Chapter 15 समाचार : जन से जनहित तक
Textbook Questions and Answers
पाठ पर आधारित
प्रश्न 1.
टेलीविजन के लिए समाचार वाचन की विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर :
टेलीविजन के लिए समाचार वाचन की विशेषताएँ : टेलीविजन दृश्य मिडिया है। समाचार वाचक के लिए टेलीप्राम्प्टर की सुविधा होती है। इसीलिए हमें ऐसा आभास होता है कि समाचार वाचक हमसे बातचीत कर रहा है। समाचार को प्रस्तुति में प्रोड्यूसर, इंजीनियर, कैमरामैन, फ्लोर मैनेजर, वीडियो संपादक, ग्राफिक आर्टिस्ट, मेकअप आर्टिस्ट आदि टीम की तरह मिलकर काम करते हैं।
समाचार वाचक समाचार वाचन करते समय ऐंकर की भूमिका भी निभाता है, किसी का साक्षात्कार भी लेता है, चैनल की परिचर्चा में सवाल भी करता है। इसके बीच में वह तत्काल घटी घटनाओं को ‘बेक्रींग न्यूज’ के रूप में शामिल कर लेता है।
समाचार वाचन में समाचार वाचक के प्रभावशाली व्यक्तित्व के साथ-साथ सुयोग्य आवाज, उच्चारण की शुद्धता, भाषा का ज्ञान, शब्दों का उतार-चढ़ाव एवं भाषा का प्रवाहमयी होना भी जरूरी है। राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री आदि के पद की गरिमा का ध्यान रखना भी जरूरी होता है। ऐसी कोई बात न पढ़ी जाए जो किसी धर्म, जाति या वर्ग की भावना को चोट पहुँचाए।
समाचार वाचन राष्ट्रहित, एकता और अखंडता को ध्यान में रखकर होना चाहिए।
प्रश्न 2.
रेडियो और टेलीविजन के लिए समाचार प्राप्त करने के साधन लिखिए।
उत्तर :
रेडियो और टेलीविजन के लिए समाचार प्राप्त करने के साधन : समाचार एजेंसियाँ, संवाददाता, प्रेस विज्ञप्तियाँ, भेंटवार्ताएँ, साक्षात्कार, क्षेत्रीय जनसंपर्क अधिकारी, राजनीतिक पार्टियों के प्रवक्ता, मोबाइल पर रिकॉर्ड की गई जानकारी आदि साधनों द्वारा समाचार प्राप्त होते हैं।
सारे विश्व में समाचारों का संकलन और प्रेषित करने का काम मुख्यत: समाचार एजेंसियाँ करती हैं। समाचार एजेंसियाँ के क्षेत्रीय ब्यूरो समाचार को टेलीप्रिंटर द्वारा कार्यालय तक पहुंचाते हैं। उन्हें पुनर्संपादित कर समाचार रेडियो और टेलीविजन कक्ष में टेलीप्रिंटर द्वारा भेजते हैं।
भारत में मुख्यत: विदेशी और भारतीय समाचार एजेंसियों में रायटर, प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (पी.टी.आई), यूनाइटेड न्यूज ऑफ इंडिया (यू.एन.आई), यूनिवार्ता एजेंसियाँ समाचार उपलब्ध कराती हैं। केंद्र सरकार की खबरें, पत्र, सूचना कार्यालय द्वारा और राज्य सरकार की खबरों की सूचनाएँ जन संपर्क विभाग की प्रेस विज्ञप्तियों से मिलती हैं।
इनके अलावा सार्वजनिक प्रतिष्ठान, शोध और निजी संस्थानों के जनसंपर्क अधिकारी और प्रेस के संवाददाता भी समाचार उपलब्ध कराते हैं।
प्रश्न 3.
