Chapter 4 मेरा भला करने वालों से बचाएँ

Chapter 4 मेरा भला करने वालों से बचाएँ

Textbook Questions and Answers

आकलन

1.
प्रश्न अ.
लिखिए :
(a) लेखक की चिंता करने वाले –
उत्तर :

मुस्कुराती चहचहाती लड़कियों के झुंड, सभी तरह के इलाज करने वाले, क्रेडिट कार्ड वाले, हलवाई, वॉटर फिल्टर वाले लोग।

(b) लेखक का योग के प्रति मोह भंग हो गया है –
उत्तर :

क्योंकि उनके ठहाकों का राज लेखक की समझ में आ गया।

प्रश्न आ.
कारण लिखिए –


उत्तर :
(i) पार्क में घूमने जाते हैं तब योग संस्थान वाले घेर लेते हैं।
(ii) फिल्म देखने जाते हैं तो टिकट के साथ खाने का सामान शामिल कर लिया जाता है।
(iii) मनोरंजन के लिए टी.वी. ऑन करते हैं तो समाचार चैनल खबरों के नाम पर डराते हैं।

शब्द संपदा

प्रश्न अ.
उपसर्गयुक्त शब्द लिखिए –

उत्तर:

प्रश्न आ.
प्रत्यययुक्त शब्द लिखिए


उत्तर:

अभिव्यक्ति
३. मुफ्त में मिलने वाली चीजों के प्रति लोगों की मानसिकता को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :

वस्तुओं के दाम बढ़ गए हैं। बाजार में वस्तु बेचने वालों के बीच होड़ मची है। हर कोई अपनी वस्तु बेचने के लिए उतावला हो रहा है। हर कोई चाहता है कि, वह लोगों को यह समझा दें कि, औरों से उसकी वस्तु कितनी अच्छी है। अपनी वस्तुओं का बखान वह बढ़ा-चढ़ाकर कर रहा है।

आज एक ही प्रकार की वस्तुओं के अलग-अलग उत्पादक है। उत्पादन करने वाली हर कंपनी अपनी वस्तु को दूसरे से हटकर अधिक अच्छे तरीके से दूसरों के गले में बाँध देना चाहते हैं। ग्राहक आकर्षित हो इसलिए वे ‘फ्री’ का फंडा अपनाते हैं, चाहे उसका दर्जा कैसा भी क्यों न हो।

वस्तु का दर्जा पहचाने बगैर मुफ्त में मिलने वाली वस्तुओं के प्रति लोगों का आकर्षण दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है, इसका फायदा उत्पादन करने वाली कंपनियाँ ले रही हैं। लोग हैं कि, फ्री की वस्तु पाने के लिए वस्तुओं की खरीदारी कर अपने को चतुर एवं सयाने समझने लगे हैं। इस फ्री के चक्कर में लोग न जाने कितनी अनावश्यक वस्तुएँ खरीदते हैं।

पाठ पर आधारित लघूत्तरी प्रश्न

4.
प्रश्न अ.
पाठ के आधार पर ग्राहकों की वर्तमान स्थिति का चित्रण कीजिए।
उत्तर :

वर्तमान युग में भला करने वाले लोगों से लेखक बेहद परेशान हैं। हर कोई यह दावा कर रहा है कि, वे लोगों के फायदे के बारे में सोचते हैं। मुफ्त में वस्तु दे रहे हैं। इन सब के लिए विज्ञापनों की भरमार हो रही है। अस्पताल वाले भी हर तरह का इलाज करने के लिए तैयार हैं।

आपका मोटापा कम करने की चिंता जितनी आपको नहीं है, उतनी स्लिमिंग सेंटरवालों को है। आप बेझिझक कोई भी और कितनी भी महँगी वस्तु खरीद सकते हैं। बैंक की ओर से क्रेडिट कार्ड वाला आपको डेबिट कार्ड दे रहा है। आपके स्वास्थ्य की चिंता वॉटर फिल्टर वालों को अधिक है।

योग संस्थान वाले आपको हँसाकर आपके स्वास्थ्य में सुधार लाना चाहते हैं। भारत माँ का सपूत लोगों के हित के लिए सस्ते में मॉल में कपड़े बेच रहा है। ‘सेल’ फोन वाला मुफ्त में सिम कार्ड बेच रहा है। आज ‘मुफ्त के चक्कर’ में लोग फँसते हैं।

प्रश्न आ.
अखबार के दफ्तर से आए दो युवाओं से मिले लेखक के अनुभवों को अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर :

