाती हैं।
(2) (i) (1) गैस (2) कंपोस्ट
(ii) (1) यहाँ : वहाँ
(3) हमें प्लास्टिक की चीजों के इस्तेमाल से परहेज करना होगा। कूड़े-कचरे को इधर-उधर नहीं फेंकना होगा। वर्षा के जल का संचय करते हुए भूमिगत जल को संरक्षित करने का प्रयास करना होगा। पेट्रोल, डीजल, बिजली के अलावा हमें ऊर्जा के अन्य स्रोतों से भी ऊर्जा के विकल्प ढूँढने होंगे। अपनी कार में आपके द्वारा की जाने वाली यात्राओं की संख्या कम करें। चिमनी और लकड़ी के चूल्हें का उपयोग कम करें या समाप्त करें। जलने वाली पत्तियों, कचरा और अन्य सामग्रियों से बचें।
विभाग 2-पद्य : 8 अंक
- (अ) निम्नलिखित पठित पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए :
निर्मल तेरा नीर अमृत के सम उत्तम है,
शीतल-मंद-सुगंध पवन हर लेता श्रम है।
षड्ततुओं का विविध दृश्ययुत अद्भुत क्रम है,
हरियाली का फर्श नहीं मखमल से कम है।
शुचि सुधा सींचता रात में, तुझपर चंद्र प्रकाश है।
हे मातृभूमि! दिन में तरणि, करता तम का नाश है॥
(1) उचित जोड़ियाँ लगाइए :
‘अ’ | उत्तर | ‘ब’ |
(i) निर्मल | ……………………… | दृश्य |
(ii) शीतल | ……………………… | मखमल |
(iii) षड्ऋतु | ……………………… | पवन |
(iv) हरियाली | ………………………. | नीर |
(2) प्रथम चार पंक्तियों का सरल अर्थ 25 से 30 शब्दों में लिखिए।
(आ) निम्नलिखित पठित पद्यांश पढ़कर दी गईं सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए :
जाको राखै साइयाँ, मारि न सक्कै कोय।
बाल न बाँका करि सकै, जो जग बैरी होय॥
नैनों अंतर आव तूँ, नैन झाँपि तोहिं लेवँ।
ना मैं देखों और को, ना तोहि देखन देवैँ॥
लाली मेरे लाल की, जित देखों तित लाल।
लाली देखन में गई, मैं भी हो गई लाल॥
(1) कारण लिखिए:
कवि प्रभु को आँखों में बंद करना चाहते हैं।
(i) …………………….. (ii) ……………………..
(2) अंतिम दो पंक्तियों का सरल अर्थ 25 से 30 शब्दों में लिखिए।
उत्तरः (अ) (1)
‘अ’ | उत्तर | ‘ब’ |
(i) निर्मल | नीर | दृश्य |
(ii) शीतल | पवन | मखमल |
(iii) षड्त्रतु | दृश्य | पवन |
(iv) हरियाली | मखमल | नीर |
(2) प्रस्तुत पंक्तियाँ मैथिलीशरण गुप्त द्वारा रचित कविता मातृभूमि से ली गई हैं। मातृभूमि तुम्हारा शुद्ध जल अमृत के समान उत्तम है। जब शीतल जल अमृत के समान उत्तम है। जब शीतल, मंद और सुगंधित समीर चलता है, तो वह दिन भर किए गये परिश्रम के तनाव को हर लेता है। हमारे देश में छः ऋतुयें क्रम से आती हैं और प्रकृति के विभिन्न दृश्य प्रस्तुत करतीं हैं। गरमी का ताप, उसके बाद वर्षा की फुहारें शरद की स्वच्छता-हेमत, फिर शिशिर की सर्दी और उसके बाद आता है ऋतुराज बसंत। यहाँ कि भूमि ऐसी हरी-भरी है कि देखकर लगता है कि मानों हरे मखमल के फर्श बिछे हुए हैं।
(आ) (1)
(i) ना तो मैं किसी अन्य को देखूँ
(ii) नाही तुमको देखने दूँगी।
(2) कबीरदास जी यहाँ अपने ईश्वर के ज्ञान प्रकाश का जिक्र करते हैं। वह कहते हैं कि यह सारी भक्ति यह सारा संसार, यह सारा ज्ञान मेरे ईश्वर का ही है। मेरे लाल का ही है; जिसकी मैं पूजा करता हूँ और जिधर भी देखता हूँ उधर मेरे लाल ही लाल नजर आते हैं। स्वयं मुझमें भी मेरे प्रभु का वास नजर आता है।
विभाग 3-भाषा अध्ययन (व्याकरण) : 8 अंक
- सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए :
(1) मानक वर्तनी के अनुसार सही शब्द छाँटकर लिखिए :
(i) इकट्ठा, इकठटा, इकठ्टा, इक्कट्ठा ……………………..