समाचार के महत्त्वपूर्ण पक्ष स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
समाचार के महत्त्वपूर्ण पक्ष : समाचार की भाषा सरल और सहज होनी चाहिए। समाचार के वाक्य छोटे-छोटे हों। प्रदेश और क्षेत्र की भाषा की गरिमा के अनुकूल वाक्य हों। समाचार में ऐसी बात न हो जिससे धर्म, जाति या वर्ग की भावना को चोट पहुँचे। समाचार की प्रस्तुति राष्ट्रहित, एकता और अखंडता को ध्यान में रखकर होनी चाहिए।
समाचार के क्षेत्र में जनहित एक मशाल है और पत्रकार उसकी किरण जिसके सहारे राष्ट्रीय एकता, अखंडता, सद्भाव और भाइचारे को प्रकाशमान करना चाहिए। समाचार का दायरा बहुत बड़ा है। राजनीतिक, संसद, खेल, विकास, व्यापार, विज्ञान, कृषि, रोजगार, स्वास्थ्य आदि से संबंधित समाचार प्रस्तुत होते हैं। राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री आदि के पदों की गरिमा को ध्यान में रखकर ही समाचार प्रस्तुत करने चाहिए।
व्यावहारिक प्रयोग
निम्नलिखित विषयों पर आकाशवाणी/दूरदर्शन/समाचारपत्र के लिए समाचार लेखन कीजिए।
प्रश्न 1.
अकाल से उपजी गंभीर स्थितियाँ।
उत्तर :
बिहार में अकाल की छाया :
सूखने लगे है जलाशय, बारिश नहीं होने से स्थिति गंभीर होती जा रही है। राज्य के 23 जलाशयों में से 10 तो पूरी तरह से सूख गए हैं। 15 जलाशयों में पिछले वर्ष से भी कम पानी बचा है और उनमें से दो जलाशयों में तो 11 से 12 फिसदी ही पानी बचा है। केवल दो जलाशय ऐसे हैं जिनमें 50 फिसदी पानी बचा है।
जलाशयों के सूखने का सबसे प्रतिकूल प्रभाव नहरों पर पड़ा है। दूर के खेतों की कौन कहे, नजदीक के खेतों तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है। यदि शीघ्र बारिश नहीं हुई तो स्थिति और भी गंभीर हो सकती है। सिंचाई के लिए पानी लगातार कम पड़ रहा है। निकट भविष्य में पेय जल की भी समस्या होने की संभावना को झुठला नहीं सकते।
जालकुंड, अमृति, श्रीखंडी, कैलाशघाटी, कोहिरा, फुलवरिया, पुरैनी, ताराकोल जलाशय सूख गए हैं। सिर्फ चंदन, औढ़नी, बदुआ जलाशयों में पानी शेष है। इसकी वजह से मुंगेर, लखीसराय, जमुई नवादा, औरंगाबाद में स्थिति अधिक खराब देखी गई हैं।
प्रश्न 2.
विश्वभर में बढ़ती हुई खादी की माँग।
उत्तर :
खादी बिक्री में जबरदस्त उछाल :
खादी फॉर नेशन और खादी फॉर फॅशन के बाद खादी फॉर ट्रांसफॉर्मेशन बन रहा है। 13 फरवरी 2019 को खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड ने अमेजॉन इंडिया के साथ एक समझौता ज्ञापन कर हस्ताक्षर किए। इसके तहत अमेजॉन इंडिया ग्रामीण खादी बुनकरों के उत्पाद देश-विदेश में उपलब्ध कराएगी।
पिछले कुछ वर्षों में ग्राहकों के बीच खादी की बढ़ती माँग की एक लहर सी देखी गई है। अमेजॉन इंडिया के कारण खादी की डिजिटल यात्रा आरंभ हो गई है। फाइन खादी अब तेजी से अमीरों का परिधान बन रही है। खादी वस्त्रों की एक विशेषता है कि ये शरीर को गर्मी में ठंडा और सर्दी में गरम रखते हैं।
भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए महात्मा गांधी जी ने खादी का आरंभ किया। वही खादी आज भारत के साथ-साथ विदेशों में भी अपनी पैठ बना रही है। खादी का रिश्ता हमारे इतिहास और परंपरा से है जो आज विदेशों में भारत की पहचान बनाने के लिए उभर आया है।
समाचार लेखन के सोपान
- समग्र तथ्यों को एकत्रित करना।
- समाचार लेखन का प्रारूप तैयार करना।
- दिनांक, स्थान तथा वृत्तसंस्था का उल्लेख करना।
- परिच्छेदों का निर्धारण करते हुए समाचार लेखन करना।
- शीर्षक तैयार करना।
समाचार लेखन के लिए आवश्यक गुण
- लेखन कौशल
- भाषाई ज्ञान
- मानक वर्तनी
- व्याकरण
समाचार लेखन के मुख्य अंग
- शीर्षक – शीर्षक में समाचार का मूलभाव होना चाहिए। शीर्षक छोटा और आकर्षक होना चाहिए।
- आमुख – समाचार के मुख्य तत्त्वों को सरल, स्पष्ट रूप से लिखा जाए। घटना के संदर्भ में कब, कहाँ, कैसे, कौन, क्यों आदि जानकारी हो।
समाचार के कुछ विषय
प्रश्न 1.