अखबार के दफ्तर से लेखक से मिलने दो युवा आए थे। उन्होंने लेखक से कहा कि, वे फिल्में दिखाते हैं, राय पाने के लिए आमंत्रित करेंगे। लेखक को खुश होते देखकर उन्होंने फौरन अपना काम शुरू कर दिया। जैसे ही लेखक को किसी काम में व्यस्त पाया फौरन उन्होंने लेखक के सामने हस्ताक्षर करने के लिए कागज आगे किए।

कागजातों में क्या लिखा है ये पढ़े बगैर ही हस्ताक्षर वाली जगह दिखाकर हस्ताक्षर करवाए। कुछ ही दिनों में लेखक को एक क्रेडिट कार्ड मिला। पूछताछ करने पर पता चला कि, उनका किसी विदेशी बँक से काँट्रेक्ट था। अपना लक्ष्य पूरा करवाने के लिए उन्होंने यह क्रेडिट कार्ड बनवाया था।

साहित्य संबंधी सामान्य ज्ञान

5.
जानकारी दीजिए:

प्रश्न अ.
राजेंद्र सहगल जी की साहित्यिक कृतियाँ –
(a) ……………………………
(b) ……………………………
उत्तर :

(a) असत्य की तलाश
(b) धर्म बिका बाजार में

प्रश्न आ.
अन्य व्यंग्य रचनाकारों के नाम –
…………………………… ……………………………
…………………………… ……………………………
उत्तर :

  • श्रीलाल शुक्ल,
  • हरिशंकर परसाई,
  • के. पी. सक्सेना,
  • रविंद्रनाथ त्यागी।

6. निम्नलिखित रसों के उदाहरण लिखिए :

(a) वीर
…………………………………………………………
…………………………………………………………

(b) करुण
…………………………………………………………
…………………………………………………………

(c) भयानक
…………………………………………………………
…………………………………………………………
उत्तर :
(a) वीर :

उदा. : लक्ष्मी थी या दुर्गा थी वह स्वयं वीरता की अवतार,
देख मराठे पुलकित होते उसकी तलवारों के वार।
बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी,
खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी।
– सुभद्राकुमारी चौहान

(b) करुण :
उदा. : पेट-पीठ दोनों मिलकर हैं एक,
चल रहा लकुटिया टेक,
मुट्ठी भर दाने को, भूख मिटाने को,
मुँह फटी पुरानी झोली को फैलाता,
दो टुक कलेजे के करता पछताता पथ पर आता।
– सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’

(c) भयानक :
उदा. : बेचैन हैं हवाएँ, सब ओर बेकली है,
कोई नहीं बताता, किश्ती किधर चली है?
मँझधार है, भँवर है या पास है किनारा?
यह नाश आ रहा या सौभाग्य का सितारा?
– रामधारी सिंह ‘दिनकर’

Additional Important Questions and Answers

कृतिपत्रिका

(अ) निम्नलिखित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए :

गद्यांश : इधर मैं कई दिनों से ………………………………………….. वक्त नहीं बचेगा। (पाठ्यपुस्तक पृष्ठ क्र. 13)

प्रश्न 1.
संजाल पूर्ण कीजिए :

प्रश्न 2.
परिणाम लिखिए :
(i) क्रेडिट कार्ड के साथ डेविट कार्ड मिलने का परिणाम ……………………………….
उत्तर :

क्रेडिट कार्ड के साथ डेबिट कार्ड मिलने से पैसे खर्च करने या नकद खर्च करने की जरूरत नहीं पड़ती।

(ii) अखबार के साथ आए पैंफलेट पढ़ने का परिणाम ……………………………….
उत्तर :

अखबार के साथ आए पैंफलेट पढ़ने बैठे तो अखबार पढ़ने के लिए वक्त नहीं बचता।

(क) गद्यांश में इन शब्दों के लिए प्रयुक्त अंग्रेजी शब्द :
(i) मुफ्त ……………………………….
(ii) पतला होना ……………………………….
(iii) लघु पुस्तक ……………………………….
(iv) स्वहस्त लेख ……………………………….
उत्तर :

(i) मुफ्त = फ्री
(ii) पतला होना = स्लिमिंग
(iii) लघु पुस्तक = पैंफलेट
(iv) स्वहस्त लेख = आटोग्राफ उदा.