(ii) बुद्धी, बुध्दी, बुदधि, बूद्धि ……………………..
(2) निम्नलिखित में से किसी एक अव्यय का अर्थपूर्ण वाक्य में प्रयोग कीजिए :
(i) वहाँ (ii) ओह !
(3) कृति पूर्ण कीजिए :
संधि शब्द | संधि-विच्छेद | संधि भेद |
दुर्लभ | ………………………. | ……………………….. |
अथवा | ||
सदा + एव | ………………………. |
(4) अधोरेखांकित वाक्यांश के लिए उचित मुहावरे का चयन करके वाक्य फिर से लिखिए :
(अंक में भरना, खाली हाथ लौटना)
समीर ने मुझे देखते ही गले लगा लिया।
अथवा
निम्नलिखित मुहावरे का अर्थ लिखकर उचित वाक्य में प्रयोग कीजिए :
(i) तंग करना
(5) कालभेद पहचानना तथा काल परिवर्तन करना।
(i) निम्नलिखित वाक्य का कालभेद पहचानिए :
बचपन में मेंने परिजनों की, बुजुर्गों की सेवा की।
(ii) निम्नलिखित वाक्यों में से किसी एक वाक्य का सूचना के अनुसार काल परिवर्तन कीजिए :
(1) मुझे देखते ही चाय हाजिर करता है। (पूर्ण वर्तमानकाल)
(2) मुझे अभिवादन का ध्यान आता है। (सामान्य भूतकाल)
(6) वाक्य भेद तथा वाक्य परिवर्तन :
(i) निम्नलिखित वाक्य का रचना के आधार पर भेद पहचानकर लिखिए :
यदि भगवान ने चाहा तो सेठानी सात दिन में ठीक हो जाएगी।
(ii) निम्नलिखित वाक्य का अर्थ के आधार पर दी गई सूचनानुसार परिवर्तन कीजिए :
ताज़गी महसूस होती है। (निषेधार्थक)
(1) मोबाइल शाप या वरदान
(2) यदि मैं पंछी होता. ……………………..
उत्तर (अ)
(1) पत्र-लेखन :
सुंदर नगर,
जत
दिनांक
प्रति,
नगर विकास अधिकारी,
नगर परिषद्,
जत
विषय-बच्चों को खेलने के लिए बगीचा बनवाने हेतु।
महोदय,
मैं अजय सिन्हा सुंदर नगर जत का निवासी, आपका ध्यान अपने क्षेत्र में एक भी बगीचा नहीं होने की ओर आकर्षित करना चाहूँगा। महोदय, आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि हमारे क्षेत्र में बच्चों को खेलने के लिए एक भी बगीचा नहीं है। जिसमें जाकर वे खेल सकें, झूला झूल सकें, हरी घास पर चल सकें। बगीचे के अभाव में बच्चों को रोड पर खेलना पड़ता है, जिससे दुर्घटना होने की संभावना बनी रहती है। माता-पिता हर समय बच्चों को खेलने भेजने से डरते हैं। अत: आपसे विनम्र अनुरोध है, कि सुंदर नगर जत इलाके में बच्चों के खेलने के लिए शीघ्र एक बगीचा बनवाने का कष्ट करें। वे सब आपकी ओर से इसके लिए प्रतिक्षारत हैं।
धन्यवाद !