अपने कनिष्ठ महाविद्यालय में मनाए गए विज्ञान दिवस’ का समाचार लेखन कीजिए।
उत्तर :
28 फरवरी, 2019 को अगस्ती कनिष्ठ महाविद्यालय में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर विद्यार्थियों ने प्रा. वाकडे और प्रा. शर्माजी के मार्गदर्शन से विज्ञान और गणित के मॉडलों की, एक प्रदर्शनी भी लगाई थी। इनमें प्रकाश का परावर्तन, कंकाल तंत्र, मानव शरीर के आंतरिक भाग, सूर्यग्रहण, चंद्रगहण आदि के मॉडेल सबकी प्रशंसा के पात्र बने।
प्रदर्शनी का उद्घाटन श्री.शेटे जी के करकमलों से हुआ। उन्होंने प्रदर्शनी का अवलोकन किया और विद्यार्थियों की सराहना की। इस अवसर पर चित्रकला और निबंध लेखन प्रतियोगिताएँ भी आयोजित की गई थी। विजेता विद्यार्थियों को श्री. शेटे जी के हाथों पुरस्कृत किया गया।
उन्होंने अपने भाषण में विज्ञान के निरंतर उन्नति के लिए विद्यार्थियों का आह्वान किया और विज्ञान के विकास द्वारा लोगों के जीवन को खुशहाल बनाने का संदेश दिया। धन्यवाद यापन के बाद राष्ट्रगान के साथ समारोह का समापन हुआ।
प्रश्न 2.
‘शिक्षा के क्षेत्र में ई-तकनीक का प्रयोग’ का समाचार लेखन कीजिए।
उत्तर :
इक्कीसवीं सदी में ई-शिक्षा : एक क्रांति :
डिजिटल साक्षरता आज समय की माँग है। ई-शिक्षा सेवाओं का विकास उस समय हुआ जब पहली बार शिक्षा में कंप्यूटर का इस्तेमाल किया गया। आज के इस निजीकरण के युग में शिक्षा का भी निजीकरण हो गया है और इंटरनेट ने पूरी दुनिया का ज्ञान सबके लिए खुला करके शिक्षा क्षेत्र में क्रांति लाई है।
यह नई शिक्षा प्रणाली ई-लर्निंग के नाम से जानी जाती है। इसने शिक्षा को रुचिकर बना दिया है। कम खर्च में ई-शिक्षा द्वारा प्रभावशाली और आकर्षक शिक्षा दी जाती है। इस से विद्यार्थी बिना किसी स्ट्रेस के स्वयं ही आसानी से विषय समझ लेता है।
इंटरनेट पर जानकारियों का खजाना है जो पलक झपकते ही हमारे सामने आ जाता है। जरूरत के मुताबिक विद्यार्थी वहाँ से अपनी जानकारी जुटा सकता है। डिजिटल इंडिया के तहत सभी स्कूलों को ब्रॉडबैंड से जोड़ने की योजना है।
सभी माध्यमिक, उच्चमाध्यमिक स्कूलों में मुक्त वाई-फाई प्रदान किया जाएगा। डिजिटल साक्षरता पर एक राष्ट्रीय स्तर का कार्यक्रम लाया जाएगा। ई-शिक्षा के लिए बड़े पैमाने पर ऑनलाइन ओपन पाठ्यक्रम का विकास किया जाएगा। इससे सीखना और सिखाना दोनों आसान हो जाएगा। जन-जन तक ज्ञान का प्रकाश फैलाने और धन और समय की बचत करने में ई-तकनीक उपयोगी सिद्ध होगी।
प्रश्न 3.