(ख) विलोम शब्द लिखिए :
(i) भला
(ii) मोटा
उत्तर :

(i) भला x वुरा
(ii) मोटा x पतला

प्रश्न 3.
‘विज्ञापन हमारे जीवन को प्रभावित करते हैं स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :

अखबार, पैंफलेट, दूरदर्शन, बड़े-बड़े पोस्टर इन सब के माध्यम से विज्ञापन मनुष्य पर हावी हो रहे हैं। हर एक विज्ञापन हमें बताता है कि, वह हमारे लिए कैसे उपयोगी है। पहले कोई चीज खरीदने के लिए हमें यहाँ-वहाँ पूछताछ करनी पड़ती थी।

जानकार लोगों से राय लेनी पड़ती थी कि हमारे लिए कौन सी लाभदायक है? किंतु आज वस्तुओं को खरीदने से पहले उसमें क्या है, यह हमें मालूम पड़ जाता है। उस वस्तु में जिन पदार्थों का उपयोग किया गया है – वह है क्या यह जान लेने की जरूरत पड़ती है।

पहले लोगों को उधार सामान खरीदना अच्छा नहीं लगता या किंतु आज यह फैशन बन गया है। बैंकों आदि से लोन लेने के लिए बैंकों के कई चक्कर काटने पड़ते थे किंतु आज बैंक के सदस्य हमारे घर आकर लोन की पूछताछ करते हैं। बड़े-बड़े विज्ञापन हमारे जीवन में जरूरतें निर्माण करते भी हैं और उसे पूरा करने के लिए उपाय भी सुझाते हैं।

(आ) निम्नलिखित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए :

गद्यांश : बाजार की चिल्लपों से …………………………………………… प्रहार से मरना लाजिमी है। (पाठ्यपुस्तक पृष्ठ क्र. 15)

प्रश्न 1.
संजाल पूर्ण कीजिए :

प्रश्न 2.
लिखिए : समाचार चैनल पर वर्णित गर्मी के मौसम का हाल –
(i) …………………………………
(ii) …………………………………
उत्तर :

समाचार चैनल पर वर्णित गर्मी के मौसम का हाल –
(i) गर्मी की तपिश से जनता बेहाल।
(ii) आकाश से आग बरसती है।

प्रश्न 3.
निम्न शब्दों को उचित तालिका में लिखिए : (बेहाल, जीवित, खौफनाक, प्रकोप)
उपसर्गयुक्त शब्द – प्रत्यययुक्त शब्द
…………………….. – ……………………..
…………………….. – ……………………..
…………………….. – ……………………..
उत्तर:

उपसर्गयुक्त शब्द – प्रत्यययुक्त शब्द
बेहाल – जीवित
प्रकोप – खौफनाक

प्रश्न 4.
‘समाचार चैनल भी दर्शकों का मनोरंजन करना चाहते हैं इस तथ्य पर अपने विचार लिखिए।
उत्तर :

समाचार चैनल एक ऐसा जरिया है जिसके द्वारा देश-विदेश की जानकारी एक साथ लाखों लोगों तक पहुँचाई जा सकती हैं।

दूरदर्शन पर किसी भी समाचार को सुनने के साथ-साथ हम देख भी सकते हैं। इसीलिए लोगों का रुझान भी बढ़ा। आज दूरदर्शन पर ऐसे चैनल आए हैं जो 24 घंटे समाचार प्रसारित करते हैं। यह उनकी सफलता ही बयाँ करती है कि वे कई भाषाओं में उपलब्ध हैं।

हमारे सामने इतने विकल्प होते हैं कि अपनी मर्जी से हम किसी भी चैनल को चुन सकते हैं। इसी वजह से इन चैनलों में स्पर्धा शुरू हो गई। और सच्चाई को भी तोड़-मरोड़कर परोसा जाने लगा है। छोटी सी बात को मिर्च-मसाला लगाकर दिखाते हैं।

किसी अपदा, दुर्घटना के समय घायल या मृतकों की संख्या इसी लिए अलग-अलग होती है और चैनल अपनी विश्वसनीयता खोने लगे हैं।

(इ) निम्नलिखित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए :

गद्यांश : ‘सेल’ फोन से ……………………………………. वो ले लो, ये फ्री।” (पाठ्यपुस्तक पृष्ठ क्र. 16)

प्रश्न 1.
संजाल पूर्ण कीजिए :

प्रश्न 2.
निम्नलिखित वाक्यों का उचित क्रम लगाइए :

(i) कुछ अपनी सुरक्षा की तैयारी कर सकते हैं पर इन फायदा करने वालों से बचने की ज्यादा जरूरत है।
(ii) एक-दूसरे से मिलकर बात कम करें, फोन पर ज्यादा करें।
(iii) मुझे अपना भला नहीं करवाना है।
(iv) उसमें करेंट दौड़ जाता है।
उत्तर :
(i) एक-दूसरे से मिलकर बात कम करें, फोन पर ज्यादा करें।
(ii) उसमें करेंट दौड़ जाता है।
(iii) कुछ अपनी सुरक्षा की तैयारी कर सकते हैं पर इन फायदा करने वालों से बचने की ज्यादा जरूरत है।
(iv) मुझे अपना भला नहीं करवाना है।