अजय सिन्हा,
निवासी
सुंदर नगर, जत
अथवा
दिनांक 08/03/20xx
प्रिय सहेली,
फरहाना शेख
सस्नेह नमस्कार।
हम सब यहाँ सकुशल से हैं और सबकी कुशलता के लिए प्रार्थना करते हैं, आगे समाचार यह है कि तुम्हें जानकर खुशी होगी कि अगले महीने की 24 तारीख को मेरी बहन की शादी है। शादी के कार्यक्रम का कार्ड आपको अलग से भेज रही हूँ। आप सपरिवार शादी में शामिल होने के लिए आमंत्रित हैं। आप सब शादी में एक सप्ताह पहले उपस्थित हों जिससे सभी आयोजन देख पायें। हम सबको आपके आने से अत्यधिक खुशी होगी। बहन की शादी में आपको और आपके परिवार को जरूर आना है।
सब को यथायोग्य आदर सत्कार और नमस्कार।
तुम्हारी सहेली, सायली जगताप
(2) विज्ञापन (खेल प्रतियोगिता)
उतर
1. (i) इकट्ठा (ii) बुद्धि
(2) (i) वहाँ-हम सब वहाँ जा रहे हैं।
(ii) ओह!—ओह! कितनी प्यारी जगह है।
(3)
संधि शब्द | संधि-विच्छेद | संधि भेद |
दुर्लभ | दु लभ | विसर्ग संधि |
अथवा | ||
सदैव | सदा + एव | वृद्धि संधि |
(4) समीर ने मुझे देखते ही अंक में भर लिया।
अथवा
तंग करना-सताना/कष्ट पहुँचाना
वाक्य प्रयोग-उसने हमें बहुत तंग करना शुरू कर दिया था।
(5) (i) पूर्ण भूतकाल काल।
(ii) (1) मुझे देखते ही चाय हाजिर किया है। (2) मुझे अभिवादन का ध्यान आया।
(6) (i) संभाव्य भविष्य काल
(ii) ताजगी महसूस नहीं होती है।
विभाग 4 -रचना विभाग (उपयोजित लेखन) : 12 अंक
सूचना-आवश्यकतानुसार परिच्छेद में लेखन अपेक्षित है।
- सूचनाओं के अनुसार लिखिए :
(अ) (1) पत्रलेखन :
निम्नलिखित जानकारी के आधार पर पत्रलेखन कीजिए :
अजय सिन्हा/अंजना सिन्हा, सुंदर नगर, जत से नगर विकास अधिकारी, नगर परिषद्, जत को बच्चों को खेलने के लिए बगीचा बनवाने हेतु पत्र लिखता/लिखती है।
अथवा
चेतना सोनवणे/चेतन सोनवणे, आझाद नगर, चिखली से अपनी सहेली/मित्र फरहाना शेख/फरहान शेख, तिलक नगर, रायपुर को बहन की शादी में आमंत्रित करने के लिए पत्र लिखती/लिखता है।
(2) विज्ञापन :
निम्नलिखित जानकारी के आधार पर 50 से 60 शब्दों में विज्ञापन तैयार कीजिए:
अथवा
गद्य आकलन – प्रश्न निर्मिति :
निम्नलिखित गद्यांश पढ़कर ऐसे चार प्रश्न तैयार कीजिए जिनके उत्तर गद्यांश में एक-एक वाक्य में हों-
पिताजी ने धोती ऊपर कर ली, कुरते की बाँहें चढ़ ली और अपना पहाड़ी मोटा डंडा दाहिने हाथ से कंधे पर सँभाले, बायाँ हाथ तेजी से हिलाते, नंगे पाँव आगे बढ़े। उन्होंने उनके पास जाकर कहा, “में लड़ने नहीं आया हूँ। लड़ने को आता तो अपने साथ औरों को भी लाता। डंडा केवल आत्मरक्षा के लिए साथ है, कोई अकेला मुझे चुनौती देगा तो पीछे नहीं हटूँगा। मर्द की लड़ाई बराबर की लड़ाई है, चार ने मिलकर एक को पीट दिया तो क्या बहादुरी दिखाई।
(आ) निबन्ध लेखन :
निम्नलिखित विषयों में से किसी एक विषय पर 60 से 70 शब्दों में निबंध लिखिए :
(1) मोबाइल शाप या वरदान
(2) यदि मैं पंछी होता ……………………..