‘पर्यावरण संवर्धन में युवाओं का योगदान’ का समाचार लेखन कीजिए।
उत्तर :
पर्यावरण संवर्धन में युवाओं का योगदान :
आज दुनियाभर में जिस तरह प्रदूषण बढ़ता जा रहा है उसपर नियंत्रण पाने के लिए पर्यावरण संरक्षण की दिशा में सक्रिय भागीदारी निभाना बहुत जरूरी है। इस प्रक्रिया को सफल बनाने के लिए हर उम्र व हर क्षेत्र के लोगों का आगे आना जरूरी है। इस में कोई दोराय नहीं कि इस में युवाओं की भूमिका बेहद अहम है।
अगस्ती विद्यालय के कुछ छात्र और अध्यापक वैद्य का योगदान इस दृष्टि से प्रशंसनीय ही नहीं अनुकरणीय भी है। इन्होंने पर्यावरण और मिट्टी की महक को पहचाना और पर्यावरण संरक्षण की पहल की। पेड़-पौधों के संरक्षण का बीड़ा उठाया।
अपने हमउम्र छात्रों को कागजों की खपत पर अंकुश लगाने के लिए मनाया क्योंकि कागज बनाने के लिए पेड़ों की कटाई होती है। इसके पर्याय में डिजिटल कार्यप्रणाली को अपनाने का आह्वान किया।
‘वन समृद्धि, जन समृद्धि’ योजना आरंभ की और पेड़-पौधों को संरक्षण दिया। पौंधों को लगाकर उनके रख-रखाव का भी पूर्ण ध्यान रखने की जिम्मेदारी ली।
इन छात्रों ने प्रण लिया कि ‘वृक्ष लगाएँगे और ताउम्र उनकी रक्षा करेंगे।’ साथ ही पॉलिथीन के इस्तेमाल को भी प्रतिबंधित करने का बीड़ा उठाया। इन युवाओं का यह कार्य सराहनीय है। आज इनकी इस मुहिम में अन्य छात्र भी जुड़ रहे हैं। कुछ छात्र पथनाट्य द्वारा जागरूकता फैलाने का कार्य कर रहे हैं।
लोग पर्यावरण संरक्षण को लेकर गंभीर हो रहे हैं अर्थात उनके इस कार्य में सौ प्रतिशत सफलता जन भागिदारी पर निर्भर है।
Additional Important Questions and Answers
समाचार : जन से जनहित तक लेखक परिचय :
मीडिया में पी.एच.डी. की उपाधि प्राप्त डॉ. अमरनाथ ‘अमर’ लेखक, कवि, आलोचक एवं दूरदर्शन के सैकड़ों सफल कार्यक्रमों के निर्माता, निर्देशक हैं। स्पंदित प्रतिबिंब (काव्य संग्रह), वक्त की परछाइयाँ (निबंध संग्रह), पुष्पगंधा (कहानी संग्रह) इलेक्ट्रानिक मीडिया : बदलते आयाम आदि रचनाएँ प्रकाशित हुई हैं।
समाचार : जन से जनहित तक पाठ परिचय :
प्रस्तुत पाठ ‘समाचार : जन से जनहित तक’ एक लेख है। अनेक अनुच्छेदों में विभाजित करके लेखक ने विषय से संबंधित जानकारी को रोचक ढंग से समझाने का प्रयास किया है। आज के युग में जनसंपर्क माध्यमों में ‘समाचार’ की अहं भूमिका है।
ये समाचार पाठ्य माध्यम से, रेडियो द्वारा श्राव्य माध्यम से तो दूरदर्शन द्वारा दृक-श्राव्य माध्यम से दिए जाते हैं। इस कार्य में सहज, सरल एवं प्रवाहमयी भाषा की आवश्यकता होती है। प्रस्तुत लेख ने समाचार की आवश्यकता, महत्ता और भविष्य की विविध संभावनाओं को दर्शाया है।