प्रश्न 3.
लिखिए : (i) गद्यांश में प्रयुक्त दो शब्द-युग्म ढूँढकर लिखिए :
(1) ………………………. – ……………………….
(2) ………………………. – ……………………….
उत्तर :

(1) एक – दूसरे
(2) ठीक – ठीक

(ii) गद्यांश से विलोम शब्द की जोड़ियाँ ढूँढकर लिखिए :
(1) ………………………. – ……………………….
(2) ………………………. – ……………………….
उत्तर :

(1) आम – खास
(2) नुकसान x फायदा

प्रश्न 4.
‘सेल’ फोन के दुष्परिणाम बताइए।
उत्तर :

‘सेल’ फोन आने के पश्चात हमारी यह धारणा बनी थी कि, हम ज्यादा से ज्यादा लोगों से कहीं भी, कभी भी जुड़ जाएँगे। हम अधिकाधिक लोगों से जुड़ तो गए किंतु अपने करीबी लोगों से हम दूर हो गए। हम एक दूसरे से कम, दूर के लोगों से फोन पर अधिक बातें करने लगे।

‘सेल’ फोन से ऊँचा सुनना, आँख की बीमारी जैसी कई प्रकार की समस्याएँ निर्माण हुईं। अपने मिलने वालों से कम और जो कहीं दूरी पर है, उससे ही बतियाते रहे। परिणामत: एक ही घर में रहने वाले सदस्य एक-दूसरे के लिए अजनबी हो गए। हमारा कीमती वक्त मोबाइल में उलझे रहने के कारण बर्बाद होने लगा।

Summary in Hindi

मेरा भला करने वालों से बचाएँ लेखक परिचय :

सहगल जी ने दिल्ली विश्वविद्यालय से एम्.ए.,पीएच्.डी. की उपाधि प्राप्त की। आप बैंक में उपप्रबंधक के रूप में कार्यरत रहे। आप आकाशवाणी से विभिन्न विषयों पर वार्ताओं का प्रसारण करते हैं तथा सामयिक महत्त्व के विषयों पर फीचर लेखन भी करते हैं।

मेरा भला करने वालों से बचाएँ प्रमख कतियाँ :

‘हिंदी उपन्यास’, ‘तीन दशक’ (शोध प्रबंध), ‘असत्य की तलाश’, ‘धर्म बिका बाजार में (व्यंग्य संग्रह)

मेरा भला करने वालों से बचाएँ विधा परिचय :

‘व्यंग्य’ का मतलब शब्दों का तीखा प्रहार। लेखक अपनी संवेदना के धरातल पर समाज में व्याप्त विसंगतियों (discrepancy) पर कड़ा प्रहार करता है। वह भाषा की व्यंजना शक्ति का प्रयोग इतना बखूबी करता है, कि विसंगति में संगति, कुरूपता (ugliness) के पीछे सुंदरता, विरोधाभास (parodax) में समानता की सृष्टि होकर हास्य रस की निष्पत्ति होती है।

मेरा भला करने वालों से बचाएँ विषय प्रवेश :

लेखक का मानना है कि, झूठ को सच बताने में जो ताकत लगती है उसका सौंवा हिस्सा भी सच को सच साबित करने में नहीं लगता। ‘मुफ्त के चक्कर’ में अपना भला करने वाले हमारे आस-पास कई सारे लोग दिखाई देते हैं, उनसे ‘मुझे बचना है’ कहकर इस प्रवृत्ति पर व्यंग्य कसा है।

मेरा भला करने वालों से बचाएँ मुहावरें :

  1. दर-दर भटकना – मारा-मारा फिरना।
  2. सोने पे सुहागा होना – किसी वस्तु या व्यक्ति का उच्चतर/बेहतर होना।
  3. राह देखना – इतंजार करना।

मेरा भला करने वालों से बचाएँ टिप्पणी :

तुरुप – ताश का एक खेल जिसमें प्रधान माने हुए रंग का छोटे-से-छोटा पत्ता अन्य रंगों के बड़े-से-बड़े पत्ते को काट सकता है।

मेरा भला करने वालों से बचाएँ सारांश :

समाज का हर एक आदमी लेखक का भला करना चाहता है। अखबार में विज्ञापन के ढेर सारे कागज पाए जाते हैं, जिसमें हर तरह के इलाज के लिए क्लिनिक है, स्लिमिंग सेंटरवाला आप के आने का इंतजार कर रहा है, हलवाई लाजबाब मिठाई बेच रहा है।