उत्तर (अ)
(1) पत्र-लेखन :
सुंदर नगर,
जत
दिनांक – 8/03/20xx
प्रति,
नगर विकास अधिकारी,
नगर परिषद्,
जत
विषय-बच्चों को खेलने के लिए बगीचा बनवाने हेतु।
महोदय,
मैं अजय सिन्हा सुंदर नगर जत का निवासी, आपका ध्यान अपने क्षेत्र में एक भी बगीचा नहीं होने की ओर आकर्षित करना चाहूँगा। महोदय, आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि हमारे क्षेत्र में बच्चों को खेलने के लिए एक भी बगीचा नहीं है। जिसमें जाकर वे खेल सकें, झूला झूल सकें, हरी घास पर चल सकें। बगीचे के अभाव में बच्चों को रोड पर खेलना पड़ता है, जिससे दुर्घटना होने की संभावना बनी रहती है। माता-पिता हर समय बच्चों को खेलने भेजने से डरते हैं। अतः आपसे विनम्र अनुरोध है, कि सुंदर नगर जत इलाके में बच्चों के खेलने के लिए शीघ्र एक बगीचा बनवाने का कष्ट करें। वे सब आपकी ओर से इसके लिए प्रतिक्षारत हैं।
धन्यवाद !
अजय सिन्हा,
निवासी
सुंदर नगर, जत
अथवा
दिनांक 08/03/20xx
प्रिय सहेली,
फरहाना शेख
सस्नेह नमस्कार।
हम सब यहाँ सकुशल से हैं और सबकी कुशलता के लिए प्रार्थना करते हैं, आगे समाचार यह है कि तुम्हें जानकर खुशी होगी कि अगले महीने की 24 तारीख को मेरी बहन की शादी है। शादी के कार्यक्रम का कार्ड आपको अलग से भेज रही हूँ। आप सपरिवार शादी में शामिल होने के लिए आमंत्रित हैं। आप सब शादी में एक सप्ताह पहले उपस्थित हों जिससे सभी आयोजन देख पायें। हम सबको आपके आने से अत्यधिक खुशी होगी। बहन की शादी में आपको और आपके परिवार को जरूर आना है।
सब को यथायोग्य आदर सत्कार और नमस्कार।
तुम्हारी सहेली,
सायली जगताप
(2) विज्ञापन (खेल प्रतियोगिता)
अथवा
(1) पिताजी ने क्या ऊपर कर ली ?
(2) नंगे पाँव कैसे आगे बढ़े?
(3) उन्होंने उनके पास जाकर क्या कहाँ?
(4) डंडा किस लिए साथ है ?
(आ) (1)
मोबाइल शाप या वरदान
मोबाइल हमारे जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है। इसके बहुत सारे फायदे हैं। मोबाइल से हम दुनियां के अधिकांश लोगों से संपर्क जल्द से जल्द कर सकते हैं। घर बैठे मोबाइल से विभिन्न चीजों की खरीदारी, बिल भरना, व ऑफिस का काम किया जा सकता है। मोबाइल हमारा मनोरंजन करता है, इसमें हम गीत सुन सकते हैं, समाचार पढ़ सकते हैं, गेम खेल सकते हैं। ‘वीडियो कॉल’ की सुविधा से मित्रों से बीतचीत कर सकते हैं।
लेकिन मोबाइल की कुछ हानियां भी हैं। मोबाइल का अधिक उपयोग करने से आंखों, कांनों को नुकसान पहुंच सकता है। मोबाइल में व्यस्त रहने से हम अपनी पढ़ाई और काम पर ध्यान नहीं देते। कुछ लोग मोबाइल से झूठी खबरें फैलाते हैं। अश्लील तस्वीरें, एमएमएस लोगों को भेजकर उन्हें पेरशान करते हैं।
मोबाइल के लाभ और हानियां दोनों हैं। इसका शाप या वरदान की तरह उपयोग करना है, यह आप पर निर्भर करता है।
(2) यदि मैं पंछी होता…….
यदि मैं पक्षी होता तो खुले आकाश में विचरण करता, भूमंडल में विचरण करता, इच्छानुसार भोजन करता और वृक्षों की शाखाएं मेरी शय्या होतीं। मेरा जीवन स्वतंत्र और स्वच्छंद होता। मानव देश-विदेश के भ्रमण के लिए तरसता है। पासपोर्ट बनवाने के लिए और वीजा के लिए रात-दिन एक कर देता है फिर भी वह भ्रमण का पूरा आनंद नहीं ले पाता है और न ही वह संसार की विविधता को पूरी तरह से देख पाता है। यदि मैं पक्षी होता तो मैं देश की सीमाओं से न बंधा होता। बिना किसी पासपोर्ट और वीजा के ही मैं दुनिया घूमता।