समाचार : जन से जनहित तक पाठ का सारांश :
आज सैटेलाइट के माध्यम से विश्व में घटित घटनाएँ संचार माध्यम की सहायता से हम देख पढ़ या सुन लेते है। तीनों माध्यम मनोरंजन, ज्ञानवर्धन और सूचना प्रसारण करते हैं। इसी सूचना के अंतर्गत समाचार आते हैं।
समाचार पत्र को प्रिंट मिडिया कहा जाता है। इसमें विविध समाचार एजंसियाँ तथा रिपोर्टर समाचार प्राप्त करते हैं। उप संपादक प्राप्त समाचारों का लेखन करता है, मुद्रित सामग्री की त्रुटियाँ मुद्रित शोधक दूर करता है और उसे शुद्ध, समुचित, मानक साहित्यिक भाषाई रूप प्रदान करता है। उसके बाद प्रधान संपादक की ओर से हरी झंडी मिलने पर छपाई शुरू होती है।
दूरदर्शन/टी.वी चैनल्स (विजुअल) दृश्य मीडिया है। इस माध्यम द्वारा समाचार प्रस्तुत करने में प्रोड्युसर इंजीनियर, कैमरामैन, फ्लोर मैनेजर, वीडियो संपादक, ग्राफिक आर्टिस्ट आदि कई लोग शामिल होते हैं। समाचार लेखन, वाचन और प्रसारण का काम पूरी टीम करती है।
समाचार वाचक के लिए टेलीपॉप्टर की सुविधा होती है। समाचार वाचक के लिए प्रभावशाली व्यक्तित्व के साथ-साथ सुयोग्य आवाज, शुद्ध उच्चारण, भाषा का ज्ञान आदि आवश्यक है।
समाचार प्राप्त करने के अनेक साधन हैं समाचार एजेंसियाँ, प्रेस विज्ञप्तियाँ (press release), भेट वार्ताएँ (interview), राजनीतिक पार्टियों के प्रवक्ता, मोबाइल पर रिकॉर्ड की गई कोई जानकारी आदि। समाचार का स्वरूप भी बहुत विस्तृत है। राजनीतिक, खेल, व्यापार, रोजगार, विज्ञान, बजट, चुनाव, कृषि, स्वास्थ्य आदि से संबंधित समाचार प्रसारित होते हैं। समाचार की भाषा सरल और सहज होनी चाहिए।
समाचार में ऐसी बात न हो जिससे किसी धर्म, जाति या वर्ग की भावना को चोट पहुँचे। समाचार प्रस्तुति राष्ट्रहित, एकता और अखंडता को ध्यान में रखकर होनी चाहिए।
आज इस क्षेत्र में रोजगार की संभावनाएँ बढ़ गई हैं। यू.पी.एस.सी. की परीक्षाएँ देकर रोजगार प्राप्त कर सकते हैं।
समाचार : जन से जनहित तक शब्दार्थ :
- वैश्वीकरण = globalization,
- सैटेलाइट = उपग्रह (satellite),
- प्रस्तुति = निष्पत्ति (presentation),
- प्रतिबद्धता = संकल्पबद्धता, वचनबद्धता (commitment),
- संलग्न = जुड़ा हुआ (attached),
- ललक = उत्कंठा, चाहत (desire),
- मुद्रित = छपा हुआ (printed),
- त्रुटियाँ = भूल-चूक (error),
- संकेत = निशान, चिह्न (sign),
- साक्षात्कार = मुलाकात, भेंट वार्ता (interview),
- प्रवक्ता = अधिकारिक रूप से बोलने वाला व्यक्ति (representative),
- स्त्रोत = उद्गम स्थान, भंडार (source),
- परिचर्चा = संगोष्टी, गुफ्तगू (discussion),
- स्वर = आवाज (voice, vocal)