कहीं क्रेडिट कार्ड वाला फ्री डेबिट कार्ड दे रहा है। कोई घर तक सामान पहुँचाने के लिए तैयार है। गाड़ी वाला नई गाड़ी के लिए लोन के लिए बैंक के कागज दे रहा है। कहीं पर मुस्कुराती चहचहाती लड़कियों के झुंड आपका आटोग्राफ लेने के लिए आती हैं। कोई साफ पानी के लिए वॉटर फिल्टर लगाना चाह रहा है। सब कुछ किस्तों में और क्रेडिट कार्ड पर मिल रहा है। साबुन की टिकियाँ कम-से-कम चार लेनी पड़ती है।

हर जगह भाईचारा इतना बढ़ गया है कि, ‘लार्जर टॅन लाइफ’ हो गया है। पार्क में जाते हैं तो योग संस्थान वाले ‘योगा’ के फायदे समझाते हैं। फिल्म देखने जाते हैं तो टिकट के साथ खाने का सामान शामिल कर लिया जाता है। ‘मॉल’ में कपड़ों की सेल लगी है।

देशवासियों के प्रति होने वाले प्यार के कारण वह सस्ता माल बेच रहा है। दरअसल वह सेकेंड का सस्ता माल बेचने के लिए अपने को धरती का लाल कहता है। कोई दुकानवाला त्योहारों पर दुकान की छुट्टियों की अग्रिम सूचना देता है।

घर जाकर टीवी शुरू करते हैं, तो समाचार चैनल खबरों के नाम पर डरा रहे हैं। मौसम का हाल जानना चाहते हैं, तो कहते हैं, अगर आप जीवित रहना चाहते हैं, तो घर से बाहर न निकलें। दरअसल ये सारे लोग हमारा भला चाहने वाले हैं लेकिन हम इन्हें ठीक तरह से समझ नहीं पा रहे हैं।

लेखक के मोहल्ले में ‘पुरुष ब्यूटी पार्लर’ खुल गया है। लेखक नाखून कटवाने के लिए जाता है, तो उसे सलाह मिलती है कि लेखक अपना ‘फेशियल’ करवाकर अपना ‘फेस वेल्यू’ बढ़ाए। लेखक के नाखून इस तरह तराशे मानो कोई संगमरमर की मूर्ति तराश रहा हो। आखिरकार नाखून काटने के 1000/- रु. लेकर मुक्त कर दिया।

रास्ते में मोबाइल खरीदारों की लाइन लगी थी पूछने पर पता चला कि, मोबाइल के साथ सिम कार्ड मुफ्त मिलता है। लेखक ने भी मोबाइल खरीदा। कोई भी फोन नहीं आ रहा है। लेखक सोचता है, शायद उसने कोई गलत बटन तो नहीं दबाया। कार्यव्यस्तता के कारण लोग सड़क पर चलते-चलते फोन कर रहे हैं। ‘सेल’ फोन से हम हीनता की ग्रंथि से मुक्त हुए हैं। हम एक-दूसरे से कम, फोन पर ज्यादा बातें कर रहे हैं।

अपना नुकसान करने वालों से तो हम बच सकते हैं किंतु हमारा फायदा करने वालों से बचने की ज्यादा जरूरत है। ना कहने पर भी वे, ‘यह ले लो, वो फ्री, वो ले लो, ये फ्री’, कहकर हर हालत में हमारा फायदा करके ही मानेंगे।

इस तरह लेखक फायदा करने वालों से बचना चाहता है।

मेरा भला करने वालों से बचाएँ शब्दार्थ :

  • क्लीनिक = अस्पताल (clinic),
  • झुंड = बहुत से मनुष्यों का समूह (group),
  • विवरण = वर्णन, ब्यौरा (discription),
  • चुटकुला = मनोरंजक बात (joke),
  • दायरा = गोल घेरा (radius),
  • चिल्लप = चीख, पुकार (shouting),
  • तपिश = गरमी (heat),
  • प्रकोप = क्षोभ (outbreak),
  • मोहभंग = भ्रांति निवारण (disillusion),
  • आलम = दुनिया (world),
  • स्लिमिंग = पतला होना (slimming),
  • फ्री = मुफ्त (free),
  • निर्देश = सूचना (instruction)
  • विवरण = वर्णन, ब्योरा
  • मोहभंग = भ्रांति निवारण
  • दायरा = गोलघेरा 
  • चुटकुला = मनोरंजक बात